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कोटा: मृत बच्चों के परिजन से मिला अस्पताल प्रबंधन, लिखित आश्वासन दिया, "लापरवाही से नहीं मरेगा बच्चा"

कोटा के जेके लोन अस्पताल में सोमवार को एक और बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद उसके परिजन अस्पताल के बाहर धरने पर बैठ गए. जिनसे मिलने अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे.

kota Hospital management, कोटा अस्पताल प्रबंधन, कोटा में नवजात की मौत
मृत बच्चों के परिजन से मिलने पहुंचा अस्पताल प्रबंधन
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Published : Jan 6, 2020, 3:29 PM IST

कोटा. कोटा के जेके लोन अस्पताल में गायनी वार्ड में अपनी मां के साथ भर्ती नवजात की मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल में धरने पर बैठ गए. जिनसे मिलने अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे. दोनों ने धरने पर बैठे परिजनों से बातचीत की. साथ ही अस्पताल अधीक्षक ने धरने पर बैठे परिजनों को लिखित में आश्वासन दिया है, कि लापरवाही से किसी भी बच्चे की मौत नहीं होगी.

मृत बच्चों के परिजन से मिलने पहुंचा अस्पताल प्रबंधन

लिखित में मांगा आश्वासन
भीलवाड़ा के चित्तौड़गढ़ निवासी रफीकन का पीहर कोटा सकतपुरा में है. उसकी जेके लोन अस्पताल में डिलीवरी हुई थी और 4 दिन के उसके नवजात की सोमवार को मौत हो गई. जिसके बाद परिजन अस्पताल के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे. परिजनों से मिलने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे. महिला ने अस्पताल अधीक्षक से चिकित्सकों और स्टाफ की शिकायत की. साथ ही नवजात बच्चे की मामी नौरीन ने कहा, कि उनकी लापरवाही के चलते ही हमारी नवजात बच्ची की मौत हुई है. साथ ही लिखित में आश्वासन मांगा, कि किसी भी बच्चे की मौत अस्पताल में नहीं होगी.

पढ़ेंः कोटा में बच्चों की मौत शर्मनाक, नेता अखबार में छपने के लिए जा रहे अस्पताल: हनुमान बेनीवाल

'स्टाफ की लापरवाही से नहीं हुई बच्चों की मौत'
ऐसे में अस्पताल अधीक्षक डॉ. दुलारा ने लिखित आश्वासन दिया है, कि चिकित्सकों और स्टाफ की लापरवाही से एक भी बच्चे की मौत नहीं होगी. उन्होंने कहा, कि मुझे अभी ज्वाइन किए हुए 8 दिन ही हुए हैं. मैं व्यवस्थाएं सुधारने में जुटा हुआ हूं और अच्छी व्यवस्थाएं देंगे, ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही या कोताही नहीं बरती जाए.आपको बता दें, कि जेके लोन अस्पताल में अबतक जनवरी महीने में 12 बच्चों की मौत हो चुकी है और दिसंबर का महीना भी मिला लिया जाए तो अस्पताल में उपचार के दौरान अबतक 112 बच्चों की मौत हुई है.

कोटा. कोटा के जेके लोन अस्पताल में गायनी वार्ड में अपनी मां के साथ भर्ती नवजात की मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल में धरने पर बैठ गए. जिनसे मिलने अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे. दोनों ने धरने पर बैठे परिजनों से बातचीत की. साथ ही अस्पताल अधीक्षक ने धरने पर बैठे परिजनों को लिखित में आश्वासन दिया है, कि लापरवाही से किसी भी बच्चे की मौत नहीं होगी.

मृत बच्चों के परिजन से मिलने पहुंचा अस्पताल प्रबंधन

लिखित में मांगा आश्वासन
भीलवाड़ा के चित्तौड़गढ़ निवासी रफीकन का पीहर कोटा सकतपुरा में है. उसकी जेके लोन अस्पताल में डिलीवरी हुई थी और 4 दिन के उसके नवजात की सोमवार को मौत हो गई. जिसके बाद परिजन अस्पताल के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे. परिजनों से मिलने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे. महिला ने अस्पताल अधीक्षक से चिकित्सकों और स्टाफ की शिकायत की. साथ ही नवजात बच्चे की मामी नौरीन ने कहा, कि उनकी लापरवाही के चलते ही हमारी नवजात बच्ची की मौत हुई है. साथ ही लिखित में आश्वासन मांगा, कि किसी भी बच्चे की मौत अस्पताल में नहीं होगी.

पढ़ेंः कोटा में बच्चों की मौत शर्मनाक, नेता अखबार में छपने के लिए जा रहे अस्पताल: हनुमान बेनीवाल

'स्टाफ की लापरवाही से नहीं हुई बच्चों की मौत'
ऐसे में अस्पताल अधीक्षक डॉ. दुलारा ने लिखित आश्वासन दिया है, कि चिकित्सकों और स्टाफ की लापरवाही से एक भी बच्चे की मौत नहीं होगी. उन्होंने कहा, कि मुझे अभी ज्वाइन किए हुए 8 दिन ही हुए हैं. मैं व्यवस्थाएं सुधारने में जुटा हुआ हूं और अच्छी व्यवस्थाएं देंगे, ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही या कोताही नहीं बरती जाए.आपको बता दें, कि जेके लोन अस्पताल में अबतक जनवरी महीने में 12 बच्चों की मौत हो चुकी है और दिसंबर का महीना भी मिला लिया जाए तो अस्पताल में उपचार के दौरान अबतक 112 बच्चों की मौत हुई है.

Intro:नवजात बच्चे की मामी नौरीन कहा कि उनकी लापरवाही के चलते ही हमारी नवजात बच्ची की मौत हुई है. साथ ही लिखित में आश्वासन मांगा कि किसी भी बच्चे की मौत अस्पताल में नहीं होगी. ऐसे में अस्पताल अधीक्षक डॉ दुलारा ने लिखित आश्वासन दिया है कि चिकित्सकों व स्टाफ की लापरवाही से एक भी बच्चे की मौत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मुझे अभी ज्वाइन किए हुए 8 दिन ही हुए हैं, मैं व्यवस्थाएं सुधारने में जुटा हुआ हूं.


Body:कोटा. कोटा के जेके लोन अस्पताल में गायनी वार्ड में अपनी मां के साथ भर्ती नवजात की मौत के बाद उसके परिजन अस्पताल में धरने पर बैठ गए. जिनसे मिलने अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे. दोनों ने धरने पर बैठे परिजनों से बातचीत की. साथ ही अस्पताल अधीक्षक ने धरने पर बैठे परिजनों को लिखित में आश्वासन दिया है कि लापरवाही से किसी भी बच्चे की मौत नहीं होगी. मामले के अनुसार भीलवाड़ा के चित्तौड़गढ़ निवासी रफीकल का पीहर कोटा सकतपुरा में है. उसकी जेके लोन अस्पताल में डिलीवरी हुई थी और 4 दिन के उसके नवजात की मौत आज हो गई. जिसके बाद उसकी परिजन अस्पताल के बाहर ही धरने पर बैठे थे. आज उनसे मिलने के लिए अस्पताल अधीक्षक डॉ. एससी दुलारा और उपाधीक्षक डॉ. गोपी किशन पहुंचे. महिला ने अस्पताल अधीक्षक से चिकित्सकों और स्टाफ की शिकायत की. साथ ही नवजात बच्चे की मामी नौरीन कहा कि उनकी लापरवाही के चलते ही हमारी नवजात बच्ची की मौत हुई है. साथ ही लिखित में आश्वासन मांगा कि किसी भी बच्चे की मौत अस्पताल में नहीं होगी. ऐसे में अस्पताल अधीक्षक डॉ दुलारा ने लिखित आश्वासन दिया है कि चिकित्सकों व स्टाफ की लापरवाही से एक भी बच्चे की मौत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि मुझे अभी ज्वाइन किए हुए 8 दिन ही हुए हैं, मैं व्यवस्थाएं सुधारने में जुटा हुआ हूं और अच्छी व्यवस्थाएं देंगे, ताकि बच्चों के इलाज में किसी तरह की कोई लापरवाही या कोताही नहीं बरती जाए.


Conclusion:आपको बता दें कि जेके लोन अस्पताल में अब तक जनवरी महीने में 12 बच्चों की मौत हो चुकी है और दिसंबर का महीना भी मिला लिया जाए, तो अब तक 112 बच्चों की मौत अस्पताल में उपचार के दौरान हुई है. बाइट का क्रम बाइट-- डॉ. एससी दुलारा, अधीक्षक बाइट-- डॉ. गोपी किशन, उपाधीक्षक
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