कोटा. पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के बीच कोटा शहर के पिता-पुत्र का इनोवेशन लोगों को बड़ी राहत दे सकता है. दोनों की बेमिसाल जोड़ी ने एक ऐसी बाइक तैयार की है, जो बिना पेट्रोल-डीजल के चलती है. यानी बाइक में पेट्रोल डलाने का झंझट ही खत्म कर दिया है. इससे भी चौंकाने वाली बात है कि इस बाइक पर आप 15 रुपये में 70 से 75 किलोमीटर तक सफर कर सकते हैं. देखें ये खास रिपोर्ट...
दरअसल, कोटा के केशवपुरा के बालाकुंड में रहने वाले संदीप गौतम और उनके बेटे मयंक गौतम ने बैट्री चलित बाइक तैयार की है. इसके साथ ही संदीप ने एक ऐसा हेलमेट भी तैयार किया है, जिसके लगाने और उतारने पर बाइक स्टार्ट और बंद होती है.
बिना हेलमेट बाइक नहीं होगी स्टार्ट...
पेशे से इलेक्ट्रिशियन संदीप गौतम ने कोरोना काल में एक बैटरी चलित बाइक बनाई थी और अब सेंसर वाला हेलमेट तैयार किया है. संदीप ने बताया कि हेलमेट नहीं लगाने से हादसे में कई लोगों की जान तक चली जाती है. इसी को देखते हुए दिमाग में उपज आई कि हेलमेट में ऐसा डिवाइस लगाया जाए, जिससे लोग हेलमेट को पहने रहे. इसके बाद उन्होंने हेलमेट में एक एलईडी डिवाइस लगाया और साथ ही बाइक के स्विच में सेंसर लगा दिया. जब तक हेलमेट में लगा स्विच चालू नहीं होगा, तब तक बाइक स्टार्ट नहीं होगी. जैसे ही हेलमेट को लगाएंगे, बाइक स्टार्ट हो जाएगी. वहीं, उतारेंगे तो बाइक बंद हो जाएगी. इससे लोगों को हेलमेट की आदत होगी और हादसे में भी कम आएगी.
15 रुपये में 75 किलोमीटर दौड़ेगी बाइक...
संदीप गौतम के बेटे मयंक गौतम ने भी इलेक्ट्रॉनिक बाइक तैयार की है. इस बाइक की खास बात है कि यह रिमोट से कंट्रोल होगी और मात्र 2 यूनिट यानी 15 रुपए की बिजली में चार्ज हो जाएगी और एक बार बैटरी चार्ज करने पर बाइक 70-75 किमी चलेगी. बाइक सड़क पर चलेगी तो उसकी आवाज तक नहीं होगी, इससे पॉल्यूशन भी नहीं होगा. मयंक का कहना है कि यह पूरी तरह से रिमोट कंट्रोल वाली बाइक है. इसकी स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटा है. इसका वजन 50 किलो है और इसकी मजबूत फ्रेम भी है. इसमें सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखा गया है. इसमें 250 वॉट की मोटर है और 130 एंपियर की बैटरी है. बाइक कोर बैटरी भी घर पर बनाई है, यह बैटरी एसिड वाली से अलग और लैथिनियम वाली है. मयंक ने बताया कि इसकी बैट्री 5 से 6 साल चलेगी. रिमोट इसका ऑनलाइन मंगाया है और उसका कंट्रोल पैनल बनाकर अटेच किया गया है. बाइक को बनाने में उनके पिता संदीप गौतम ने मदद की है. वे इलेक्ट्रिक का काम करते हैं और बैटरी बनाने में सहयोग किया है.