जयपुर: लेखक बनी हुमा कुरैशी ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी पहली किताब 'जेबा' लॉन्च की. मीडिया के सवालों पर हुमा कुरैशी ने कहा कि बाकि लोग अपने जीवन में क्या कर रहे हैं. हमें क्या करना, हम अपना काम करें. हुमा कुरैशी ने कहा कि अभिनेत्री के रूप में इस यात्रा ने कई लोगों से मिलवाया. यहीं से किताब लिखने की प्रेरणा मिली. मॉर्निंग में लिखती थी, जो भी मन में आता था, उसे चरणबद्ध रूप से लिखती रही और अब यह किताब के रूप में सामने आई है.
अभिनेत्रियों के महामंडलेश्वर बनने के सवाल का हुमा ने जवाब देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि इस किताब के हर पात्र और घटना का उनसे संबंध है. यह कहना सही नहीं है कि अवार्ड और सम्मान की वेल्यू नहीं होती है. हर कलाकार चाहता है कि उसके काम को सम्मान मिले. लोग उसे जानें और उसकी कला की कदर करें.
हुमा कुरैशी ने बताया कि किताब 2019 में शुरू की थी. कुछ लिखने के बाद कई लोगों को पढ़ाया. इस पर फिल्म शो बनाने का फैसला किया था. कोविड आया, तो सब ठप हो गया. कई लोगों से लिखने को कहा, जिन्होंने खुद लिखने की सलाह दे दी. दो साल इस किताब को लिखने में लिखे. इसमें सभी बातें ईमानदारी से लिखी हैं. हर बात को और जीवन के हर पहलू को किताब की शक्ल में उतारना वाकई रोमांचक होता है. बाकि लोग अपने जीवन में क्या कर रहे हैं, हमें क्या, हम अपना काम करें.
हुमा ने कहा कि हर इंसान के लिए बुक लिखी है. हर इंसान में अलग क्षमता होती है. फिक्शन बहुत कमाल की चीज होती है. कहानी में बहुत बड़ी ताकत होती है. किसी भी कलाकार के लिए उसके जीवन में सफलता और असफलता बहुत बड़ा रोल अदा करती है. असफलता से आदमी बहुत ज्यादा सीखता है. सब कुछ आपको बहुत कुछ सिखाता है. इस किताब पर निश्चित रूप से फिल्म बनाएंगे.