कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश का बजट पेश किया. इसमें कोटा में नया औद्योगिक क्षेत्र खोलने की घोषणा की गई है. इसके साथ ही तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाया गया है, जिसकी सराहना लोगों ने की है.
कोटा के श्री सर्राफा बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र गोयल विचित्र ने कहा कि बजट अच्छा है व्यापारियों के हिसाब से इसमें नुकसान है और ज्यादा कुछ अच्छा नहीं है. गहलोत सरकार ने किसानों को बजट समर्पित किया है. किसान कल्याण कोष बनाया है जिससे किसान उन्नत होगा, तो व्यापार में भी इसका असर आएगा. गांव की छोटी मोटी दुकानों का व्यापार बढ़ेगा, जिससे हमारा भी व्यापार बढ़ेगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि कोटा में नए औद्योगिक क्षेत्र की घोषणा की है. जो स्वागत योग्य कदम है, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि पिछली औद्योगिक क्षेत्रों की जगह जहां हॉस्टल और अन्य प्रतिष्ठान संचालित हो रहे हैं. इसकी जगह सरकार में उद्योग भी लेकर आए.
अन्य दुकानदार प्रमोद गांधी का कहना है कि राजस्थान सरकार ने आम आदमी को राहत देने का प्रयास इस बजट के माध्यम से किया है. राज्य सरकार ने तंबाकू उत्पादों पर टैक्स बढ़ाकर अच्छा प्रयास किया है. गली मोहल्ले में छोटे क्लीनिक खोलने का वादा भी अच्छा है, जिससे लोगों को अपने पास ही उपचार मिलेगा.
युवा रवि का कहना है कि युवाओं के लिए इस बजट में ज्यादा कुछ नहीं है शिक्षा के क्षेत्र में युवाओं को अच्छे अवसर प्रदान करने चाहिए थे. साथ ही रोजगार के क्षेत्र में भी युवाओं को ज्यादा इस बजट से नहीं मिला है.
कोटा के व्यापारी विवेक जैन का कहना है कि हमें उम्मीद थी कि बाड़मेर और जोधपुर की तरह कोटा को अच्छी इंडस्ट्रीज की सौगात मिलती, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है. बजट कोटा के लिए अच्छा भी नहीं कहा जा सकता और कोटा के लिए बुरा भी नहीं कहा जा सकता.
जैन सोशल ग्रुप के अध्यक्ष पंकज सेठी का कहना है अशोक गहलोत सरकार कोटा में स्मार्ट मीटर हटाने की मुहिम को लेकर सत्ता में आई थी. इसीलिए कोटा से जीत मिली थी, लेकिन पूरे प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने की घोषणा कर गहलोत सरकार को कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए. गहलोत सरकार को इस पर जवाब जरूर देना चाहिए.