कोटा. रेल राज्यमंत्री दर्शना जरदोश का कहना है कि भारत सरकार की अपनी पटरी, स्टेशन एवं सुविधाएं हैं. इस पर निजीकरण नहीं किया जा सकता. हालांकि अगर पटरी पर कोई ट्रेन चलाना चाहते हैं, तो उसका सहयोग करेंगे.
कोटा में मीडिया से बातचीत में जरदोश ने कहा कि पीपीपी मॉडल पर मॉल, होटल और रेस्टोरेंट बनवाएं जा रहे हैं. रेलवे के आसपास बहुत सारी जगह भी है. उसको भी पीपीपी मॉडल पर विकसित कर रहे हैं. ये सभी सुविधाएं विकसित की जाएगी. इसके लिए पॉलिसी बनाई जा रही है. निजीकरण बिल्कुल भी नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि स्टेशन शहर के बीचोंबीच होता है. लोगों को वहां पर अगर अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती हैं, तो इसमें गलत कुछ भी नहीं है. ऐसे में पीपीपी मोड पर ऐसे स्टेशनों को हम डेवलप कर रहे हैं. अभी जो 130 की स्पीड पर ट्रेनें चल रही है, उन्हीं की स्पीड को 160 किया जाएगा. हम फ्रेट कोरिडोर को भी बढ़ावा दे रहे हैं, ताकि हैवी इंडस्ट्री से सीधे ही रेलवे लाइन कनेक्ट की जाए और रेलवे की आमदनी को बढ़ाया जाए.
पीपीपी मॉडल पर ही इकनिया और कोटा स्टेशन (Kota station developed on PPP mode) को विकसित किया जाएगा. जिसमें कोटा स्टेशन पर 185 और डकनिया पर 85 करोड़ का खर्चा होगा. 19 साल से अटकी हुई रामगंजमंडी भोपाल परियोजना के सवाल पर पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि 470 करोड़ रुपए इस योजना के लिए दिया है. इसको जल्द ही पूरा करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
पर्यटन को देखते हुए चलाई जा सकती है पीपीपी मोड पर ट्रेन
जरदोश ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. इसमें सभी मंत्रालयों को टारगेट दिए हैं. ऐसे में रेलवे ने 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है. अभी एक ही ट्रेन वाराणसी से दिल्ली और कटरा के बीच चल रही है. अब 75 स्टेशनों को भी विकसित किया जाएगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का काम भी काफी तेजी से चल रहा है. नवसारी में बुलेट ट्रेन का पहला टावर खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि रामायण सर्किट ट्रेन अभी चलाई गई है. इसी तरह से राजस्थान में भी धार्मिक मंदिर बहुत है. साथ ही पर्यटन की भी पर्याप्त संभावनाएं हैं. ऐसे में उनके अनुसार भी ट्रेन चल सकती हैं. रेल राज्य मंत्री दर्शना जरदोश ने कहा कि 2000 में जब पार्षद थीं, तब कोटा आई थीं और उसके बाद 2022 में 21 साल बाद आई हूं.