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Special: मेडिकल-इंजीनियरिंग के साथ ही विदेशी विश्वविद्यालयों में भी एंट्री दिला रहा कोटा

पूरे देश में मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं में कोटा का नाम है. अब कोटा विदेश की बड़ी यूनिवर्सिटी और संस्थानों में भी एडमिशन दिलाने लगा है. बीते 3 सालों में कोटा में पढ़ने वाले करीब 200 से ज्यादा बच्चे विदेशों में पढ़ने गए हैं.

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हर साल करीब 150 स्टूडेंट्स का सिलेक्शन
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Published : Jul 13, 2021, 7:42 PM IST

Updated : Jul 13, 2021, 10:49 PM IST

कोटा: मेडिकल (NEET UG) और इंजीनियरिंग (JEE MAIN & ADVANCE) एंट्रेंस परीक्षा के नाम से कोटा पूरे देश भर में जाना जाता है. अब कोटा में विदेशी यूनिवर्सिटी और संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाले SAT, ACT, TOEFL, IELTS, GRE, GMAT की भी तैयारी कराई जा रही है. खास बात यह है कि एंट्रेंस एग्जाम, सब्जेक्ट की पढ़ाई के साथ-साथ प्रोफाइल बिल्डिंग (Profile Building), SOP यानी स्टेटमेंट ऑफ परपज (Statement of Purpose), इंटरव्यू स्किल्स (Interview Skills) और रिकमेंडेशन (Recommendation) के लिए भी गाइडेंस दी जाती है.

170 से लेकर 200 विद्यार्थी हर साल परीक्षाओं में सेलेक्ट हो रहे हैं. 50 से लेकर 70 विद्यार्थी हर साल विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में एडमिशन लेते हैं. विश्व की टॉप 30 विश्वविद्यालय और संस्थानों में स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ है.

विदेशी विश्वविद्यालयों में भी एंट्री दिला रहा कोटा

पढ़ें: Exclusive: अब कोचिंग सेंटर्स, हॉस्टलों से रेवेन्यू जेनरेट करेगा नगर निगम...ये है प्लान

निजी कोचिंग के निर्देशक केशव माहेश्वरी का मानना है कि विदेशी विश्वविद्यालय बड़ी संख्या में भारत के बच्चों को लेते हैं. हर साल करीब डेढ़ से दो लाख बच्चे विदेशी संस्थानों में पढ़ने के लिए जाते हैं. यह ट्रेंड भी लगातार बढ़ रहा है. इस साल डेढ़ लाख बच्चे कनाडा (Canada) जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. सवा लाख बच्चे यूएसए और इतने ही बच्चे यूके की यूनिवर्सिटीज में पढ़ना चाहते हैं. ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स तैयारी करते हैं. पहले कोटा से पढ़ाई कर रहे बच्चे दूसरे शहरों में जाकर ही तैयारी करते थे, लेकिन अब वे यहां रहकर भी तैयारी कर सकते हैं.

एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि बीते साल कोविड-19 के चलते फ्लाइट बंद थी. ऐसे में विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन ही पढ़ाई कराने की बात कही है. इसके चलते चयनित बच्चों ने भी विदेश के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में जाने की जगह देश के ही उच्च संस्थानों में प्रवेश लेकर पढ़ाई की है. करीब 200 से ज्यादा बच्चे पिछले साल कोटा से चयनित हुए थे. इनमें से 50 से 70 बच्चे ही गए हैं. इन बच्चों ने भी विदेश के बड़े कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन लिया है.

पढ़ें: Special : कंटेनर की कमी ने कोटा से घटा दिया पत्थर का एक्सपोर्ट, किराया भी 5 गुना ज्यादा

कोटा से विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में जिन बच्चों का चयन हुआ है, वह सभी विदेशी संस्थान टॉप 20 या 30 में शामिल हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सितंबर महीने में एग्जाम की तैयारी शुरू होती है. जो बच्चा एग्जाम क्लियर कर लेता है, उसका एडमिशन अगले साल सितंबर में होता है.

जिन संस्थानों में कोटा से स्टूडेंट का चयन हुआ है, उनमें यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका की MIT यानी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology), यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford), कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो (University of Toronto), यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर (University of Manchester), KCL यानी किंग्स कॉलेज लंदन (King's College London) , यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (University of Michigan), यूके का इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London), ऑस्ट्रेलिया की ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (Australian National University), यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (University of Melbourne) शामिल हैं.

कोटा: मेडिकल (NEET UG) और इंजीनियरिंग (JEE MAIN & ADVANCE) एंट्रेंस परीक्षा के नाम से कोटा पूरे देश भर में जाना जाता है. अब कोटा में विदेशी यूनिवर्सिटी और संस्थानों में प्रवेश के लिए होने वाले SAT, ACT, TOEFL, IELTS, GRE, GMAT की भी तैयारी कराई जा रही है. खास बात यह है कि एंट्रेंस एग्जाम, सब्जेक्ट की पढ़ाई के साथ-साथ प्रोफाइल बिल्डिंग (Profile Building), SOP यानी स्टेटमेंट ऑफ परपज (Statement of Purpose), इंटरव्यू स्किल्स (Interview Skills) और रिकमेंडेशन (Recommendation) के लिए भी गाइडेंस दी जाती है.

170 से लेकर 200 विद्यार्थी हर साल परीक्षाओं में सेलेक्ट हो रहे हैं. 50 से लेकर 70 विद्यार्थी हर साल विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में एडमिशन लेते हैं. विश्व की टॉप 30 विश्वविद्यालय और संस्थानों में स्टूडेंट्स का एडमिशन हुआ है.

विदेशी विश्वविद्यालयों में भी एंट्री दिला रहा कोटा

पढ़ें: Exclusive: अब कोचिंग सेंटर्स, हॉस्टलों से रेवेन्यू जेनरेट करेगा नगर निगम...ये है प्लान

निजी कोचिंग के निर्देशक केशव माहेश्वरी का मानना है कि विदेशी विश्वविद्यालय बड़ी संख्या में भारत के बच्चों को लेते हैं. हर साल करीब डेढ़ से दो लाख बच्चे विदेशी संस्थानों में पढ़ने के लिए जाते हैं. यह ट्रेंड भी लगातार बढ़ रहा है. इस साल डेढ़ लाख बच्चे कनाडा (Canada) जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं. सवा लाख बच्चे यूएसए और इतने ही बच्चे यूके की यूनिवर्सिटीज में पढ़ना चाहते हैं. ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए भी बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स तैयारी करते हैं. पहले कोटा से पढ़ाई कर रहे बच्चे दूसरे शहरों में जाकर ही तैयारी करते थे, लेकिन अब वे यहां रहकर भी तैयारी कर सकते हैं.

एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि बीते साल कोविड-19 के चलते फ्लाइट बंद थी. ऐसे में विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन ही पढ़ाई कराने की बात कही है. इसके चलते चयनित बच्चों ने भी विदेश के विश्वविद्यालयों और संस्थानों में जाने की जगह देश के ही उच्च संस्थानों में प्रवेश लेकर पढ़ाई की है. करीब 200 से ज्यादा बच्चे पिछले साल कोटा से चयनित हुए थे. इनमें से 50 से 70 बच्चे ही गए हैं. इन बच्चों ने भी विदेश के बड़े कॉलेजों और यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन लिया है.

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कोटा से विदेशी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में जिन बच्चों का चयन हुआ है, वह सभी विदेशी संस्थान टॉप 20 या 30 में शामिल हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि सितंबर महीने में एग्जाम की तैयारी शुरू होती है. जो बच्चा एग्जाम क्लियर कर लेता है, उसका एडमिशन अगले साल सितंबर में होता है.

जिन संस्थानों में कोटा से स्टूडेंट का चयन हुआ है, उनमें यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका की MIT यानी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology), यूके की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी (University of Oxford), कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो (University of Toronto), यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनचेस्टर (University of Manchester), KCL यानी किंग्स कॉलेज लंदन (King's College London) , यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन (University of Michigan), यूके का इंपीरियल कॉलेज लंदन (Imperial College London), ऑस्ट्रेलिया की ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी (Australian National University), यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबर्न (University of Melbourne) शामिल हैं.

Last Updated : Jul 13, 2021, 10:49 PM IST
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