कोटा. नगर निगम चुनाव में छिटपुट घटनाओं को छोड़ दिया जाए, तो पूरा दक्षिण नगर निगम का मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया है. नगर निगम दक्षिण के चुनाव में भी लोगों का उत्साह कोविड-19 महामारी के चलते कम नहीं हुआ. लगातार लोगों ने घरों से निकलकर शहर की सरकार चुनने के लिए मतदान किया. इस दौरान सबसे ज्यादा मुद्दे ड्रेनेज और सड़कों का छाया रहा.
लोगों का कहना है कि दक्षिण का एरिया लंबा है. यहां पर कई कॉलोनियां ऐसी है, जिनमें सड़के नहीं है. ऐसे में वहां के बाशिंदों ने सड़कों के मुद्दे पर ही वोट डाला है. साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम भी नई कॉलोनियां और जवाहर नगर का ठीक नहीं है. यहां पर हर साल ही बारिश के सीजन में पानी भर जाता है. ऐसे में यह मुद्दा भी लोगों ने जमकर उठाया.
साथ ही कुछ लोगों ने अपने पार्षदों से भी नाराजगी जताते हुए मतदान किया है. उन्होंने कहा कि पार्षद बीते 5 साल में कहीं नजर ही नहीं आए, अधिकांश लोग बदहाल पार्कों को लेकर भी मुद्दा उठाते रहे. उनका कहना है कि बच्चों को शाम के समय पार्क में खेलना चाहते है, लेकिन अच्छे पार्क नहीं होने के चलते उन्हें परेशानी होती है. साफ-सफाई और डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर भी नाराजगी लोगों की रही है. उनका कहना है कि आने वाली सरकार जिसके लिए उन्होंने वोट किया है. वह इन सब मुद्दों को समझेगी और इन पर काम भी करेगी.
पढ़ेंः ये आंदोलन समाज की मांग है, सरकार की घोषणाओं से हम संतुष्ट नहींः विजय बैंसला
दोपहर बाद नहीं दिखी कतारें
दक्षिण नगर निगम के चुनाव के दौरान सुबह ही लोगों ने बढ़-चढ़कर वोटिंग में भाग लिया. अधिकांश मतदान केंद्रों पर सुबह के समय कतार नजर आई, लेकिन दोपहर होते-होते यह कतारें कम होती गई. दोपहर बाद इक्के दुक्के वोटर ही मतदान केंद्रों पर पहुंचते रहे और बिना लाइन के ही वोट कास्ट कर जाते रहे. शेष आधे घंटे में भी ज्यादा लोग मतदान केंद्रों पर नहीं पहुंचे, आधे घंटे में कोटा दक्षिण नगर निगम के 622 बूथों पर महज 1 से 2 परसेंट ही वोटिंग हो पाई है.