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Special: कोटा में नया नियम, अगर घर में रखते हैं पालतू जानवर तो अब लेना होगा लाइसेंस

कोटा दक्षिण नगर निगम क्षेत्र में पेट डॉग्स बिना लाइसेंस के लोग नहीं पाल सकेंगे. इसके अलावा गाय, भैंस, बकरी, भेड़, पिग्स, घोड़ा और ऊंट के लिए भी लाइसेंस लेना होगा. हालांकि, मध्य प्रदेश के इंदौर, हरियाणा के गुड़गांव सहित उत्तर प्रदेश के कई शहरों में इस तरह का नियम पहले से है, लेकिन कोटा राजस्थान का पहला शहर होगा. जहां इस तरह का यह नियम लाया जा रहा है. आवारा पशु नियंत्रण 2021 के नाम से इस ड्राफ्ट को पूरी तरह से तैयार कर नोटिफिकेशन प्रकाशित कर दिए हैं. देखें ये खास रिपोर्ट...

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Published : Mar 6, 2021, 5:36 PM IST

Updated : Mar 7, 2021, 5:05 PM IST

License compulsory for pet dogs, kota latest hindi news
कोटा में नया नियम...

कोटा. नगर निगम कोटा दक्षिण अब पशु पालने के लिए लाइसेंस जारी करने की योजना बना रहा है. इसके लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं. नगर निगम ने इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया है. इस नोटिफिकेशन के अनुसार, पेट डॉग्स को भी बिना लाइसेंस के लोग नहीं पाल सकेंगे. इसके अलावा गाय, भैंस, बकरी, भेड़, पिग्स, घोड़ा और ऊंट के लिए भी लाइसेंस लेना होगा. हालांकि, मध्य प्रदेश के इंदौर, हरियाणा के गुड़गांव समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में इस तरह का पहले से नियम है. लेकिन, राजस्थान में ऐसा पहली बार होगा, जब कोटा में इस तरह का नियम लागू होगा. देखें ये खास रिपोर्ट...

कोटा में अब पालतू जानवरों के लिए भी लाइसेंस जारी होगा...

आवारा पशु नियंत्रण 2021 के नाम से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है. इसको लेकर निगम ने नोटिफिकेशन भी प्रकाशित कर दिया है. नगर निगम कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ का कहना है कि इसको लेकर बाइलॉज तैयार की जा रही है, जिसके लिए आम जनता से सुझाव मांगे गए हैं और आपत्तियां भी ली जा रही है. यह आपत्तियां आने के बाद इस बायलॉज को बजट की बैठक में रखा जाएगा और वहां से पारित करवाने के बाद ही नियम बनेगा.

जुर्माने का भी प्रावधान...

लाइसेंस लेने के लिए भी कई मापदंड तय किए गए हैं. लोगों को कई शपथ पत्र देने होंगे कि वह पशु बाड़े को ठीक से बना कर रखेंगे. पशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित सर्टिफिकेट भी देने होंगे. जानवरों के काटने से लोगों को होने वाली बीमारियों से बचाव की व्यवस्था भी इस लाइसेंस के जरिए की जाएगी. पालतू जानवरों के टीके लगाने की जानकारी भी मांगी जाएगी, ताकि लोगों को उनसे कोई खतरा नहीं हो. पशुओं की संख्या के अनुसार ही उन्हें रखने के बाड़े की साइज होगी, उसी के अनुसार लाइसेंस मिलेगा. इसके अलावा सड़क पर पशु छोड़ने पर भी पेनल्टी का प्रावधान है, जो 500 से लेकर 5 हजार रुपए तक है.

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पेट डॉग्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा...

पढ़ें: कोटा में बनेगा राजस्थान का सबसे लंबा पुल, चंबल नदी पर 165 करोड़ से होगा तैयार...इन शहरों से सीधा जुड़ेगा जिला

पालतू के लिए 200, व्यावसायिक का 500 देना होगा शुल्क...

नियम के अनुसार, पशुओं को घर पर रखने के लिए प्रतिवर्ष शुल्क भी देना होगा. इसमें पालतू पशुओं को रखने के लिए 200 रुपये प्रति वर्ष शुल्क चुकाना पड़ेगा. वहीं, व्यवसायिक पशु जैसे कि भैंस, गाय, घोड़ा, ऊंट के लिए 500 रुपये प्रति वर्ष देना होगा. इसके अलावा दूध और दूध से बने उत्पाद बनाने के लिए भी एक हजार रुपये का शुल्क चुकाना पड़ेगा.

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नगर निगम कोटा-दक्षिण

पशुओं के लिए करनी होगी ये व्यवस्था...

दक्षिण नगर निगम आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने बताया कि पालतू जानवरों को रखने के लिए पूरी व्यवस्था और जगह रखनी पड़ेगी. इसके अलावा व्यावसायिक जानवरों के लिए भी बाड़े बनाने होंगे. यह बाड़े पशुओं के शरीर और संख्या के आधार पर बनेंगे. इनमें हवादार रोशनी की व्यवस्था भी करनी होगी. सफाई और पशुओं से होने वाली गंदगी के प्रबंधन की भी व्यवस्था करनी होगी. इस पशु बाड़े के बाहर किसी भी तरह का कोई कचरा नहीं डाला जाएगा. निगम के अधिकारी भी इसको लेकर लगातार निरीक्षण करेंगे. पशु बाड़े की जगह पर पक्का निर्माण नहीं करवाया जाएगा.

शहर में 50,000 से ज्यादा पशु...

नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, शहर में पशुओं की गणना नहीं की है, हालांकि पुराने रिकॉर्ड के अनुसार करीब 30,000 गाय, भैंस शहर में पाले जा रहे हैं. करीब 10,000 से ज्यादा लोग अपने घरों में पेट डॉग्स को रखते हैं. इसके साथ ही, करीब 8000 पिग भी कोटा शहर में पाले जा रहे हैं, जो कि अधिकांशतः गंदगी और सड़कों पर ही विचरण करते हैं. वहीं, भेड़ और बकरियों की बात की जाए तो इनकी संख्या भी 4000 के आसपास है. इसके साथ ही करीब 100 घोड़े और 50 के आसपास ऊंट भी पाले जा रहे हैं.

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शहर में 50,000 से ज्यादा पशु...

नियमों की पालना नहीं करने पर कार्रवाई...

लाइसेंस लेने के बाद नियमों की पालना भी पशुपालक को करनी होगी. साथ ही, लाइसेंस का रिन्यूअल भी समय-समय पर करवाना होगा, जो लोग लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी. इसके जरिए यह भी मॉनिटरिंग हो जाएगी कि पेट डॉग्स का एंटी रेबीज वैक्सीनेशन हो रहा है या नहीं. क्योंकि, उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का सर्टिफिकेट भी लाइसेंस के साथ मांगा जाएगा.

कोटा. नगर निगम कोटा दक्षिण अब पशु पालने के लिए लाइसेंस जारी करने की योजना बना रहा है. इसके लिए नियम तैयार किए जा रहे हैं. नगर निगम ने इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया है. इस नोटिफिकेशन के अनुसार, पेट डॉग्स को भी बिना लाइसेंस के लोग नहीं पाल सकेंगे. इसके अलावा गाय, भैंस, बकरी, भेड़, पिग्स, घोड़ा और ऊंट के लिए भी लाइसेंस लेना होगा. हालांकि, मध्य प्रदेश के इंदौर, हरियाणा के गुड़गांव समेत उत्तर प्रदेश के कई शहरों में इस तरह का पहले से नियम है. लेकिन, राजस्थान में ऐसा पहली बार होगा, जब कोटा में इस तरह का नियम लागू होगा. देखें ये खास रिपोर्ट...

कोटा में अब पालतू जानवरों के लिए भी लाइसेंस जारी होगा...

आवारा पशु नियंत्रण 2021 के नाम से एक ड्राफ्ट तैयार किया गया है. इसको लेकर निगम ने नोटिफिकेशन भी प्रकाशित कर दिया है. नगर निगम कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ का कहना है कि इसको लेकर बाइलॉज तैयार की जा रही है, जिसके लिए आम जनता से सुझाव मांगे गए हैं और आपत्तियां भी ली जा रही है. यह आपत्तियां आने के बाद इस बायलॉज को बजट की बैठक में रखा जाएगा और वहां से पारित करवाने के बाद ही नियम बनेगा.

जुर्माने का भी प्रावधान...

लाइसेंस लेने के लिए भी कई मापदंड तय किए गए हैं. लोगों को कई शपथ पत्र देने होंगे कि वह पशु बाड़े को ठीक से बना कर रखेंगे. पशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित सर्टिफिकेट भी देने होंगे. जानवरों के काटने से लोगों को होने वाली बीमारियों से बचाव की व्यवस्था भी इस लाइसेंस के जरिए की जाएगी. पालतू जानवरों के टीके लगाने की जानकारी भी मांगी जाएगी, ताकि लोगों को उनसे कोई खतरा नहीं हो. पशुओं की संख्या के अनुसार ही उन्हें रखने के बाड़े की साइज होगी, उसी के अनुसार लाइसेंस मिलेगा. इसके अलावा सड़क पर पशु छोड़ने पर भी पेनल्टी का प्रावधान है, जो 500 से लेकर 5 हजार रुपए तक है.

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पेट डॉग्स के लिए लाइसेंस अनिवार्य होगा...

पढ़ें: कोटा में बनेगा राजस्थान का सबसे लंबा पुल, चंबल नदी पर 165 करोड़ से होगा तैयार...इन शहरों से सीधा जुड़ेगा जिला

पालतू के लिए 200, व्यावसायिक का 500 देना होगा शुल्क...

नियम के अनुसार, पशुओं को घर पर रखने के लिए प्रतिवर्ष शुल्क भी देना होगा. इसमें पालतू पशुओं को रखने के लिए 200 रुपये प्रति वर्ष शुल्क चुकाना पड़ेगा. वहीं, व्यवसायिक पशु जैसे कि भैंस, गाय, घोड़ा, ऊंट के लिए 500 रुपये प्रति वर्ष देना होगा. इसके अलावा दूध और दूध से बने उत्पाद बनाने के लिए भी एक हजार रुपये का शुल्क चुकाना पड़ेगा.

License compulsory for pet dogs, kota latest hindi news
नगर निगम कोटा-दक्षिण

पशुओं के लिए करनी होगी ये व्यवस्था...

दक्षिण नगर निगम आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने बताया कि पालतू जानवरों को रखने के लिए पूरी व्यवस्था और जगह रखनी पड़ेगी. इसके अलावा व्यावसायिक जानवरों के लिए भी बाड़े बनाने होंगे. यह बाड़े पशुओं के शरीर और संख्या के आधार पर बनेंगे. इनमें हवादार रोशनी की व्यवस्था भी करनी होगी. सफाई और पशुओं से होने वाली गंदगी के प्रबंधन की भी व्यवस्था करनी होगी. इस पशु बाड़े के बाहर किसी भी तरह का कोई कचरा नहीं डाला जाएगा. निगम के अधिकारी भी इसको लेकर लगातार निरीक्षण करेंगे. पशु बाड़े की जगह पर पक्का निर्माण नहीं करवाया जाएगा.

शहर में 50,000 से ज्यादा पशु...

नगर निगम के आंकड़ों के अनुसार, शहर में पशुओं की गणना नहीं की है, हालांकि पुराने रिकॉर्ड के अनुसार करीब 30,000 गाय, भैंस शहर में पाले जा रहे हैं. करीब 10,000 से ज्यादा लोग अपने घरों में पेट डॉग्स को रखते हैं. इसके साथ ही, करीब 8000 पिग भी कोटा शहर में पाले जा रहे हैं, जो कि अधिकांशतः गंदगी और सड़कों पर ही विचरण करते हैं. वहीं, भेड़ और बकरियों की बात की जाए तो इनकी संख्या भी 4000 के आसपास है. इसके साथ ही करीब 100 घोड़े और 50 के आसपास ऊंट भी पाले जा रहे हैं.

License compulsory for pet dogs, kota latest hindi news
शहर में 50,000 से ज्यादा पशु...

नियमों की पालना नहीं करने पर कार्रवाई...

लाइसेंस लेने के बाद नियमों की पालना भी पशुपालक को करनी होगी. साथ ही, लाइसेंस का रिन्यूअल भी समय-समय पर करवाना होगा, जो लोग लाइसेंस का रिन्यूअल नहीं कराएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी होगी. इसके जरिए यह भी मॉनिटरिंग हो जाएगी कि पेट डॉग्स का एंटी रेबीज वैक्सीनेशन हो रहा है या नहीं. क्योंकि, उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी का सर्टिफिकेट भी लाइसेंस के साथ मांगा जाएगा.

Last Updated : Mar 7, 2021, 5:05 PM IST
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