कोटा. एकल पट्टा प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय जयपुर ने एसीबी की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही पूरे प्रकरण में एसपी स्तर के अधिकारी से जांच करवाने के निर्देश दिए. इस पूरे प्रकरण पर अब राजनीति शुरू हो गई. भारतीय जनता पार्टी इस पूरे मामले पर रोक रहे और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के इस्तीफे की मांग की गई है. मंत्री शांति धारीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने (Prahlad Gunjal Raised Questions on ACB Inquiry) सवाल उठाया है कि कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एसीबी के अधिकारी पारदर्शी जांच नहीं कर सकते हैं.
ऐसे में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि मंत्री शांति धारीवाल को मंत्री पद से हटाया जाए. ऐसा नहीं होने पर उन्होंने राज्यपाल से भी मांग की है कि यूडीएच मंत्री धारीवाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त (Demand for Dismissal of Minister Shanti Dhariwal) किया जाए. पूर्व विधायक गुंजल ने कहा किया जिस तरह से एसीबी कोर्ट ने आदेश मंत्री धारीवाल के खिलाफ जारी किया है. कोर्ट ने डीजी एसीबी को निर्देशित किया गया है कि एसपी के सक्षम स्तर अधिकारी से जांच हो. इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि सरकार के कैबिनेट मंत्री के खिलाफ एसपी, डीआईजी व आईजी क्या जांच करेंगे ?
बीजेपी शासन में जेल गए, कांग्रेस ने एफआर लगा दी : गुंजल का कहना है कि बीजेपी शासन में जांच में लंबित थी, कुछ लोग जेल गए थे. सरकार आपने सरकार आते ही इस पूरे मामले में एफआर लगवा ली है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से अनुरोध है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस, पारदर्शी और आदर्श की बात करते हैं. ऐसे में अविलंब यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कीजिए. राज्यपाल महोदय से सभी अनुरोध है कि अगर मुख्यमंत्री मंत्री का इस्तीफा नहीं लेते हैं तो मंत्री धारीवाल को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करें. बिना मंत्री पद से हटाए पारदर्शी जांच की कोई संभावना ही नहीं है. एकल पट्टा प्रकरण भ्रष्टाचार का बड़ा स्कैंडल है. मैं समझता हूं कि कांग्रेस पार्टी को भी एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए.