सुल्तानपुर (कोटा). भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत चल रहे एक्सप्रेस वे निर्माण के कार्य में विसंगतियों और निर्माण कंपनी की मनमानी सहित वंचित किसानों को मुआवजा नहीं देने के विरोध में भारतीय किसान संघ ने मंगलवार से आंदोलन (Famer Protest In Kota) का आगाज किया. भारतीय किसान संघ ने किसानों के साथ मिलकर कल्याणपुरा, पडासालिया, जलिमपुरा, मेहंदी, बगतरी, निमली, महाराणा, खेराली तंवरान, मंडावरा में चलने वाले हाइवे निर्माण कार्य को बंद कर दिया. बड़ी संख्या मे किसान हाइवे निर्माण कार्य बंद करवाकर मौके पर खड़े हो गए.
इस दौरान ट्रैक्टर, ट्रोले, जेसीबी के चक्के थम गए. जहां पूरे दिन काम बंद रहा वहीं निर्माण कार्य कर रहे मजदूर भी सुस्ताते रहे. इसके बाद किसानों कि ओर से भारतीय किसान संघ के नेतृत्व में तंबू लगाकर जालिमपुरा रोड पर धरना शुरू किया गया. जिसे भारतीय किसान संघ के प्रांत अध्यक्ष शंकरलाल नागर, महामंत्री अंबालाल शर्मा, प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा आदि ने संबोधित किया.
इस दौरान कोई जिम्मेदार अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा. सुबह से ही किसान धरना स्थल पर बैठे हुए हैं, उन्होंने कहा कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन एक्सप्रेस वे में अवाप्त जमीनों के मुआवजे को लेकर प्रशासनिक अकर्मण्यता का खामियाजा किसानों को चुकाना पड़ रहा है. जिससे किसानों को अब लाखों रुपए का नुकसान होगा. क्षेत्र के किसानों की जमीन दो साल पहले ही एनएचएआई और निर्माण कंपनी अवाप्त कर चुकी है. इन किसानों में करीबन 150 किसान मुआवजे से दो साल बाद भी वंचित हैं. किसानों की पुश्तेनी जमीनों को दो साल पहले ही अधिगृहीत कर लिया गया था. दो साल बाद नगर पालिका बनने से किसानों को नुकसान नहीं होने देंगे. किसानों के साथ पूरी तरह से धोखा हो रहा है.
नही चलने देंगे कोई काम : भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने बताया कि निर्माण कार्य मांगों के पूरा होने तक बंद रहेगा. वहीं धरना अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा. जहां सभी भारतीय किसान संघ की ओर से सरकार को वंचित किसानों को पुरानी दर या डीएलसी दर से दुगुनी दर पर मुआवजा राशि देने, दो साल का ब्याज और मानसिक संताप राशि देने, दो गुणा दो के ब्लॉक डालने, पुलिया की ऊंचाई 20 फीट करने, दोनों ओर सर्विस रोड देने सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं.