कोटा. पूरे देश भर से कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में पुलिसकर्मी आ रहे हैं. इनके साथ एक तबका ऐसा भी है, जो लॉकडाउन के बावजूद पूरी शिद्दत से अपने काम में जुटा हुआ है. यह लोग हैं, सिक्योरिटी कंपनी में काम करने वाले गार्ड. जो कि हमारे मकान, दुकान, महत्वपूर्ण भवन या फैक्ट्रियों की सुरक्षा में लगे हुए हैं.
ये वे लोग हैं जो कि महज कुछ सैलरी में ही अपना काम करने में जुटे हुए रहते हैं. किसी भी कंपनी हो या छोटा दफ्तर या फिर किसी व्यक्ति के घर के बाहर खड़े हुए गार्ड सबसे पहले बाहर से आए व्यक्ति से संपर्क में आते हैं. ऐसे में इन लोगों के ऊपर ही सबसे ज्यादा खतरा मंडराता है.
सोशल डिस्टेंसिंग करवाने की पालना में जुटे...
कोटा शहर में कई जगह ऐसी भी हैं, जहां पर लगातार लोगों की भीड़ होती है. इनमें बैंक, एटीएम या फिर बड़ी दुकानें शामिल हैं. ऐसे में सिक्योरिटी गार्डों पर ही सोशल डिस्टेंसिंग बनवाने और लोग एक दूसरे से संक्रमित न हों, इसकी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. इसके अलावा फूड आइटम निर्माण की भी फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं. जहां पर भी लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग बनवाने की जिम्मेदारी सुरक्षा गार्डों के सिर पर ही है. वहीं थोक फल-सब्जी और धानमंडी में भी तैनात सुरक्षा गार्ड वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग बनाने के लिए जद्दोजहद करते नजर आते हैं.
कोटा में तैनात हैं करीब 8 हजार सिक्योरिटी गार्ड...
कोटा में सिक्योरिटी एजेंसी चलाने वाले राम भार्गव के अनुसार करीब 15 बड़ी कंपनियां और 15 ही स्थानीय स्तर की सिक्योरिटी कंपनी अभी कोटा में संचालित हो रही हैं. इसके अलावा कुछ लोगों ने अपने ही स्तर पर निजी गार्ड भी लगाए हुए हैं, जो सुरक्षा का ही कार्य कर रहे हैं. ये लोग कोटा शहर व जिले की औद्योगिक संस्थानों, बैंक-एटीएम, थोक सब्जी व धान मंडी, शॉपिंग मॉल, कोचिंग संस्थानों, होटल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों, स्कूलों, सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के साथ गोदामों में भी सिक्योरिटी गार्ड तैनात किए गए हैं, जो 24 घंटे अलग-अलग शिफ्टों में भी ड्यूटी देते हैं. करीब 8 हजार के आसपास ऐसे सुरक्षाकर्मी है. जो रोज अभी भी अपनी ड्यूटी दे रहे हैं.
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संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा...
सुरक्षा में तैनात किए गए सिक्योरिटी गार्ड पर भी संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा होता है. क्योंकि वे सबसे पहले ही बाहर से आने वाले व्यक्ति के संपर्क में आते हैं. कई ऐसे लोग हैं, जो कि बाहर ही उनसे मिलकर वापस लौट जाते हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा लोगों से सुरक्षा में लगे कार्मिक ही मिलते हैं और जब को कोरोना जैसी गंभीर संक्रमित बीमारी चल रही है तो इन लोगों के ऊपर खतरा और ज्यादा मंडराने लगा है.
अगर नौकरी नहीं आएंगे तो घर कैसे चलेगा...
जब शहर के अलग-अलग इलाकों में तैनात सिक्योरिटी गार्ड से कोरोना के खतरे की बातचीत की गई तो उन्होंने जवाब दिया कि समस्या तो है. खतरा भी हमारे ऊपर बना हुआ है. परिजन भी हमारे लिए चिंतित रहते हैं, लेकिन अगर हम नौकरी नहीं आएंगे तो फिर घर का खर्चा कैसे चलेगा. कुछ ने कहा कि परेशानी होती है, लेकिन पेट के लिए सब कुछ करना पड़ता है.
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वर्दी पहन रखी है, इससे बच जाते हैं...
सिक्योरिटी की जिम्मेदारी संभालने वाले सुरक्षा कार्मिकों का कहना है कि वह अलग-अलग इलाकों से अपने ड्यूटी स्थल पर पहुंचते हैं. बीच में कई जगह पुलिस भी हमें रोकती है. लेकिन वर्दी पहनी होती है, तो जाने देते हैं. कुछ लोगों ने कहा कि उन्होंने पास बनवा लिए हैं. ऐसे में अब उसके जरिए वे ड्यूटी स्थल पर पहुंच जाते हैं.
अकेले बोर हो रहे हैं, काम था तब समय निकल जाता था...
कई जगह पर सुरक्षा कार्मिक लगे हुए हैं, लेकिन वे प्रतिष्ठान बंद हैं. ऐसे में सुरक्षा गार्ड तो रोज अपनी ड्यूटी पर आ जाते हैं. उनका कहना है कि पहले लोगों की आवाजाही रहती थी, तो काम चलता रहता था. उससे बिजी रहते थे, जिससे समय निकल जाता था. अब हालात ऐसे हैं कोई भी नहीं आता जाता है. लेकिन हमें हमारी ड्यूटी करनी है. इसलिए बाहर बैठना पड़ता है, इस कारण बैठे-बैठे बोर होते रहते हैं.