कोटा. सोमवार को पूरे देश भर में शीतला अष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है. इस दौरान माता शीतला की पूजा-आराधना की जा रही है. कोटा में भी शीतला अष्टमी का यह पर्व आस्था और श्रद्धा के साथ मनाया जा रहा है. शहर के मंदिरों में तड़के से ही माता शीतला की पूजा के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी.
महिलाएं हाथों में पूजा सामग्री के थाल थामे मंदिरों में पहुंची. लंबी-लंबी कतारें शहर में स्थित सभी शीतला माता मंदिरों में लग गई. शहर के गुमानपुरा न्यू कॉलोनी, छावनी, नया कोटा, डीसीएम और दादाबाड़ी इलाके के मंदिरों में इसी तरह का नजारा देखने को मिला. इस दौरान शीतला माता को महिलाओं ने पूजा अर्चना करके रात को बनाए पकवानों का भोग लगाया गया.
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महिलाओं ने व्रत रखे गए और माता शीतला से घर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की. साथ ही बच्चों की लंबी आयु की कामना की गई. मान्यता है कि शीतला माता को ठंडी चीजें बहुत प्रिय हैं. इसलिए उनके लिए चावल, गुड़ और गन्ने के रस से बनाएं पकवान उन्हें भोग में चढ़ाए जाते हैं.
गौरतलब है कि शीतला अष्टमी होली के 8 दिन बाद आने वाला धार्मिक पर्व है. इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर शीतला माता के मंदिर पहुंचती हैं और शीतला माता को ठंडे भोजन का भोग लगाया जाता है. महिलाओं ने सप्तमी पर ही घर पर देर शाम को भोजन बनाया और इसको अष्टमी के दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया. ये ऋतु परिवर्तन का संकेत देने वाला पर्व है. अष्टमी के बाद ठंडा भोजन नहीं किया जाता. तरोताजा भोजन किया जाता है और ठंडे पेय पदार्थ खाने में लिए जाते हैं.