कोटा. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने अफीम फैक्ट्री गाजीपुर के महाप्रबंधक आईआरएस डॉ. शशांक यादव को लाखों रुपए के साथ गिरफ्तार किया था. उनके पास नीमच फैक्ट्री का अतिरिक्त चार्ज था, ऐसे में वहां पर किसानों की अफीम की क्वालिटी बढ़ाने की एवज में राशि की वसूली कर वापस लौट रहे थे. इस दौरान हैंगिंग ब्रिज के नजदीक उन्हें गिरफ्तार किया गया था.
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इसके बाद वे 4 दिन के एसीबी रिमांड पर हैं, लेकिन पूछताछ में वह एसीबी का सहयोग नहीं कर रहे हैं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों ने भी अपील किसानों से की है कि ऐसा किसान जिन्होंने रिश्वत नहीं दी और उनकी अफीम को घटिया बता दिया गया है वह एसीबी को अपनी शिकायत कर सकते हैं.
कोटा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि हम किसानों से जानकारी जुटा रहे हैं, सारी सूचनाएं हम एकत्रित कर उन्हें सबूत के तौर पर बनाएंगे.
जितने भी सोर्स हैं या फिर काश्तकार पीड़ित हैं, जो कि झालावाड़, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ और आसपास के अफीम उत्पादक एरिया से हैं उनके साथ यदि अन्याय किया गया है या अधिकारियों और दलालों ने मिलीभगत करके उनसे रिश्वत की मांग की और रिश्वत नहीं देने पर उनकी अफीम की क्वालिटी को घटिया बता दिया गया है तो ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई करेंगे.
कोई भी किसान कोई साक्ष्य या बयान देना चाहते हैं, तो वह हमसे संपर्क कर सकते हैं. सोशल मीडिया के जरिए भी वह हमें जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं. साथ ही गोपनीय सूचना भी सोशल मीडिया के साथ वह भेज सकते हैं. अगर किसी किसान के पास इस तरह की सूचना है और वह यहां पर नहीं आना चाहता, तो हम उससे सूचना भी उसकी बताई गई जगह से ही एकत्रित कर सकते हैं.
साथ ही एसीबी के एएसपी ठाकुर चंद्रशील कुमार का कहना है कि जांच के लिए अलग-अलग टीमें कई जगह पर भेजी हुई हैं. यहां पर से कई अहम कागजात भी सबूत के तौर पर जुटाए गए हैं. हालांकि आईआरएस डॉ. शशांक यादव संपत्ति के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है, यूपी में ही यह जांच वहां की विजिलेंस टीम ने की है.