कोटा. जिले में कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के वरिष्ठ नागरिक डे केयर में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के कारण अब कोरोना संक्रमित मरीजों को भर्ती नहीं किया जा रहा है. आलम यह है कि लोग अपनी सिफारिश लेकर कभी अस्पताल अधीक्षक के पास जा रहे हैं तो कभी प्राचार्य डॉ. विजय सरदाना के पास, लेकिन रोगियों को भर्ती नहीं किया जा रहा.
अस्पताल में मौजूद कर्मचारी भी अपने परिजनों को भर्ती कराने के लिए चक्कर काटने को विवश हैं. बारां जिले से संक्रमित महिला को लेकर आए लोग घंटों भर्ती कराने के इंतजार में अस्पताल के बाहर बैठे रहे तब भी उनका मरीज भर्ती नहीं हो पाया. बारां से पूर्व पार्षद भी अपने परिजन को लेकर कोटा पहुंचे, जहां पर पहले एमबीएस अस्पताल गए वहां भर्ती नहीं किया गया तो उसके बाद डे केयर सेंटर मेडिकल कॉलेज अस्पताल लेकर आए. लेकिन यहां भी मरीज गाड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए बैठा रहा, उसे भर्ती नहीं किया गया.
मंगलवार को बड़ोद निवासी 80 वर्षीय रामनारायण की उपचार नहीं मिलने के कारण मौत हो गई. परिजनों ने बताया कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन यहां पर उन्हें डॉक्टरों का कोई रिस्पांस नहीं मिला. परिजनों का आरोप है कि उपचार नहीं मिलने के कारण वृद्ध की मौत हो गई.
वहीं, अस्पताल के कोरोना संक्रमण के आउटडोर वार्ड में भर्ती नहीं होने के कारण मरीज को जमीन पर लिटाकर ही ऑक्सीजन लगाया जा रहा था. इस दौरान एक बुजुर्ग महिला भी पर्ची काउंटर के पास लेटी हुई थी. इस मामले को लेकर जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में भर्ती करने का पूरा अधिकार उनके पास नहीं है.
अस्पताल अधीक्षक ने कहा कि मेडिकल कॉलेज प्राचार्य के कहने पर ही किसी रोगी को भर्ती किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी है. सुशील ने बताया कि अस्पताल में भर्ती मरीजों को पूरी मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध हो सके, इसलिए भर्तियां नहीं की जा रही है.