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स्पेशल: राजस्थान में पहली बार बांधों की रोबोटिक वीडियोग्राफी, रोबोट जांच रहा कितनी है मजबूती

प्रदेश में पहली बार रोबोट से बांधों की मजबूती की जांच की जा रही है, जिसमें रोबोट पानी के अंदर जाता है और सिविल स्ट्रक्चर की पूरी वीडियो ग्राफी करता है. हालांकि, इससे पहले महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रोबोटीक जाचें हुई हैं. कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह सब रीमोटली ऑपरेटेड व्हीकल की मदद से होता है. राजस्थान में इस तरह का अंडर वाटर सर्वे पहली बार डैम के स्ट्रक्चर की जांच के लिए हो रहा है, इसमें करीब 50 लाख से ज्यादा रुपए का खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है.

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Published : Mar 6, 2021, 7:16 PM IST

Updated : Mar 6, 2021, 10:28 PM IST

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
राजस्थान में बांधों की रोबोटिक जांच

कोटा. चंबल नदी पर बंधे हुए 3 बांध करीब 50 साल की उम्र के आसपास के हो गए हैं. अब उनके सिविल स्ट्रक्चर की जांच राजस्थान का जल संसाधन विभाग करवा रहा है. यह पहली बार है कि एक रोबोट के जरिए इन सिविल स्ट्रक्चर की जांच की जा रही है, जिसमें एक रोबोट पानी के अंदर जाता है और सिविल स्ट्रक्चर की पूरी वीडियो ग्राफी करता है. कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह सब रीमोटली ऑपरेटेड व्हीकल की मदद से होता है. राजस्थान में इस तरह का अंडर वाटर सर्वे पहली बार डैम के स्ट्रक्चर की जांच के लिए हो रहा है, इसमें 50 लाख से ज्यादा रुपए का खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है.

डैम की वीडियोग्राफी बनाता रोबोट

कोटा बैराज पर 1 दिन में 2 गेटों की जांच

कोटा के बैराज अभियंता राजेंद्र कुमावत ने बताया कि कोटा बैराज पर काम कर रही टीम को बोट में अपना पूरा सेटअप जमाना पड़ता है. इसके बाद वे उसे लेकर जिस गेट के नजदीक या फिर सिविल स्ट्रक्चर के यहां पर वीडियोग्राफी करनी होती, वहां पर वे बोट को ले जाकर खड़ी कर देते हैं. उसके बाद रोबोट को अंदर डाला जाता है. रोबोट अंदर जाकर पूरी वीडियो ग्राफी करता है. इसकी पूरी रिपोर्ट भी बाद में सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार की जाती है कि किस जगह पर कितना क्रेक है और सिविल स्ट्रक्चर में क्या क्या नुकसान बैराज को हुआ है, ताकि आगे उससे रिपेयर करवाया जा सके. कोटा बैराज में काम कर रही टीम 1 दिन में 2 गेटों के ही सिविल स्ट्रक्चर को जांच कर पाती है. इसी तरह से राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर बांध पर भी वीडियोग्राफी राज्य सरकार की तरफ से करवाया जा रहा है.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम की वीडियोग्राफी बनाता रोबोट

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं और मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं : सुरेश सिंह रावत

80 से 100 मीटर तक जांच

कोटा बैराज पर काम कर रही फर्म तमिलनाडु के चेन्नई की प्लानिंग टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशनल इंजीनियर कार्तिकेय किरण का कहना है कि हमारा मैकेनिज्म अंडर वाटर वीडियोग्राफी का है, जो हमारे पास एक रोबोट है और उसके साथ एक कमांड सिस्टम है, जो कि उसे ऑपरेट करता है. हम लोग डैम की मजबूती को चेक करने के लिए उसका उपयोग कर रहे हैं, जिसमें देख रहें है कि नीचे कोई डिफेक्ट तो नहीं है, जो भी डिफेक्ट होगा वो वीडियोग्राफी पर कैप्चर होगा. हमारा एक यह रोबोट 80 से 100 मीटर तक अंदर चला जाता है. इसके बाद उसको हम एनालाइज्स भी सॉफ्टवेयर के जरिए करते हैं, इसके बाद पूरी रिपोर्ट बनाकर हम राज्य सरकार को भेजते हैं.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम की मजबूती की जांच करने के लिए रोबोट को पानी में उतारते कर्मचारी

1 मिनट में 1 मीटर अंदर जाता है रोबोट

इस रोबोट के पायलट योगेश साहू ने बताया कि उनकी टीम में ऑपरेशनल इंजीनियर कार्तिक किरण, सह-पायलट प्रभा और टेक्नीशियन तकनीशियन बालाजी हैं. इस तरह की ही टीमें राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर पर भी काम कर रही है. हम पूरा सेटअप बोट पर करते हैं, इसके बाद निरीक्षण करते हैं. आरओवी को पानी में अंदर डालते हैं, इसे 1 मीटर अंदर जाने में 1 मिनट लगता है, उसे और अगर 12 मिनट उसे अंदर 12 मीटर जाने में लग रहा है. यह आरओवी करीब 30 लाख रुपए से ज्यादा कीमत का है, साथ ही जल संसाधन विभाग को इसकी पूरी रिपोर्ट सॉफ्टवेयर के जरिए पेनड्राइव और डेप्थवाइज रिपोर्ट भी मिलेगी.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम में रोबोट को उतारने की तैयारी

यह भी पढ़ेंः विधानसभा की कार्यवाही नदारद रहने वाले कांग्रेस विधायकों पर खफा मुख्य सचेतक, पत्र लिखकर दी चेतावनी

114 करोड़ रुपए में होगा तीनों डेमो का कायाकल्प

अंडर वाटर सर्वे की रिपोर्ट के बाद तीनों डैमो का जल संसाधन विभाग जीर्णोद्धार करवाएगा, ताकि इन डैमो की मजबूती बनी रहे. इसके लिए वर्ल्ड बैंक से पोषित योजना के सेकंड फेज में राजस्थान के 18 बांधों के लिए राशि स्वीकृत हुई थी, जिसमें चंबल नदी पर बने कोटा बैराज के साथ-साथ जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर बांध भी शामिल है. इस डैम पुनर्वास इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट दीप के अंतर्गत 114 करोड़ रुपए में तीनों डैम का काम होगा.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम में तैरता रोबोट

सुरक्षा का पूरा काम होगा डीप योजना से

राज्य सरकार ने जो राशि जारी की है, उनमें कोटा बैराज को 17 करोड़ 41 लाख, जवाहर सागर को 47 करोड़ 42 लाख और राणा प्रताप सागर को 49 करोड़ 60 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं. इसमें बांधों की गेन्ट्री कैन रिप्लेस होंगे. इसके अलावा पिचिंग, राउटिंग, रिटेनिंग वॉल, प्रोटक्शन वॉल पेंटिंग के काम करवाए जाएंगे. साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे, ताकि बांधों की मॉनिटरिंग हो सके. वहीं, रबर सील, सलूज गेट बदले भी जाएंगे. लाइटिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, एक्स्ट्रा पंप, जनरेटर, लैंडस्लाइडिंग रोकने के लिए प्रोटेक्शन दीवार, गैलरी निर्माण, बांध के गेट काउंटर वेट को हटाना और बंद पड़े उपकरणों का काम होगा.

कोटा. चंबल नदी पर बंधे हुए 3 बांध करीब 50 साल की उम्र के आसपास के हो गए हैं. अब उनके सिविल स्ट्रक्चर की जांच राजस्थान का जल संसाधन विभाग करवा रहा है. यह पहली बार है कि एक रोबोट के जरिए इन सिविल स्ट्रक्चर की जांच की जा रही है, जिसमें एक रोबोट पानी के अंदर जाता है और सिविल स्ट्रक्चर की पूरी वीडियो ग्राफी करता है. कंपनी के प्रतिनिधियों का कहना है कि यह सब रीमोटली ऑपरेटेड व्हीकल की मदद से होता है. राजस्थान में इस तरह का अंडर वाटर सर्वे पहली बार डैम के स्ट्रक्चर की जांच के लिए हो रहा है, इसमें 50 लाख से ज्यादा रुपए का खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है.

डैम की वीडियोग्राफी बनाता रोबोट

कोटा बैराज पर 1 दिन में 2 गेटों की जांच

कोटा के बैराज अभियंता राजेंद्र कुमावत ने बताया कि कोटा बैराज पर काम कर रही टीम को बोट में अपना पूरा सेटअप जमाना पड़ता है. इसके बाद वे उसे लेकर जिस गेट के नजदीक या फिर सिविल स्ट्रक्चर के यहां पर वीडियोग्राफी करनी होती, वहां पर वे बोट को ले जाकर खड़ी कर देते हैं. उसके बाद रोबोट को अंदर डाला जाता है. रोबोट अंदर जाकर पूरी वीडियो ग्राफी करता है. इसकी पूरी रिपोर्ट भी बाद में सॉफ्टवेयर के जरिए तैयार की जाती है कि किस जगह पर कितना क्रेक है और सिविल स्ट्रक्चर में क्या क्या नुकसान बैराज को हुआ है, ताकि आगे उससे रिपेयर करवाया जा सके. कोटा बैराज में काम कर रही टीम 1 दिन में 2 गेटों के ही सिविल स्ट्रक्चर को जांच कर पाती है. इसी तरह से राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर बांध पर भी वीडियोग्राफी राज्य सरकार की तरफ से करवाया जा रहा है.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम की वीडियोग्राफी बनाता रोबोट

यह भी पढ़ेंः राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं और मुख्यमंत्री महिला सशक्तीकरण की बात करते हैं : सुरेश सिंह रावत

80 से 100 मीटर तक जांच

कोटा बैराज पर काम कर रही फर्म तमिलनाडु के चेन्नई की प्लानिंग टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के ऑपरेशनल इंजीनियर कार्तिकेय किरण का कहना है कि हमारा मैकेनिज्म अंडर वाटर वीडियोग्राफी का है, जो हमारे पास एक रोबोट है और उसके साथ एक कमांड सिस्टम है, जो कि उसे ऑपरेट करता है. हम लोग डैम की मजबूती को चेक करने के लिए उसका उपयोग कर रहे हैं, जिसमें देख रहें है कि नीचे कोई डिफेक्ट तो नहीं है, जो भी डिफेक्ट होगा वो वीडियोग्राफी पर कैप्चर होगा. हमारा एक यह रोबोट 80 से 100 मीटर तक अंदर चला जाता है. इसके बाद उसको हम एनालाइज्स भी सॉफ्टवेयर के जरिए करते हैं, इसके बाद पूरी रिपोर्ट बनाकर हम राज्य सरकार को भेजते हैं.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम की मजबूती की जांच करने के लिए रोबोट को पानी में उतारते कर्मचारी

1 मिनट में 1 मीटर अंदर जाता है रोबोट

इस रोबोट के पायलट योगेश साहू ने बताया कि उनकी टीम में ऑपरेशनल इंजीनियर कार्तिक किरण, सह-पायलट प्रभा और टेक्नीशियन तकनीशियन बालाजी हैं. इस तरह की ही टीमें राणा प्रताप सागर बांध और जवाहर सागर पर भी काम कर रही है. हम पूरा सेटअप बोट पर करते हैं, इसके बाद निरीक्षण करते हैं. आरओवी को पानी में अंदर डालते हैं, इसे 1 मीटर अंदर जाने में 1 मिनट लगता है, उसे और अगर 12 मिनट उसे अंदर 12 मीटर जाने में लग रहा है. यह आरओवी करीब 30 लाख रुपए से ज्यादा कीमत का है, साथ ही जल संसाधन विभाग को इसकी पूरी रिपोर्ट सॉफ्टवेयर के जरिए पेनड्राइव और डेप्थवाइज रिपोर्ट भी मिलेगी.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम में रोबोट को उतारने की तैयारी

यह भी पढ़ेंः विधानसभा की कार्यवाही नदारद रहने वाले कांग्रेस विधायकों पर खफा मुख्य सचेतक, पत्र लिखकर दी चेतावनी

114 करोड़ रुपए में होगा तीनों डेमो का कायाकल्प

अंडर वाटर सर्वे की रिपोर्ट के बाद तीनों डैमो का जल संसाधन विभाग जीर्णोद्धार करवाएगा, ताकि इन डैमो की मजबूती बनी रहे. इसके लिए वर्ल्ड बैंक से पोषित योजना के सेकंड फेज में राजस्थान के 18 बांधों के लिए राशि स्वीकृत हुई थी, जिसमें चंबल नदी पर बने कोटा बैराज के साथ-साथ जवाहर सागर और राणा प्रताप सागर बांध भी शामिल है. इस डैम पुनर्वास इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट दीप के अंतर्गत 114 करोड़ रुपए में तीनों डैम का काम होगा.

Robot testing of dams, बांधों की जांच करेगा रोबोट
डैम में तैरता रोबोट

सुरक्षा का पूरा काम होगा डीप योजना से

राज्य सरकार ने जो राशि जारी की है, उनमें कोटा बैराज को 17 करोड़ 41 लाख, जवाहर सागर को 47 करोड़ 42 लाख और राणा प्रताप सागर को 49 करोड़ 60 लाख रुपए स्वीकृत हुए हैं. इसमें बांधों की गेन्ट्री कैन रिप्लेस होंगे. इसके अलावा पिचिंग, राउटिंग, रिटेनिंग वॉल, प्रोटक्शन वॉल पेंटिंग के काम करवाए जाएंगे. साथ ही सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे, ताकि बांधों की मॉनिटरिंग हो सके. वहीं, रबर सील, सलूज गेट बदले भी जाएंगे. लाइटिंग, इलेक्ट्रिफिकेशन, एक्स्ट्रा पंप, जनरेटर, लैंडस्लाइडिंग रोकने के लिए प्रोटेक्शन दीवार, गैलरी निर्माण, बांध के गेट काउंटर वेट को हटाना और बंद पड़े उपकरणों का काम होगा.

Last Updated : Mar 6, 2021, 10:28 PM IST
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