कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने हाल ही में एक लाख की रिश्वत लेते हुए खनन विभाग के सुपरिंटेंडेंट माइनिंग इंजीनियर पन्ना लाल मीणा को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. उसके बाद एसएमई मीणा की मुश्किलें कम नहीं होती नजर आ रही है. पन्नालाल मीणा फिलहाल एसीबी की गिरफ्त में है, वह रिश्वत मांगने के मामले में एसीबी के रिमांड पर चल रहे हैं. वहीं, अब उनके खिलाफ एक अपरहण का आपराधिक मामला भी दर्ज हुआ है.
जानकारी के अनुसार एसएमई पन्नालाल मीणा के खिलाफ अपने ही विभाग के एक लिपिक के अपहरण का मुकदमा कोटा के आरकेपुरम थाने में दर्ज हुआ है. यह मुकदमा लिपिक की पत्नी ने दर्ज करवाया है. हालांकि, यह एफआईआर ना तो आरकेपुरम थानाधिकारी ने दर्ज की और ना ही एसपी ऑफिस से दर्ज हुई. इस एफआईआर को कोटा रेंज डीआईजी रविदत्त गौड़ के निर्देश पर दर्ज किया गया है, जो 20 दिसंबर को दर्ज हुई है, हालांकि, इसके बावजूद इस पर किसी भी तरह की कार्रवाई आरकेपुरम थाना पुलिस ने नहीं की है.
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मामले के अनुसार खनन विभाग में लिपिक योगेश भट्ट पिछले 1 महीने से गायब है और उनकी पत्नी ने आरकेपुरम थाने में एक लिखित शिकायत दी थी, जिसके आधार पर पुलिस ने अपरहण का मुकदमा दर्ज किया है. इस मामले में दर्ज की एफआईआर में अधीक्षण खनन अभियंता पन्नालाल मीणा के साथ रिटायर्ड कर्मचारी लेखराज मीणा और बाबू महेंद्र शर्मा भी आरोपी है.
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एफआईआर में कहा गया है कि योगेश भट्ट 24 नवंबर 2019 को 6 बजे बांसवाड़ा के लिए निकले थे, लेकिन उसके बाद से ही उनका कोई पता नहीं चल रहा है. इसमें यह भी जिक्र किया गया है कि योगेश भट्ट की खनन विभाग के अन्य अधिकारियों कार्मिकों से रंजिश चल रही थी.
मंत्री के करीबियों पर लगाए हैं कई गंभीर आरोप
लिपिक की पत्नी ने दर्ज करवाई इस एफआईआर में यह भी जिक्र किया गया है कि हाड़ौती के एक बड़े राजनेता और प्रदेश के सरकार में मंत्री के करीबियों के ऊपर गलत कार्य करवाने की बात कही गई है. साथ ही लिखा गया है कि उन्हें खनन विभाग के अधिकारियों ने इन राजनेताओं के इशारे पर ही एपीओ कर दिया.