कोटा. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली में फोन टैपिंग मामले में एफआईआर दर्ज करवाई है. इसके बाद ही प्रदेश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत शनिवार को जोधपुर पहुंचे, जहां उन्होंने मीडिया से इस संबंध में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया.
पढ़ें- फोन टैपिंग मामले में दिल्ली में दर्ज FIR पर शेखावत ने कहा-मैं नहीं करना चाहता इस मामले पर बात
वहीं, इस एफआईआर में प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बयान का भी जिक्र है. शांति धारीवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे तब 3 महीने में गुजरात में 90 हजार फोन टैप हुए हैं, इनकी भी तो जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार के खिलाफ एक बड़ी साजिश रची गई है. यह किस तरह रची गई है यह तो अभी हम भी नहीं समझ पा रहे हैं.
धारीवाल ने कहा कि अभी तो सरकार अस्थिर करने के मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, राजस्थान में मुकदमा पहले से दर्ज हैं. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत को उसको फेस करना चाहिए. हमारी मांग यह थी कि वो वॉइस का नमूना दें, वह नमूना देने में क्यों डर रहे हैं. धारीवाल ने शेखावत के वॉइस सैंपल देने के लिए तैयार होने, लेकिन पहले विधायक भंवरलाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह का नमूना लेने के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उससे क्या मतलब है. पुलिस जिसका चाहेगी उसका पहले नमूना लेगी, लेकिन पहले आप अपना नमूना दे दीजिए.
पढ़ें- फोन टैपिंग मामले पर बोले पूनिया, उच्च स्तरीय जांच हुई तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
शांति धारीवाल ने कहा कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का नमूना लेने के लिए तीन बार भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारी उनके निवास पर गए, लेकिन वह एसीबी के सामने नहीं आए. वे छुपते फिर रहे थे. साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले में चार आरोपी हैं, जिनमें पुलिस एक को पकड़ने जाती है तो वह यह नहीं कह सकता कि पहले बाकी तीन को पकड़ो बाद में मुझे पकड़ना.