कोटा. जालोर में निजी स्कूल संचालक की पिटाई से जान गंवाने वाले दलित बच्चे (Jalore Dalit Student Death Case) इंद्र कुमार को लेकर सियासत खूब हो रही है. दिल को दहला देने वाली इस घटना को लेकर लोग सड़कों पर हैं और नेतागण पीड़ित परिवार के घर पहुंच रहे हैं. अपने अंदाज में सब आक्रोश जाहिर कर रहे हैं. बूंदी के केशोरायपाटन से दलित विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने भी अपने जज्बात जाहिर किए हैं. उन्होंने सीएम को खत लिखा है. इस खत में घटना पर दुख जताने के साथ ही मुआवजे की भी डिमांड की गई है.
मासूम बच्चे की मौत पर दलित विधायक और नेता एकजुट होकर सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं. जिनमें कांग्रेस और बीजेपी दोनों के नेता शामिल हैं. कांग्रेस के बारां जिले की अटरू बारां विधानसभा सीट से दलित विधायक पानाचंद मेघवाल ने इस मामले में इस्तीफा देने के संबंध में पत्र विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजा तो चंद्रकांता मेघवाल ने भी अपनी बात खत के जरिए पहुंचाने की कोशिश की है. अपनी चिट्ठी में उन्होंने उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड की तर्ज पर मुआवजे की डिमांड की है.
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एमएलए चंद्रकांता मेघवाल (Chandrakanta Meghwal letter to cm) का कहना है कि घटना के 23 दिन बाद भी प्रभावशाली गांव के लोगों के दबाव के चलते पीड़ित परिवार मुकदमा नहीं दर्ज करा सका और इलाज के लिए भी दर-दर भटकता रहा. जिससे कि अनुसूचित जाति वर्ग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहा है. इस पूरे वर्ग में काफी आक्रोश है. आजादी के 75 साल का जश्न हम बना रहे हैं और इतने वर्षों बाद भी आजाद भारत में निवास करने वाले अनुसूचित जाति वर्ग की महिला, पुरुष, बालक और बालिकाओं पर अत्याचार की कमी नहीं आ रही है. इन घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को उचित कदम उठाना आवश्यक है. सीएम गहलोत को संबोधित करते हुए उन्होंने लिखा कि गृहमंत्री का भी दायित्व निभा रहे हैं. इस प्रकरण में अनुसूचित जाति - अनुसूचित जनजाति एक्ट की धाराओं में तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाए.