कोटा."कोरोना" से बचाव हेतू मास्क की बढ़ती डिमांड के चलते अब बाजारों में मास्क की शॉर्टेज होने लगी है. जिसके चलते इसकी कालाबाजारी भी हो रही है. अब इस समस्या से लोगों को बचाने के लिए जेल में बंद कैदी भी सामने आ गए हैं. वे भी जेल में मास्क तैयार कर रहे हैं, जो लागत के दाम पर ही बाजार में उपलब्ध कराए जाने भी लगे हैं.
इन मास्क के लिए सामाजिक संस्थाएं कतार में हैं, जो लगातार कैदियों द्वारा बनाये गए मास्क खरीद कर जरूरतमंदों तक पहुंचा रहीं है. ऐसे में कैदियों द्वारा निर्मित इन मास्कों की डिमांड भी बढ़ने लगी है. दरसअल, कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अब हर कोई मास्क का उपयोग कर रहा है.
ऐसे में सेंट्रल जेल में बंद कैदियों की ओर से यार्न से तैयार धागे से कॉटन बेस्ड मास्क बनाये जा रहे है, जो संक्रमण को रोकने में कारगर हैमास्क के बढ़ते बाजार में अब कैदियों की ओर से बनाये जा रहे. इन मास्क की डिमांड भी बढ़ने लगी है. कैदी भी लगातार काम कर इन मास्क को बनाने में जुटे हुए है, ताकि जरूरतमंदों तक ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ये पहुंच सके.
जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल ने बताया कि लगभग 1 हजार मास्क अभी इन कैदियों द्वारा बनाये गए है, जिसके लिए जेल प्रशासन इनका हर सम्भव सहयोग करता है. इनकी लागत लगभग साढ़े 5 रुपए आ रही है और इन्हें बिना किसी लाभ अर्जित किए लागत मूल्य पर बाहर बेचा जा रहा है.
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अपना घर आश्रम संस्थान के मनोज जैन आदिनाथ के अनुसार वे सेंट्रल जेल प्रशासन से इन मास्क को खरीद कर बाहर जरूरतमंदों तक इन्हें पहुंचा रहे हैं, लेकिन जितनी उनकी डिमांड है. उस अनुरूप उपलब्ध नही हो पा रहा है. कोटा सेंट्रल जेल प्रशासन और सामाजिक संस्थाओं का ये कदम जेल में बंद कैदियों के लिए निश्चित ही ये मनोबल को बढ़ाने वाला है.