कोटा. कोटा कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पंचायती राज चुनाव को लेकर एक बैठक हुई. बैठक में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस की खींचतान सामने आई. कोटा देहात जिलाध्यक्ष सरोज मीणा ने विधायकों पर हमला करते हुए कहा कि एमएलए उनके इर्द-गिर्द घूमने वालों को टिकट देने की बात करतें है. लेकिन टिकट संगठन ही बांटेगा.
कोटा में पंचायती राज चुनाव होने हैं. कोटा जिला परिषद और पांच पंचायत समितियों में भी इलेक्शन होने हैं. इसके लिए नामांकन 29 दिसंबर से ही शुरू हो जाएंगे. ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. पंचायती राज चुनाव को लेकर कोटा के कांग्रेस कार्यालय में जिला कांग्रेस कमेटी की बैठक हुई. चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं.
इस बैठक में कोटा देहात जिलाध्यक्ष सरोज मीणा ने कहा कि विधायकों के इर्द-गिर्द घूमने वाले लोग कहते हैं कि सभी टिकट विधायक बाटेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है. वे कार्यकर्ता जो जमीनी स्तर पर संगठन को मजबूत करते हैं और कांग्रेस की रीति नीति को आम जनता तक पहुंचा रहे हैं. उन्हें जिला कांग्रेस कमेटी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और लोकल सीनियर नेताओं की सलाह पर टिकट दिया जाएगा. टिकट वितरण संगठन करेगा तो कांग्रेस को कोई नहीं हरा सकता. कोटा कांग्रेस कार्यालय में बैठक के दौरान उन्होंने यह कहा.
उन्होंने कहा कि पीपल्दा के विधायक ने एक समिति बना दी है. व भी हमारे कांग्रेस के वोटर हैं और समिति के अच्छे लोग भी उसमें हैं, लेकिन उनको केवल नाम दिया जा रहा है. उनसे कुछ नहीं पूछा जाता है. इस तरह की समितियां पूरी तरह से अस्वीकार्य रहेंगी. अगर कोई समिति बनानी है तो ब्लॉक या जिला कांग्रेस कमेटी बनाएगी. इस तरह से प्राइवेट समिति या संस्था मान्य नहीं होगी. हालांकि इस बैठक में कांग्रेस का जिले से एक भी विधायक नहीं पहुंचा. साथ ही अन्य वरिष्ठ नेता और चुनाव लड़ चुके प्रतिनिधि भी मौजूद नहीं थे.
कांग्रेस जिलाध्यक्ष सरोज मीणा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने आज जिला स्तर पर बैठक बुलाई थी. उसके बाद ब्लॉक के स्तर पर भी बैठक करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सभी चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं से आवेदन मांगे गए हैं, जो कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी या जिला कांग्रेस कमेटी को दे सकते हैं. इसके साथ विधायक, पूर्व सांसद या विधायक, कांग्रेस से विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रतिनिधियों को भी यह आवेदन दे सकते हैं. क्योंकि ग्रामीण अंचल से कांग्रेस कमेटी के दफ्तर आवेदन देने आना कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किल होगा.