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बिजली संकट में राजस्थान को एक तिहाई बिजली उपलब्ध करवा रहा कोटा थर्मल, बीते 24 घंटे में पहुंची कोयले की 7 रैक - राजस्थान में बिजली संकट

राजस्थान में बिजली का संकट गहराता जा रहा है. लेकिन कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में 6 यूनिटों में लगातार उत्पादन हो रहा है. यह उत्पादन 1000 मेगावाट से ज्यादा है, जो कि राजस्थान को एक तिहाई बिजली उपलब्ध करवा रहा है.

Kota Thermal providing one-third electricity to Rajasthan in power crisis
बिजली संकट में राजस्थान को एक तिहाई बिजली उपलब्ध करवा रहा कोटा थर्मल
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Published : Oct 8, 2021, 6:35 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 6:56 PM IST

कोटा. देश में चल रहे कोयला संकट के बीच कई थर्मल पावर स्टेशन बंद हैं. प्रदेश में भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं. बिजली की कटौती कई जगह पर की जा रही है लेकिन कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में 6 यूनिटों में उत्पादन हो रहा है. यह उत्पादन 1000 मेगावाट से ज्यादा है, जो कि राजस्थान को एक तिहाई बिजली उपलब्ध करवा रहा है. कोटा थर्मल पावर प्लांट के पास 47 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा कोयला उपलब्ध है.

ऐसे में कोटा सुपर थर्मल सुपरक्रिटिकल स्थिति में तो है, लेकिन अभी भी 4 दिन का कोयला यहां पर शेष है. साथ ही रोज कोयले की चार से पांच रैक यहां पहुंच रही हैं. जिससे लगातार बिजली की जितनी खपत हो रही उतनी ही मात्रा में यहां कोयला उपलब्ध हो रहा है. कोटा थर्मल में इस महीने कोयले की 130 माल गाड़ियों का एलॉटमेंट है. कोटा थर्मल पावर प्लांट के पास 47 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा कोयला उपलब्ध है. ऐसे में यह सुपरक्रिटिकल स्थिति में तो है लेकिन अभी भी 4 दिन का कोयला यहां पर शेष है.

पढ़ें. हिमाचल उपचुनाव में स्टार प्रचारकों की लिस्ट में राजस्थान से केवल सचिन पायलट, पंजाब और छत्तीसगढ़ के सीएम भी सूची में

सालाना मेंटेनेंस के चलते बंद है 6 नंबर यूनिट, जल्द शुरू करने के निर्देश

कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 6 नंबर यूनिट सालाना रखरखाव के लिए बंद की गई है. यह 195 मेगावाट की यूनिट है. जो कि करीब 15 दिनों से बंद है. कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि राज्य सरकार ने 3 दिन में इस सालाना मेंटेनेंस के लिए बंद यूनिट को भी चालू करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में इसके लिए लगातार हम प्रयासरत हैं. इसका शटडाउन जल्दी ही बंद कर इसे लाइट अप किया जाएगा. ताकि सिंक्रोनाइज के बाद इससे भी उत्पादन शुरू हो सके. उन्होंने कहा कि इसको लेकर शुक्रवार को भी अधिकारियों के साथ मीटिंग की है.

दो यूनिट नहीं चल रही फुल लोड पर

फुल लोड परकोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर एक और दो नंबर यूनिट 110-110 मेगावाट की है. उन्हें 85 फीसदी क्षमता पर चलाया जा रहा है. जबकि 2 से 5 नंबर यूनिट पूरी क्षमता पर चल रही है. यह प्रत्येक यूनिट 210 मेगावाट की है. वहीं 195 मेगावाट क्षमता की सात नंबर यूनिट भी लगभग पूरी क्षमता से ही चलाई जा रही है. पूरे दिन भर में करीब 1000 मेगावाट से ज्यादा या इससे थोड़ा सा कम ही उत्पादन कोटा थर्मल में हो रहा है, जो कि औसत 1020 से ज्यादा है.

पढ़ें. बिजली संकट: दीपावली से पहले घरों और दुकानों में रहेगा अंधेरा, व्यापारी Shutdown से निराश

सीधा बंकरों में डाल रहे कोयला

थर्मल में जैसे ही कोयले की मालगाड़ी पहुंचती है. उनमें से अधिकांश माल गाड़ियों के डिब्बे बंकरों में ही खाली किए जा रहे हैं. जिससे बिजली का उत्पादन सुचारु रखा जा सके. हालांकि गुरुवार को भी 28 हजार मैट्रिक टन कोयला पहुंचा था. जबकि यहां पर खपत 17 हजार मैट्रिक टन कोयले की प्रतिदिन हो रही है. इसी तरह से शुक्रवार को भी इतना ही कोयला पहुंचना है. ऐसे में स्टॉक लगातार सरप्लस हो रहा है.

कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि उन्हें इस महीने करीब 130 कोयले की मालगाड़ियां अलॉट की गई है. गुरुवार को पूरे 24 घंटे में 7 कोयले की माल गाड़ियां पहुंची है. इसके साथ ही शुक्रवार को भी 7 कोयले की रैक पहुंचने वाली है.

कोटा. देश में चल रहे कोयला संकट के बीच कई थर्मल पावर स्टेशन बंद हैं. प्रदेश में भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं. बिजली की कटौती कई जगह पर की जा रही है लेकिन कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन में 6 यूनिटों में उत्पादन हो रहा है. यह उत्पादन 1000 मेगावाट से ज्यादा है, जो कि राजस्थान को एक तिहाई बिजली उपलब्ध करवा रहा है. कोटा थर्मल पावर प्लांट के पास 47 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा कोयला उपलब्ध है.

ऐसे में कोटा सुपर थर्मल सुपरक्रिटिकल स्थिति में तो है, लेकिन अभी भी 4 दिन का कोयला यहां पर शेष है. साथ ही रोज कोयले की चार से पांच रैक यहां पहुंच रही हैं. जिससे लगातार बिजली की जितनी खपत हो रही उतनी ही मात्रा में यहां कोयला उपलब्ध हो रहा है. कोटा थर्मल में इस महीने कोयले की 130 माल गाड़ियों का एलॉटमेंट है. कोटा थर्मल पावर प्लांट के पास 47 हजार मैट्रिक टन से ज्यादा कोयला उपलब्ध है. ऐसे में यह सुपरक्रिटिकल स्थिति में तो है लेकिन अभी भी 4 दिन का कोयला यहां पर शेष है.

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सालाना मेंटेनेंस के चलते बंद है 6 नंबर यूनिट, जल्द शुरू करने के निर्देश

कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन की 6 नंबर यूनिट सालाना रखरखाव के लिए बंद की गई है. यह 195 मेगावाट की यूनिट है. जो कि करीब 15 दिनों से बंद है. कोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि राज्य सरकार ने 3 दिन में इस सालाना मेंटेनेंस के लिए बंद यूनिट को भी चालू करने के निर्देश दिए हैं. ऐसे में इसके लिए लगातार हम प्रयासरत हैं. इसका शटडाउन जल्दी ही बंद कर इसे लाइट अप किया जाएगा. ताकि सिंक्रोनाइज के बाद इससे भी उत्पादन शुरू हो सके. उन्होंने कहा कि इसको लेकर शुक्रवार को भी अधिकारियों के साथ मीटिंग की है.

दो यूनिट नहीं चल रही फुल लोड पर

फुल लोड परकोटा सुपर थर्मल पावर स्टेशन पर एक और दो नंबर यूनिट 110-110 मेगावाट की है. उन्हें 85 फीसदी क्षमता पर चलाया जा रहा है. जबकि 2 से 5 नंबर यूनिट पूरी क्षमता पर चल रही है. यह प्रत्येक यूनिट 210 मेगावाट की है. वहीं 195 मेगावाट क्षमता की सात नंबर यूनिट भी लगभग पूरी क्षमता से ही चलाई जा रही है. पूरे दिन भर में करीब 1000 मेगावाट से ज्यादा या इससे थोड़ा सा कम ही उत्पादन कोटा थर्मल में हो रहा है, जो कि औसत 1020 से ज्यादा है.

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सीधा बंकरों में डाल रहे कोयला

थर्मल में जैसे ही कोयले की मालगाड़ी पहुंचती है. उनमें से अधिकांश माल गाड़ियों के डिब्बे बंकरों में ही खाली किए जा रहे हैं. जिससे बिजली का उत्पादन सुचारु रखा जा सके. हालांकि गुरुवार को भी 28 हजार मैट्रिक टन कोयला पहुंचा था. जबकि यहां पर खपत 17 हजार मैट्रिक टन कोयले की प्रतिदिन हो रही है. इसी तरह से शुक्रवार को भी इतना ही कोयला पहुंचना है. ऐसे में स्टॉक लगातार सरप्लस हो रहा है.

कोटा थर्मल के चीफ इंजीनियर वीके गोलानी का कहना है कि उन्हें इस महीने करीब 130 कोयले की मालगाड़ियां अलॉट की गई है. गुरुवार को पूरे 24 घंटे में 7 कोयले की माल गाड़ियां पहुंची है. इसके साथ ही शुक्रवार को भी 7 कोयले की रैक पहुंचने वाली है.

Last Updated : Oct 8, 2021, 6:56 PM IST
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