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सर्दी के आगाज के साथ ही सरिस्का में बढ़ जाती है वन्यजीवों के शिकार की घटनाएं, प्रशासन अलर्ट, बढ़ाई गई रात्रि गश्त - SARISKA ADMINISTRATION ALERT

सरिस्का टाइगर रिजर्व में सर्दियों के तेवर तेज होने के साथ ही सरिस्का प्रशासन अलर्ट, बढ़ाई गई रात्रि गश्त.

SARISKA ADMINISTRATION ALERT
सरिस्का प्रशासन अलर्ट (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 13 hours ago

अलवर : जिले का मुख्य पर्यटन केंद्र सरिस्का टाइगर रिजर्व में सर्दियों के तेवर तेज होने के साथ ही अब सरिस्का प्रशासन भी मॉनिटरिंग पर जोर दे रहा है. कारण है कि सर्दियों में सरिस्का के जंगलों में शिकर की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इस दौरान शिकारी रात के अंधेरे में जंगल में घुस जाते हैं और शिकार की घटनाओं को अंजाम देते हैं. ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से नाइट पेट्रोलिंग पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही जंगल में जाने वाले सभी अवैध रास्तों को बंद किया जा रहा है.

सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि सर्दियों को देखते हुए सरिस्का टाइगर रिजर्व के लिए अतिरिक्त होम गार्ड की व्यवस्था की गई है. साथ ही जंगल में होने वाली नाइट पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है. इसके लिए अलग-अलग रूट बनाए गए हैं, जहां रात के समय पेट्रोलिंग वाहन के माध्यम से जंगल पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. डीएफओ ने बताया कि इसके अलावा कोशिश की जा रही है कि जहां पेट्रोलिंग वाहन नहीं जा सकते हैं, वहां बाइक व पैदल भी पेट्रोलिंग की जाए. इसके जरिए पूरे जंगल पर नजर रखी जा सकती है. वहीं, बाघों की मॉनिटरिंग के लिए भी टीम बनाई गई है, जो समय-समय पर अपडेट दे रही है.

सरिस्का डीएफओ अभिमन्यु सहारण (ETV BHARAT ALWAR)

इसे भी पढ़ें - राजस्थान : बाघों और बघेरों की कहानियों से गूंजा यह साल, सरिस्का में बाघों की बहार तो गोगुंदा में पैंथर का खौफ - WILDLIFE IN RAJASTHAN

कैमरों से भी हो रही मॉनिटरिंग : डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने कहा कि जंगल में लगे कैमरा ट्रैप से भी जंगल की निगरानी की जाती है. इसके माध्यम से वन्यजीवों की मॉनिटरिंग भी जारी रहती है. साथ-साथ जंगल में होने वाली अवैध गतिविधियों के बारे में भी सूचना मिल जाती है. उन्होंने बताया कि सरिस्का को शिकार विहीन बनाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

सरिस्का में हैं 42 बाघ : सरिस्का टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 42 बाघ, बाघिन और शावक हैं. इसमें 10 से ज्यादा शावकों ने साल 2024 में जन्म लिया है. सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्तमान में मॉनिटरिंग जरूरी है. 2005 से पूर्व यहां शिकार की काफी घटनाएं सामने आई थी.

इसे भी पढ़ें - सरिस्का में बाघों के साथ अब प्रवासी पक्षियों की साइटिंग भी करेगी पर्यटकों को गदगद - SARISKA TIGER RESERVE

खुला जंगल इसलिए भी पेट्रोलिंग जरूरी : वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि 1213 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैले सरिस्का टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि सरिस्का का जंगल चारों तरफ से खुला है. इसमें कहीं से भी शिकारी अंदर घुसकर घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं. सरिस्का में वन्यजीव को शिकारियों से बचाने के लिए लगातार पेट्रोलिंग जरूरी है. इसके लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से भी पेट्रोलिंग की पूरी मॉनिटरिंग की जाती है.

अलवर : जिले का मुख्य पर्यटन केंद्र सरिस्का टाइगर रिजर्व में सर्दियों के तेवर तेज होने के साथ ही अब सरिस्का प्रशासन भी मॉनिटरिंग पर जोर दे रहा है. कारण है कि सर्दियों में सरिस्का के जंगलों में शिकर की घटनाएं बढ़ जाती हैं. इस दौरान शिकारी रात के अंधेरे में जंगल में घुस जाते हैं और शिकार की घटनाओं को अंजाम देते हैं. ऐसी घटनाओं पर रोकथाम के लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से नाइट पेट्रोलिंग पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही जंगल में जाने वाले सभी अवैध रास्तों को बंद किया जा रहा है.

सरिस्का के डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने बताया कि सर्दियों को देखते हुए सरिस्का टाइगर रिजर्व के लिए अतिरिक्त होम गार्ड की व्यवस्था की गई है. साथ ही जंगल में होने वाली नाइट पेट्रोलिंग को बढ़ा दिया गया है. इसके लिए अलग-अलग रूट बनाए गए हैं, जहां रात के समय पेट्रोलिंग वाहन के माध्यम से जंगल पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. डीएफओ ने बताया कि इसके अलावा कोशिश की जा रही है कि जहां पेट्रोलिंग वाहन नहीं जा सकते हैं, वहां बाइक व पैदल भी पेट्रोलिंग की जाए. इसके जरिए पूरे जंगल पर नजर रखी जा सकती है. वहीं, बाघों की मॉनिटरिंग के लिए भी टीम बनाई गई है, जो समय-समय पर अपडेट दे रही है.

सरिस्का डीएफओ अभिमन्यु सहारण (ETV BHARAT ALWAR)

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कैमरों से भी हो रही मॉनिटरिंग : डीएफओ अभिमन्यु सहारण ने कहा कि जंगल में लगे कैमरा ट्रैप से भी जंगल की निगरानी की जाती है. इसके माध्यम से वन्यजीवों की मॉनिटरिंग भी जारी रहती है. साथ-साथ जंगल में होने वाली अवैध गतिविधियों के बारे में भी सूचना मिल जाती है. उन्होंने बताया कि सरिस्का को शिकार विहीन बनाने के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं.

सरिस्का में हैं 42 बाघ : सरिस्का टाइगर रिजर्व में वर्तमान में 42 बाघ, बाघिन और शावक हैं. इसमें 10 से ज्यादा शावकों ने साल 2024 में जन्म लिया है. सरिस्का में बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए वर्तमान में मॉनिटरिंग जरूरी है. 2005 से पूर्व यहां शिकार की काफी घटनाएं सामने आई थी.

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खुला जंगल इसलिए भी पेट्रोलिंग जरूरी : वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि 1213 वर्ग किलोमीटर के एरिया में फैले सरिस्का टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि सरिस्का का जंगल चारों तरफ से खुला है. इसमें कहीं से भी शिकारी अंदर घुसकर घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं. सरिस्का में वन्यजीव को शिकारियों से बचाने के लिए लगातार पेट्रोलिंग जरूरी है. इसके लिए सरिस्का प्रशासन की ओर से भी पेट्रोलिंग की पूरी मॉनिटरिंग की जाती है.

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