कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने शुक्रवार को गिरफ्तार किए नेशनल हेल्थ मिशन के डिस्टिक अकाउंट मैनेजर महेंद्र कुमार मालीवाल को शनिवार को न्यायालय में पेश किया. जहां से न्यायाधीश ने उन्हें 15 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. आरोपी ने सीएमएचओ ऑफिस में वाहन ठेकेदार से 50 हजार रुपए की रिश्वत ली थी. यह 7 फीसदी के अनुसार बिलों को पास करने की एवज में थी, जो कि सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए लेना उन्होंने बताया था.
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एसीबी के पुलिस उप अधीक्षक हर्षराज सिंह खरेड़ा का कहना है कि महेंद्र कुमार मालीवाल ने रिश्वत सीएमएचओ डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर के लिए लेना बताया है. इस संबंध में जितने भी तथ्य सामने आएंगे उनकी पड़ताल की जाएगी. हालांकि, अभी स्पष्ट भूमिका सीएमएचओ डॉ. तंवर की सामने नहीं आई है, लेकिन पूरे मामले में वह संदिग्ध है क्योंकि बिलों का भुगतान उन्हीं के जरिए होना होता है.
कमरे में मिला 19 तोला सोना, एलआईसी की किश्तें भी
महेंद्र मालीवाल अपने पुश्तैनी कुन्हाड़ी के मकान में ही रहता है. ऐसे में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने केवल उसी के कमरे की तलाशी ली है, जिसमें वह रहता था. उसके कमरे में करीब 19 तोला सोना मिला है. इसके अलावा 750 ग्राम चांदी भी उसके कमरे में मिली है, जो कि जेवराती चांदी है. वहीं आरोपी के पास 11 एलआईसी है. बैंक के तीन खाते भी मिले हैं, जिनके संबंध में वैसे भी पड़ताल करेगी कि उनमें बैंक लॉकर है या नहीं.
दिनभर सीएमएचओ के गायब रहने की उड़ी अफवाह
दूसरी तरफ, इस मामले में परिवादी अविनाश हाड़ा ने रिश्वत मांगने का आरोप सीएमएचओ डॉक्टर भूपेंद्र सिंह तंवर पर भी लगाया है. एसीबी ने उनकी भूमिका को संदिग्ध माना है. पहले सीएमएचओ के ऑफिस से गायब रहने की सूचना मिली, लेकिन सीएमएचओ दोपहर में ऑफिस भी पहुंचे. इसके अलावा सुबह चिरंजीवी योजना की लॉन्चिंग की वीसी से गायब रहने की भी अफवाह उड़ी, लेकिन सीएमएचओ डॉ. तंवर ने दावा किया है कि वीसी में भी पहुंचे थे. इसके अलावा शाम के समय सीएमएचओ डॉ. तंवर कोविड-19 कोटा विश्वविद्यालय भी पहुंचे जहां पर उन्होंने जिला कलेक्टर उज्ज्वल राठौड़ और अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण भी किया.