कोटा. गुर्जर आंदोलन की चेतावनी से कोटा रेल मंडल हाई अलर्ट पर है. मंडल के विभिन्न स्टेशनों पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के 450 जवानों की तैनाती की गई है. इनमें से जीआरपी के 350 और आरपीएफ के 100 जवान शामिल हैं. गुर्जर आरक्षण आंदोलन का सर्वाधिक असर कोटा रेल मंडल से गुजरने वाली दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर ही नजर आता है.
रेलवे को उठाना पड़ा है करोड़ों का नुकसान
गुर्जर आरक्षण का सर्वाधिक असर दिल्ली-मुंबई रेल लाइन पर होता है. यातायात पूरी तरह से ठप हो जाता हैं. पहले भी दो बार पटरी जाम हो चुकी है. इसके चलते रेलवे को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था. वहीं पिछले साल फरवरी महीने में भी गुर्जर आंदोलन के चलते कुछ स्टेशनों के नजदीक की पटरियों पर गुर्जर समाज के लोग आकर बैठ गए थे, उसके चलते भी कई ट्रेनों को रद्द किया गया था. साथ ही कई लंबी दूरी की ट्रेनों के आमान में परिवर्तन किया था.
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बता दें कि आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर 3 दिसंबर 2006 को हिंडौन रेलवे स्टेशन पर आंदोलन कर चुके हैं. इसके बाद 5 अक्टूबर 2007 को डुमरिया और फतेह सिंह पुरा के बीच रेलवे ट्रैक हटा दिया था. इसके बाद 23 मई 2008 को पीलूपुरा में 'रेल रोको आंदोलन' हुआ था. आंदोलन के दौरान रेल पटरियों को भी उखाड़ा गया था. आंदोलन के चलते एक महीने तक रेल यातायात बाधित रहा था. वहीं मई 2015 में भी सवाईमाधोपुर स्टेशन के पास कई दिनों तक रेल चक्का दोबारा जाम किया था.