कोटा. देशभर में रोजाना हजारों लोग कोरोना से दम तोड़ रहे हैं. ऐसे में सरकारों पर आरोप लग रहे हैं कि वो असल डेटा छिपा रही हैं. ऐसा ही कुछ देखने को मिला कोटा में. कोटा के किशोरपुरा मुक्तिधाम में रखा रजिस्टर हकीकत बयां कर रहा है. विद्युत शवदाहगृह में कार्यरत कर्मचारी के अनुसार लगातार शव जलाने से अब मशीन भी थक चुकी है. सुबह से देर शाम तक शव जलाए जा रहे हैं. इसके अलावा खुले में और तीन शेड के अंदर कितनी चिताएं जली इसका कोई हिसाब नहीं है.
पिछले 5 दिनों में 90 शव जला चुके इलेक्ट्रिक भट्टी में
किशोरपुरा मुक्ति धाम में लगी विद्युत शवदाहगृह में रखे रजिस्टर में पिछले पांच दिन यानी 25 अप्रैल से लेकर आज तक का रजिस्टर में एंट्री का टोटल में 90 शव जला चुके हैं और चार शव वेटिंग में रखे हुए हैं. इसके अलावा कोटा शहर में अन्य मुक्तिधामों में जाने वाले शवों ओर लकड़ी की चिंताओं पर जलने वाले शवों का कोई हिसाब-किताब नहीं है.
एंबुलेंस ड्राइवरों ने कहा रोज ला रहे हैं 10 से 12 शव
कोटा के कोविड अस्पतालों से शवों को ला रहे एम्बुलेंस कार्मिकों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों से रोज करीब 10 से 12 शव मुक्तिधामों तक पहुंचा रहे हैं. उनका कहना है कि एक शव को मुक्तिधाम में नहीं उतारते उससे पहले अस्पताल से दूसरे शव को लाने के लिए फोन आ जाता है. हालांकि शव लाने में पूरी कोरोना गाइडलाइन की पालना कर शव को पूरी तरह से पैक कर लाया जा रहा है. एम्बुलेंस में सिर्फ एक ड्राइवर ओर एक हेल्पर आता है. बाकी के परिजन दूसरी गाड़ी से आते हैं.
एंबुलेंस ड्राइवरों पर मनमानी का आरोप
किशोरपुरा मुक्ति धाम में आये मृतक के साथ परिजनों ने एम्बुलेंस चालकों पर आरोप लगाते हुए बताया कि एम्बुलेंस चालक शव को मुक्तिधाम लाने का मनमाना पैसा वसूल रहे हैं. एक शव को लाने के लिये वो 3 से 4 हजार रुपये मांग रहे हैं. परिजनों ने बताया कि इसके लिए नगर निगम और जिला प्रशासन से बात की कि हमें निशुल्क वाहन उपलब्ध करवाए जाए. क्योंकि एम्बुलेंस वाले को देने के लिए इतने पैसे नहीं हैं. फिर भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने शव को पैक कर मुक्तिधाम पहुंचा दिया और हमसे कहा कि आपका शव रवाना कर दिया है. जब यहां आए तो एम्बुलेंस चालक ने तीन हजार रुपये लिए.