कोटा. केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए राजस्थान के करौली जिले में 491 वर्ग मीटर में अवैध रूप से की गई अफीम की खेती और 730 पौधे गांजे के जप्त किए हैं. इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक महिला भी शामिल है.
यह कार्रवाई करौली पुलिस के सहयोग से की गई है, जिसमें लांगरा थाना पुलिस का भी सहयोग रहा है. यह पूरी कार्रवाई में करीब अवैध रूप से 25 लाख रुपए के नशीले पदार्थों के खिलाफ की गई है. इस पूरी कार्रवाई के बारे में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के उपायुक्त विकास जोशी ने बताया, उन्हें मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि करौली जिले के लांगरा थाना इलाके में पटार गांव में खातेदारी की जमीन पर अवैध रूप से अफीम और गांजे की खेती की जा रही है. इस पर स्थानीय पुलिस का भी सहयोग लिया गया, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक मनराज मीणा और लांगरा थानाधिकारी बालकृष्ण के साथ केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो की टीम मौके पर पहुंची. जहां पर अवैध रूप से अफीम की काश्त की गई थी. इसके साथ ही 730 पौधे गांजे के बोये गए थे, जिनकी ऊंचाई करीब 3 से 4 फिट थी.
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यह खेती सरसों और गेहूं के बीच में की गई थी, ताकि आसपास के लोगों को पता नहीं चले. ऐसे में इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें भरोसी, तुसरी और सुवाबाई शामिल हैं. इस मामले में केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो ने कोटा मुकदमा दर्ज कर जांच भी शुरू कर दी है. नारकोटिक्स ब्यूरो का कहना है, आरोपी गेहूं और सरसों के खेत के बीच में अपनी खातेदारी की जमीन पर अफीम और गांजे की खेती कर रहे थे. अफीम की काश्त की गई थी, वहां से अपने डोडो से चीरा लगाकर निकाली भी जा रही थी. करीब 4 लाखों रुपए की है, अफीम उगाई गई थी. इन सभी को नष्ट भी करवाया गया है.
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4 फीट ऊंचे पौधे से 22 लाख की थी उपज
सीबीएन की कार्रवाई को गांजे की फसल जो मौके पर मिली है. वह करीब 22 लाख रुपए की है. हालांकि, यह अभी तैयार नहीं थी. पौधे करीब 4 फीट ऊंचे हो गए थे. ऐसे में एक पौधे से सुखाने के बाद करीब डेढ़ सौ ग्राम गांजा तैयार हो जाता, जो कि करीब 110 किलोग्राम के आसपास था. इसके बाद इस गांजे का पूरा मिलाकर अवैध व्यापार पूरे प्रदेश में नशे का नेटवर्क फैलाने के लिए किया जाता.