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कोटा: संभाग में अप-डाउन करने वाले टीचर मिले कोरोना संक्रमित, अब लगा प्रतिबंध

कोरोना का संक्रमण प्रदेश में बड़े ही तेजी से फैल रहा है. ऐसे में कोटा शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक हजारीलाल शिवहरे का कहना है कि संभागीय और जिला कलेक्टर के निर्देश के बाद अप डाउन पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए हैं. ऐसे में अब कोई भी शिक्षक अप डाउन नहीं करेगा. उनको मुख्यालय पर रहकर ही ड्यूटी देनी होगी.

कोटा में कोरोना के मामले बढ़े, corona patient increases in kota
अप डाउन करने पर लगा प्रतिबंध
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Published : Jul 23, 2020, 9:28 PM IST

कोटा. कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है. कोटा में कई सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक इसकी चपेट में आ गए हैं, जो कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में कार्यरत है. इसके चलते ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

इसको देखते हुए जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने एक निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत कोटा जिले में कोई भी शिक्षक अब अपडाउन नहीं करेगा. उनको मुख्यालय पर रहकर ही ड्यूटी देनी होगी. शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक हजारीलाल शिवहरे का कहना है कि संभागीय केसी मीणा और जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ के निर्देश के बाद आदेश जारी किया गया हैं.

अप-डाउन करने वाले टीचर मिले कोरोना संक्रमित

पढ़ेंः क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाला: केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ जांच के आदेश

साथ ही शिक्षकों पर मॉनिटरिंग के लिए जिला और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है. इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो कार्मिक अप डाउन कर रहे हैं, वह लोग अब अपडाउन नहीं करें और विशेष परिस्थिति में भी कोई आना-जाना करता है, तो कोविड-19 की सुरक्षात्मक उपाय सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करें.

वहीं रोज अप डाउन करने वाले पर सख्ती से पाबंदी लगाने के निर्देश है. इसके तहत जो कार्मिक है, वह जहां पर उनकी ड्यूटी है, वहीं अपना मुख्यालय या हेड क्वार्टर बनाएंगे. कोटा संभाग की बात की जाए तो चारों जिलों बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा में 5 हजार 272 से ज्यादा स्कूल है. इसके अलावा 17 हजार 400 शिक्षक कार्यरत हैं.

पढ़ेंः मानसिंह हत्याकांड में सजा का ऐलान...DSP समेत 11 पुलिसकर्मियों को आजीवन कारावास

अधिकांश स्कूल ग्रामीण इलाकों में है. जहां पर शिक्षक अप डाउन ही करते हैं. कई शिक्षक तो ऐसा है कि दूसरे जिलों से वहां पर ड्यूटी देने आते हैं. बता दें कि कोटा और बारां जिले में ड्यूटी देने जाने वाली छावनी निवासी महिला शिक्षक और कमला उद्यान निवासी एक अन्य शिक्षक पॉजिटिव आए थे. इसके बाद अन्य दो शिक्षक पॉजिटिव आ चुके हैं.

कोटा. कोरोना का संक्रमण लगातार फैल रहा है. कोटा में कई सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक इसकी चपेट में आ गए हैं, जो कि ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में कार्यरत है. इसके चलते ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है.

इसको देखते हुए जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ ने एक निर्देश जारी किए हैं. जिसके तहत कोटा जिले में कोई भी शिक्षक अब अपडाउन नहीं करेगा. उनको मुख्यालय पर रहकर ही ड्यूटी देनी होगी. शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक हजारीलाल शिवहरे का कहना है कि संभागीय केसी मीणा और जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ के निर्देश के बाद आदेश जारी किया गया हैं.

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साथ ही शिक्षकों पर मॉनिटरिंग के लिए जिला और ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है. इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जो कार्मिक अप डाउन कर रहे हैं, वह लोग अब अपडाउन नहीं करें और विशेष परिस्थिति में भी कोई आना-जाना करता है, तो कोविड-19 की सुरक्षात्मक उपाय सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग करें.

वहीं रोज अप डाउन करने वाले पर सख्ती से पाबंदी लगाने के निर्देश है. इसके तहत जो कार्मिक है, वह जहां पर उनकी ड्यूटी है, वहीं अपना मुख्यालय या हेड क्वार्टर बनाएंगे. कोटा संभाग की बात की जाए तो चारों जिलों बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा में 5 हजार 272 से ज्यादा स्कूल है. इसके अलावा 17 हजार 400 शिक्षक कार्यरत हैं.

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अधिकांश स्कूल ग्रामीण इलाकों में है. जहां पर शिक्षक अप डाउन ही करते हैं. कई शिक्षक तो ऐसा है कि दूसरे जिलों से वहां पर ड्यूटी देने आते हैं. बता दें कि कोटा और बारां जिले में ड्यूटी देने जाने वाली छावनी निवासी महिला शिक्षक और कमला उद्यान निवासी एक अन्य शिक्षक पॉजिटिव आए थे. इसके बाद अन्य दो शिक्षक पॉजिटिव आ चुके हैं.

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