कोटा. पंचायत राज चुनाव में जिला परिषद और पंचायत समितियों में नामांकन दाखिले का आज गुरुवार को अंतिम दिन था (panchayat chunav nomination last date) और इसके लिए 3:00 बजे तक का समय मुकर्रर था. लेकिन कई ऐसे प्रत्याशी रहे जो कि 3:00 बजे के चंद मिनटों बाद पहुंचे. इससे ये नामांकन दर्ज करने से ही चूक गए.
इनमें टेंपो देरी से मिलने के चलते किशनपुरा तकिया की बबली नामांकन दाखिल नहीं कर पाईं. वह अकेली ही अपना नामांकन दर्ज करवाने पहुंची थी. इसी तरह से जिला परिषद के वार्ड नंबर 20 से गौतम मीणा और गोलू भी नामांकन दर्ज कराने से चूक गए. क्योंकि वे नामांकन दर्ज करवाने अपने समर्थकों के साथ आ रहे थे और रास्ते में उनकी गाड़ी खराब हो गई. गाड़ी खराब होने के चलते हुए नामांकन दर्ज करवाने समय से नहीं पहुंच पाए. वे 3:10 पर पहुंचे, जब तक नामांकन दर्ज करवाने का समय खत्म हो चुका था.
पति शादी में चले गए, टेंपो समय से नहीं मिला : पंचायत समिति लाडपुरा में वार्ड नंबर 7 से चुनाव लड़ने की इच्छुक बबली नयागांव किशनपुरा तकिया में रहती हैं. उनके पति गिर्राज प्रसाद आज अपने भाई के बेटे की बरात में कोटा की खेडली फाटक के लिए रवाना हो गए. बबली कहना है कि उसके पति ने नामांकन दाखिल करने के लिए सुबह कहा था. ऐसे में वह टेंपो की मदद से नामांकन दाखिल करने के लिए (kota nomination latest news) कोटा लाडपुरा पंचायत समिति आईं, लेकिन टेंपो मिलने में देरी हो गई. जिस टेंपो में बैठकर आईं वह भी धीरे-धीरे लेकर आया था. कई बार बबली ने उससे कहा कि तेज चलाएं, लेकिन टेंपो तेज नहीं चल पा रहा था.
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ऐसे में समय भी ज्यादा लग गया. बबली जब लाडपुरा पंचायत समिति में नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंची, तब 3:00 बजे से ज्यादा का समय हो गया था. वहीं, दूसरी तरफ बबली ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ लोगों ने उसे बाहर ही रोक दिया और कहा कि वह रुक जाएं, थोड़ी देर में उसे अंदर जाने दिया जाएगा. लेकिन जब अंदर आई तब नामांकन का समय निकल गया था. बबली का कहना है कि वह दो बार वार्ड पंच भी रह चुकी हैं.
समर्थक नहीं कर पाए दूसरे वाहन की व्यवस्था...
जिला परिषद सदस्य का नामांकन दाखिल करने से चुके गौतम मीणा उर्फ गोलू पीपल्दा तहसील के मीणा बस्ती मुंडली निवासी हैं. वह वार्ड नंबर 20 से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी नामांकन दाखिल करने के लिए आ रहे थे. उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि नामांकन कहां पर दाखिल करवाना है. पहले वह इटावा पहुंचे, जहां से बताया गया कि कोटा ही नामांकन दाखिल होगा.
ऐसे में वे जिला मुख्यालय के लिए इटावा से अपने समर्थकों के साथ जीप में बैठकर रवाना हो गए, लेकिन रास्ते में जीप खराब हो गई. करीब डेढ़ घंटे तक जीप सही नहीं हुई. इसके पहले उन्होंने अपने समर्थकों से कहा था कि दूसरा वाहन खोजा जाए, लेकिन ऐसी व्यवस्था नहीं हो सकी. इसके चलते वह नामांकन दाखिल करवाने में देर से पहुंचे. करीब 3:10 पर जब वे कोटा कलेक्ट्रेट पहुंचे, तब तक नामांकन दाखिल (Candidates Could not Enrolled in Kota) करने का समय निकल चुका था.
गौतम मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि अब कोई बात नहीं है. अगली बार वे दोबारा तैयारी करेंगे और 5 साल बाद समय से ही नामांकन दाखिल करवाने के लिए पहुंचेंगे. हालांकि, गौतम मीणा कांग्रेस के बागी बन कर नामांकन दाखिल करने के लिए पहुंचे थे, क्योंकि वे टिकट की दौड़ में अपने आप को शामिल बता रहे थे, लेकिन दूसरे खेमे के समर्थक होने के चलते उन्हें टिकट नहीं मिला.