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कोटाः मामले को रफा-दफा करने को लेकर लिए 25 हजार की रिश्वत, हेड कांस्टेबल फरार

एसीबी की टीम ने बूंदी जिले के लाखेरी इलाके में एक दलाल प्रेम शंकर राठौर को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है. इस मामले में हैड कांस्टेबल हरेंद्र फरार हो गया है. साथ ही यह रिश्वत एससी एसटी एक्ट में मामले को रफा-दफा करने की एवज में ली गई थी.

बूंदी का दलाल गिरफ्तार, Bundi broker arrested
कोटा एसीबी की गिरफ्त में दलाल
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Published : Sep 6, 2021, 9:39 PM IST

Updated : Sep 6, 2021, 10:35 PM IST

कोटा. जिला एसीबी की टीम ने बूंदी जिले के लाखेरी इलाके में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक दलाल प्रेम शंकर राठौर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इस मामले में हेड कांस्टेबल हरेंद्र फरार हो गया है. साथ ही यह रिश्वत एससी एसटी एक्ट में मामले को रफा-दफा करने की एवज में ली गई थी.

पढ़ेंः एसीबी की बड़ी कार्रवाईः बिलों के भुगतान के बदले 45 हजार रुपए की रिश्वत लेते एईएन और जेईएन गिरफ्तार

जिसकी जांच लाखेरी के पुलिस उप अधीक्षक घनश्याम वर्मा कर रहे हैं. ऐसे में एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि जब फरार पुलिस कर्मी हरेंद्र गिरफ्तार होगा. उसके बाद ही पुलिस उप अधीक्षक की भूमिका स्पष्ट हो पाएगी. वहीं, परिवादी काफी गरीब है, ऐसे में वह रिश्वत की राशि भी ब्याज पर उधार लेकर आया है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि मामले के बूंदी जिले के लबान तहसील के इंद्रगढ़ निवासी 22 वर्षीय गिर्राज प्रसाद ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा शहर चौकी को एक परिवाद पेश किया था. जिसमें बताया था कि गांव के शिवराज मीणा ने उसके खिलाफ धारा 3, एससी-एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया. जिसकी जांच लाखेरी पुलिस उप अधीक्षक घनश्याम वर्मा कर रहे हैं.

इस मामले में डिप्टी घनश्याम वर्मा उनके रीडर और हेड कांस्टेबल हरेंद्र के जरिए मुझसे मामले को रफा-दफा करने और एफआर लगाने के लिए 30 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं. मैं डिप्टी ऑफिस जाकर रीडर हरेंद्र से मिला, तो उन्होंने मेरे गांव के प्रेम शंकर राठौड़ को 30 हजार रुपए देने के लिए कहा. साथ ही बोला कि तू मेरे पास मत आना. प्रेमशंकर को 30 हजार रुपए दे देना. मैं डिप्टी साहब से मामले को रफा-दफा करवा दूंगा.

मामले में कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा टीम ने मामले का सत्यापन करवाया. इसमें रिश्वत मांग सत्यापन के दौरान आरोपी हरेंद्र ने परिवादी से वार्ता की और दलाल प्रेमशंकर को साथ लेने आने की बात कही. आरोपी प्रेमशंकर राठौर ने परिवादी के भाई के विरुद्ध प्रकरण दर्ज को रफा-दफा करने के लिए 25 हजार बतौर रिश्वत की मांग की.

पढ़ेंः राष्ट्रीय प्रोजेक्ट निर्माण निगम का प्रोजेक्ट मैनेजर एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

परिवादी काफी गरीब है और वह मंदिर में पूजा ही करता है. ऐसे में वह रिश्वत देने के लिए एक साहूकार से 3 रुपए सैकड़ा की एवज में पैसा उधार लेकर आया. परिवादी की शिकायक के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सोमवार को ट्रैप की कार्रवाई करते हुए दलाल प्रेमशंकर राठौर को रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया. वहीं, हेड कांस्टेबल हरेंद्र फरार हो गया है. जिसकी तलाश जारी है.

कोटा. जिला एसीबी की टीम ने बूंदी जिले के लाखेरी इलाके में बड़ी कार्रवाई करते हुए एक दलाल प्रेम शंकर राठौर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. इस मामले में हेड कांस्टेबल हरेंद्र फरार हो गया है. साथ ही यह रिश्वत एससी एसटी एक्ट में मामले को रफा-दफा करने की एवज में ली गई थी.

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जिसकी जांच लाखेरी के पुलिस उप अधीक्षक घनश्याम वर्मा कर रहे हैं. ऐसे में एसीबी के अधिकारियों का कहना है कि जब फरार पुलिस कर्मी हरेंद्र गिरफ्तार होगा. उसके बाद ही पुलिस उप अधीक्षक की भूमिका स्पष्ट हो पाएगी. वहीं, परिवादी काफी गरीब है, ऐसे में वह रिश्वत की राशि भी ब्याज पर उधार लेकर आया है.

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि मामले के बूंदी जिले के लबान तहसील के इंद्रगढ़ निवासी 22 वर्षीय गिर्राज प्रसाद ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा शहर चौकी को एक परिवाद पेश किया था. जिसमें बताया था कि गांव के शिवराज मीणा ने उसके खिलाफ धारा 3, एससी-एसटी एक्ट में झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया. जिसकी जांच लाखेरी पुलिस उप अधीक्षक घनश्याम वर्मा कर रहे हैं.

इस मामले में डिप्टी घनश्याम वर्मा उनके रीडर और हेड कांस्टेबल हरेंद्र के जरिए मुझसे मामले को रफा-दफा करने और एफआर लगाने के लिए 30 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं. मैं डिप्टी ऑफिस जाकर रीडर हरेंद्र से मिला, तो उन्होंने मेरे गांव के प्रेम शंकर राठौड़ को 30 हजार रुपए देने के लिए कहा. साथ ही बोला कि तू मेरे पास मत आना. प्रेमशंकर को 30 हजार रुपए दे देना. मैं डिप्टी साहब से मामले को रफा-दफा करवा दूंगा.

मामले में कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की कोटा टीम ने मामले का सत्यापन करवाया. इसमें रिश्वत मांग सत्यापन के दौरान आरोपी हरेंद्र ने परिवादी से वार्ता की और दलाल प्रेमशंकर को साथ लेने आने की बात कही. आरोपी प्रेमशंकर राठौर ने परिवादी के भाई के विरुद्ध प्रकरण दर्ज को रफा-दफा करने के लिए 25 हजार बतौर रिश्वत की मांग की.

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परिवादी काफी गरीब है और वह मंदिर में पूजा ही करता है. ऐसे में वह रिश्वत देने के लिए एक साहूकार से 3 रुपए सैकड़ा की एवज में पैसा उधार लेकर आया. परिवादी की शिकायक के बाद भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सोमवार को ट्रैप की कार्रवाई करते हुए दलाल प्रेमशंकर राठौर को रिश्वत की राशि के साथ गिरफ्तार कर लिया. वहीं, हेड कांस्टेबल हरेंद्र फरार हो गया है. जिसकी तलाश जारी है.

Last Updated : Sep 6, 2021, 10:35 PM IST
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