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कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड उपभोक्ताओं को लूट रही हैः धारीवाल - बिजली खरीद

कोटा जिले में प्रदेश के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की. मंत्री शांति धारीवाल ने साफ कहा कि केईडीएल कोटा शहर की जनता को लूट रही है, क्योंकि वह जितने यूनिट जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई गुना ज्यादा के बिल और उपभोक्ताओं को दे रही है.

UDH Minister Shanti Dhariwal spoke to media on KEDL issue, kota news, कोटा न्यूज
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की
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Published : Dec 9, 2019, 10:04 PM IST

कोटा. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी के रूप में कोटा शहर की बिजली व्यवस्था को संभाल रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) मंत्री शांति धारीवाल के निशाने पर है.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की

उन्होंने नगर निगम और यूआईटी को कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे, सोमवार को मंत्री शांति धारीवाल कोटा आए तो उन्होंने खुलकर केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की. मंत्री शांति धारीवाल ने साफ कहा कि केईडीएल कोटा शहर की जनता को लूट रही है, क्योंकि वह जितने यूनिट जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई गुना ज्यादा के बिल और उपभोक्ताओं को दे रही है. इससे साफ है कि केईडीएल उपभोक्ताओं के साथ लूट खसोट कर रही है.

पढ़ेंः कोटा: जिला परिषद की मीटिंग में उठा खराब सड़कों का मुद्दा

वहीं उन्होंने कहा कि अब हम इसकी विस्तृत जांच करवाएंगे और इस कंपनी को मनमानी नहीं करने देंगे साथ ही अगर इस तरह की मनमानी कंपनी ने जारी रखी तो उसे वापस भी भेजा जाएगा. जिसके लिए हम ग्राउंड तैयार कर रहे हैं और इसकी गड़बड़ियों का पूरी विस्तृत जांच बना रहे हैं. क्योंकि कंपनी को हटाने के बाद वह कोर्ट में जाएगी.

बिजली कंपनी को लाने वाली सरकार के लोग पैरोल पर थे

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बिजली कंपनी आने के साथ ही शिकायतें आने लग गई थी, लेकिन उस समय सत्ता में जो लोग थे उन्होंने ध्यान नहीं दिया साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार के कोटा के जनप्रतिनिधि उस समय बिजली कंपनी केईडीएल की पे-रोल में शामिल थे.

पढ़ेंः श्रीगंगानगर: ग्रामीणों ने लगाया जलदाय विभाग और ठेकेदारों पर मिलीभगत का आरोप

नगर निगम का बिल बढ़कर दोगुना हो गया

उन्होंने कहा कि हमने जो जांच करवाई है उस में सामने आया कि 32 ऐसे मीटर थे जिनको प्रोविजनल आधार पर रीडिंग जारी कर दी गई, जबकि ये मीटर चालु थे और उन्हें औसत की रीडिंग दे दी गई. कंपनी ने किशोर सागर तालाब के बारहदरी सहित कई जगहों पर बिना कनेक्शन की मांग किए हुए ही मीटर लगा दिए हैं. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जब नगर निगम जयपुर डिस्कॉम से बिजली लेता था तब 10 करोड़ रुपए सालाना का बिल आ रहा था अब यह बढ़कर 20 करोड़ रुपए हो गया है.

कोटा. जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी के रूप में कोटा शहर की बिजली व्यवस्था को संभाल रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) मंत्री शांति धारीवाल के निशाने पर है.

यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की

उन्होंने नगर निगम और यूआईटी को कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे, सोमवार को मंत्री शांति धारीवाल कोटा आए तो उन्होंने खुलकर केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की. मंत्री शांति धारीवाल ने साफ कहा कि केईडीएल कोटा शहर की जनता को लूट रही है, क्योंकि वह जितने यूनिट जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई गुना ज्यादा के बिल और उपभोक्ताओं को दे रही है. इससे साफ है कि केईडीएल उपभोक्ताओं के साथ लूट खसोट कर रही है.

पढ़ेंः कोटा: जिला परिषद की मीटिंग में उठा खराब सड़कों का मुद्दा

वहीं उन्होंने कहा कि अब हम इसकी विस्तृत जांच करवाएंगे और इस कंपनी को मनमानी नहीं करने देंगे साथ ही अगर इस तरह की मनमानी कंपनी ने जारी रखी तो उसे वापस भी भेजा जाएगा. जिसके लिए हम ग्राउंड तैयार कर रहे हैं और इसकी गड़बड़ियों का पूरी विस्तृत जांच बना रहे हैं. क्योंकि कंपनी को हटाने के बाद वह कोर्ट में जाएगी.

बिजली कंपनी को लाने वाली सरकार के लोग पैरोल पर थे

मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बिजली कंपनी आने के साथ ही शिकायतें आने लग गई थी, लेकिन उस समय सत्ता में जो लोग थे उन्होंने ध्यान नहीं दिया साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार के कोटा के जनप्रतिनिधि उस समय बिजली कंपनी केईडीएल की पे-रोल में शामिल थे.

पढ़ेंः श्रीगंगानगर: ग्रामीणों ने लगाया जलदाय विभाग और ठेकेदारों पर मिलीभगत का आरोप

नगर निगम का बिल बढ़कर दोगुना हो गया

उन्होंने कहा कि हमने जो जांच करवाई है उस में सामने आया कि 32 ऐसे मीटर थे जिनको प्रोविजनल आधार पर रीडिंग जारी कर दी गई, जबकि ये मीटर चालु थे और उन्हें औसत की रीडिंग दे दी गई. कंपनी ने किशोर सागर तालाब के बारहदरी सहित कई जगहों पर बिना कनेक्शन की मांग किए हुए ही मीटर लगा दिए हैं. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जब नगर निगम जयपुर डिस्कॉम से बिजली लेता था तब 10 करोड़ रुपए सालाना का बिल आ रहा था अब यह बढ़कर 20 करोड़ रुपए हो गया है.

Intro:मंत्री शांति धारीवाल कोटा आए तो उन्होंने खुलकर केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की. मंत्री शांति धारीवाल ने साफ कहा कि केईडीएल कोटा शहर की जनता को लूट रही है. क्योंकि वह जितने यूनिट जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई गुना ज्यादा के बिल व उपभोक्ताओं को दे रही है. इससे साफ है कि केईडीएल उपभोक्ताओं के साथ लूट खसोट कर रही है. अब हम इसकी विस्तृत जांच करवाएंगे.Body:कोटा.
जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की फ्रेंचाइजी के रूप में कोटा शहर की बिजली व्यवस्था को संभाल रही कोटा इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड (केईडीएल) मंत्री शांति धारीवाल के निशाने पर है. उन्होंने नगर निगम और यूआईटी को कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे, आज के मंत्री शांति धारीवाल कोटा आए तो उन्होंने खुलकर केईडीएल के मुद्दे पर मीडिया से बात की. मंत्री शांति धारीवाल ने साफ कहा कि केईडीएल कोटा शहर की जनता को लूट रही है. क्योंकि वह जितने यूनिट जेवीवीएनएल से खरीद रही है. उससे कई गुना ज्यादा के बिल व उपभोक्ताओं को दे रही है. इससे साफ है कि केईडीएल उपभोक्ताओं के साथ लूट खसोट कर रही है. अब हम इसकी विस्तृत जांच करवाएंगे और इस कंपनी को मनमानी नहीं करने देंगे. साथ ही अगर इस तरह की मनमानी कंपनी ने जारी रखी तो उसे वापस भी भेजा जाएगा. जिसके लिए हम ग्राउंड तैयार कर रहे हैं और इसकी गड़बड़ियों का पूरी विस्तृत जांच बना रहे हैं. क्योंकि कंपनी को हटाने के बाद वह कोर्ट में जाएगी.

बिजली कंपनी को लाने वाली सरकार के लोग पैरोल पर थे
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि बिजली कंपनी आने के साथ ही शिकायतें आने लग गई थी लेकिन उस समय सत्ता में जो लोग थे उन्होंने ध्यान नहीं दिया साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि सरकार के कोटा के जनप्रतिनिधि उस समय बिजली कंपनी केईडीएल की पे-रोल में शामिल थे.

Conclusion:नगर निगम का बिल बढ़कर दोगुना हो गया
यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि उन्होंने कहा कि हमने जो जांच करवाई है उस में सामने आया कि 32 ऐसे मीटर थे जिनको प्रोविजनल आधार पर रीडिंग जारी कर दी गई, जबकि ये मीटर चालु थे और उन्हें औसत की रीडिंग दे दी गई. कंपनी ने किशोर सागर तालाब के बारहदरी सहित कई जगहों पर बिना कनेक्शन की मांग किए हुए ही मीटर लगा दिए हैं. मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि जब नगर निगम जयपुर डिस्कॉम से बिजली लेता था तब 10 करोड़ रुपए सालाना का बिल आ रहा था अब यह बढ़कर 20 करोड़ रुपए हो गया है वही नगर विकास न्यास ने 3 सालों में 60 करोड रुपए बिजली के बिल में चुकाए हैं.


बाइट का क्रम

बाइट-- शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री
बाइट-- शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री
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