कोटा. जिले में शनिवार को एक सिटी बस में ही प्रसव होने का मामला सामने आया है. इसमें वाहन चालक ओमप्रकाश और बस में सवार आशा सहयोगिनियों की मदद से महिला ने बस में ही बेटी को जन्म दे दिया.
इसके बाद उसे जेके लोन अस्पताल में भर्ती करवा दिया है. वहीं आशा सहयोगिनियों और ड्राइवर की टीम वापस कोरोना संक्रमण रोकने के लिए स्क्रीनिंग करने में जुट गए हैं. बता दें कि कोरोना का संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन में सार्वजनिक परिवहन के सभी साधन बंद किए हुए हैं. हालांकि लॉकडाउन में कंटेंटमेंट जोन और शहर के अलग-अलग हिस्सों में स्क्रीनिंग के लिए टीमें लगाई हुई हैं.
इन टीमों को लाने ले जाने का काम नगरीय परिवहन सेवा की बसों को दिया हुआ है. ऐसे में आशा सहयोगिनियों की टीम को लेकर एक ड्राइवर घटोत्कच चौराहे के नजदीक से गुजर रहा था. तभी उसे सड़क पर एक महिला लेबर पेन से जूझती हुई दिखी.
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उसने बस को रोका और बस में सवार आशा सहयोगिनियों की मदद से ही गर्भवती रेखा को बस में चढ़ाया. बस में चढ़ते ही महज 300 मीटर दूरी पर चलने के बाद ही रेखा को प्रसव हो गया और उसने नवजात को जन्म दे दिया. बच्ची फिलहाल स्वस्थ्य है. ड्राइवर तुरंत बस को लेकर जेके लोन अस्पताल पहुंचा. जहां पर प्रसूता रेखा और नवजात बच्ची को भर्ती करवा दिया गया.