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Theft in Kota police station: लाखों के जेवरात और नगदी चोरी, आरोप भी पुलिसकर्मियों पर!

गुमानपुरा थाने से ही करीब 11 लाख रुपए के जेवरात और नगदी की चोरी के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है (Theft in Kota police station). ये एफआईआर भी किसी और ने नहीं, 31 जुलाई को ही सेवानिवृत्त हुए सब इंस्पेक्टर रामकरण नागर ने दर्ज करवाई है. नागर बीते डेढ़ महीने से इसके लिए प्रयासरत थे.

Theft in Kota police station
थाने से लाखों के जेवरात और नगदी चोरी
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Published : Sep 1, 2022, 9:01 AM IST

कोटा. सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर रामकरण नागर ने इस संबंध में कोटा शहर के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात पहले की थी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ (theft in Kota police station). आखिर बुधवार को अधिकारियों के निर्देश पर ही गुमानपुरा थाने में ये मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इस मामले की जांच विज्ञान नगर थाना अधिकारी देवेश भारद्वाज को सौंपी गई है. विज्ञान नगर थाना अधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि इस मामले की एफआईआर दर्ज होने और जांच की जानकारी उन्हें मिल गई है. हालांकि पत्रावली अभी उनके पास नहीं पहुंची है. पत्रावली आने के बाद जांच शुरू कर दी जाएगी.

क्या है मामला?: मामले के अनुसार रामकरण नागर बीते चार साल से कोटा के गुमानपुरा थाने में बतौर सब-इंस्पेक्टर पदस्थापित थे. साल 2021 में उनकी पत्नी की मौत कोविड-19 के चलते हो गई थी. जिसके बाद उनकी पत्नी के गहने और कुछ राशि घर पर रखी हुई थी. इन गहनों को उन्होंने थाने में अपनी अलमारी के लॉकर में रख दिया था. इसमें 9 लाख 85 हजार रुपए के सोने चांदी के गहने और करीब डेढ़ लाख रुपए नगद थे. उन्होंने पत्नी की मौत के बाद इन्हें देखा भी नहीं था. 30 जुलाई 2022 को वो सेवानिवृत्त हो रहे थे, जिसके पहले 16 जुलाई को उन्होंने अपनी अलमारी के लॉकर को खोलकर जेवरात और नगदी को देखा, तो वो हैरान हो गए. न कैश था और न लाखों के जेवरात (FIR against Policemen in Kota). इसके बाद उन्होंने थाने के अन्य कार्मिकों से पूछताछ की, लेकिन इसकी जानकारी से सबने इनकार कर दिया. उन्होंने शक जताया है कि थाने के पुलिसकर्मियों ने ही चोरी की है.

पढ़ें-FIR against Jhalawar police: पंजाब के बाद अब झालावाड़ पुलिस के खिलाफ कोटा में मुकदमा दर्ज, जानिए पूरा माजरा...

10 पुलिसकर्मियों पर आरोप, नार्को टेस्ट की मांग: इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता रामकरण नागर ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस कर्मियों पर भी आरोप लगाया है. नागर का कहना है कि थाने में 24 घंटे का पहरा रहता है. ऐसे में कोई बाहरी व्यक्ति चोरी नहीं कर सकता. उनके मुताबिक ये किसी पुलिस कर्मी की ही कारस्तानी है. रिटायर्ड एसआई ने अपनी शिकायत में 10 पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने संबंधित पुलिस कार्मिकों के नार्को टेस्ट की मांग भी की है. नागर इस संबंध में 16 जुलाई से ही एफआईआर दर्ज करवाने के लिए प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी.

कोटा. सेवानिवृत्त सब इंस्पेक्टर रामकरण नागर ने इस संबंध में कोटा शहर के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात पहले की थी, लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं हुआ (theft in Kota police station). आखिर बुधवार को अधिकारियों के निर्देश पर ही गुमानपुरा थाने में ये मुकदमा दर्ज किया गया है. साथ ही इस मामले की जांच विज्ञान नगर थाना अधिकारी देवेश भारद्वाज को सौंपी गई है. विज्ञान नगर थाना अधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि इस मामले की एफआईआर दर्ज होने और जांच की जानकारी उन्हें मिल गई है. हालांकि पत्रावली अभी उनके पास नहीं पहुंची है. पत्रावली आने के बाद जांच शुरू कर दी जाएगी.

क्या है मामला?: मामले के अनुसार रामकरण नागर बीते चार साल से कोटा के गुमानपुरा थाने में बतौर सब-इंस्पेक्टर पदस्थापित थे. साल 2021 में उनकी पत्नी की मौत कोविड-19 के चलते हो गई थी. जिसके बाद उनकी पत्नी के गहने और कुछ राशि घर पर रखी हुई थी. इन गहनों को उन्होंने थाने में अपनी अलमारी के लॉकर में रख दिया था. इसमें 9 लाख 85 हजार रुपए के सोने चांदी के गहने और करीब डेढ़ लाख रुपए नगद थे. उन्होंने पत्नी की मौत के बाद इन्हें देखा भी नहीं था. 30 जुलाई 2022 को वो सेवानिवृत्त हो रहे थे, जिसके पहले 16 जुलाई को उन्होंने अपनी अलमारी के लॉकर को खोलकर जेवरात और नगदी को देखा, तो वो हैरान हो गए. न कैश था और न लाखों के जेवरात (FIR against Policemen in Kota). इसके बाद उन्होंने थाने के अन्य कार्मिकों से पूछताछ की, लेकिन इसकी जानकारी से सबने इनकार कर दिया. उन्होंने शक जताया है कि थाने के पुलिसकर्मियों ने ही चोरी की है.

पढ़ें-FIR against Jhalawar police: पंजाब के बाद अब झालावाड़ पुलिस के खिलाफ कोटा में मुकदमा दर्ज, जानिए पूरा माजरा...

10 पुलिसकर्मियों पर आरोप, नार्को टेस्ट की मांग: इस पूरे मामले में शिकायतकर्ता रामकरण नागर ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस कर्मियों पर भी आरोप लगाया है. नागर का कहना है कि थाने में 24 घंटे का पहरा रहता है. ऐसे में कोई बाहरी व्यक्ति चोरी नहीं कर सकता. उनके मुताबिक ये किसी पुलिस कर्मी की ही कारस्तानी है. रिटायर्ड एसआई ने अपनी शिकायत में 10 पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए हैं. उन्होंने संबंधित पुलिस कार्मिकों के नार्को टेस्ट की मांग भी की है. नागर इस संबंध में 16 जुलाई से ही एफआईआर दर्ज करवाने के लिए प्रयास कर रहे थे, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी.

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