कोटा. मुख्यमंत्री के निर्देश पर कृषि और कोटा के प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया गुरुवार को बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे. सबसे पहले भी कोटा बैराज पर गए. जहां पर पानी की निकासी का जायजा लिया. इसके बाद उन्होंने कलेक्ट्रेट के टैगोर हॉल में जिले के अधिकारियों और विधायकों के साथ बैठक की.
इस दौरान पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने कहा कि इटावा इलाके के हालात काफी विकट हैं. कई बस्तियों में अभी भी पानी भरा हुआ है. इस बैठक में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने निर्देशित करते हुए अधिकारियों से कहा है कि वह डूब क्षेत्र में जाएं और वहां पर लोगों को जो भी समस्या वर्तमान में आ रही है, उनका निदान तुरंत किया जाए.
इसके लिए सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के अलावा स्थानीय पटवारी और ग्राम सचिव की भी मदद ली जाए. इस दौरान मीडिया से कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से पूछा कि अभी इटावा पूरी तरह से कोटा जिले से कटा हुआ है और आसपास के जिलों से भी वहां नहीं जाया जा सकता है. ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाए तो किस तरह से मदद होगी इस पर मंत्री लालचंद कटारिया कोई जवाब नहीं दे पाए.
उन्होंने कहा कि जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़ को इस संबंध में निर्देशित किया गया है. प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया ने मीडिया से कहा है कि 7 दिन में वह पूरे इस नुकसान का हिसाब किताब लेंगे और क्रॉप इंश्योरेंस के अलावा एसडीआरएफ फंड से भी मुआवजा इन लोगों को दिलाया जाएगा. इस बैठक में विधायक रामनारायण मीणा ने यह भी कहा कि जो एसडीआरएफ की टीम इटावा इलाके में रेस्क्यू के लिए गई थी वह भी फस गई थी.
जिसे स्थानीय लोगों ने ही मदद करके रुकवाया है साथ ही बैठक में सांगोद विधायक भरत सिंह, संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा, जिला कलेक्टर उज्जवल राठौड़, एसपी शहर डॉ. विकास पाठक और ग्रामीण शरद चौधरी मौजूद रहे.
विधायक मीणा बोले 6 हजार से ज्यादा मकान गिर गएः
मीडिया से बात करते हुए रामनारायण मीणा ने कहा कि महंगा बीज किसानों ने इस बार बोला था, जो भी पूरी तरह से बह गया है. साथ ही करीब 700 से ज्यादा मवेशी किसानों के बह गए हैं.
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इटावा इलाके में 28 से ज्यादा छोटी बड़ी पुलिया इस बाढ़ की भेंट चढ़ गई है. साथ ही इटावा इलाके में 4500 और सुल्तानपुर इलाके में 1500 से ज्यादा मकान गिर गए हैं. इनमें कच्चे-पक्के मकान शामिल है. उन्होंने कहा कि जन-जीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है.
दुरुस्त करवाएंगे नहरी तंत्र, 8 लेन कम्पनी से तोड़ीः
मीडिया ने जब कृषि मंत्री लालचंद कटारिया से पूछा कि 8 लेन हाईवे निर्माण के दौरान कई खेतों में पानी भर गया है और वहां से निकास नहीं है. इस पर कृषि मंत्री ने इन लोगों को मुआवजा देने की बात कही है. इसी प्रश्न पर संभागीय आयुक्त कैलाश चंद मीणा ने भी काकी जितने भी सीएडी के नहरी तंत्र के स्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा है और स्कोर आगामी नहरों में पानी छोड़ने के पहले दुरुस्त करवा दिया जाएगा. इसके लिए हाईवे निर्माण में जुटे कंपनी और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों से भी मीटिंग हो रखी.