कोटा. शहर के विस्तार को देखते हुए नगर निगम बोर्ड बैठक में 5 नए फायर स्टेशन की आवश्यकता बताई गई थी. जिस पर नगर निगम प्रशासन ने स्थान ट्रेस कर लिया है. नया नोहरा, बून्दी रोड, रानपुर, सिटी सर्किल और काला तलाब में निर्माण होना है. नया नोहरा, बून्दी रोड और रानपुर की स्वीकृति मिल चुकी है. रानपुर के अग्निशमन केंद्र का निर्माण रीको करवाएगा.
नई गाड़ियों के लिए भी प्रस्ताव
अग्निशमन के फायर अधिकारी देंवेंद्र गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत हाइड्रोलिक प्लेटफार्म, 11 नई गाड़ियां, 4 फायर टैंकर, जिसमें दो बड़े और दो छोटे, तंग गलियों के लिए चार मोटरबाइक, चार बोलेरो के प्रस्ताव बनाकर भेजे जा चुके हैं. फायर स्ट्रोक टीम के लिए रेस्क्यू वैन, इंपोर्टेबल बोट, इंजन, बीसीडी सिलेंडर की खरीद होनी हैं. जिनकी प्रशासनिक और राजनीतिक स्वीकृति मिल चुकी है.
सब्जी मंडी स्थित अग्निशमन केंद्र को होगा जीर्णोद्धार
यहीं नहीं फायर अधिकारी देंवेंद्र गौतम ने बताया कि सब्जी मंडी स्थित केंद्र का भी जीर्णोद्धार होगा. सब्जी मंडी स्थित अग्निशमन केंद्र जो सबसे पुराना उसमें गैराज की कमी और पानी गिरने के कारण वहां कोई सामान व उपकरण रखे नहीं जा सकते. और वहां जो भी रखे हुए हैं वह पानी के कारण खराब हो चुके हैं. वहीं फायरमैन्स के लिए दो एल्यूमीनियम सूट है जो रखरखाव के अभाव में खराब हो चुके हैं. चार फायर सूट, पैरों के लिए गम बूट और सिर के लिए हेलमेट उपलब्ध है. और कई सुरक्षा उपकरणों की खरीद भी की जानी है.
कोटा में कई पदों पर भी स्वीकृति
कोटा में एक मुख्य अग्निशमन अधिकारी, एक अग्निशमन अधिकारी, दो सहायक अग्निशमन अधिकारी, स्टेशन इंचार्ज 4, फायरमैन 88, चालक के 8 पद स्वीकृत हैं. जिसमें से स्टेशन इंचार्ज ही फायरमैन लगे हुए हैं. वहीं अनुबंध पर 15 गोताखोर कार्यरत हैं. जिसमें 4 गोताखोर स्पेशली तैनात हैं.
नगर निगम के आयुक्त का कहना है कि कोटा में कोचिंग के विस्तार को देखते हुए फायर स्टेशनों का विस्तार होना प्रस्तावित है. जिससे आग जैसे हादसे होने पर तुरन्त सेवा पहुंच चुकें. फिलहाल राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भेज दिया है, वहां से स्वीकृति आते ही जल्द काम शुरू कर दिया जाएगा.
वर्तमान में कैसे है कोटा फायर स्टेश के हाल
कोटा के 3 अग्निशमन केंद्र में वर्तमान में 17 गाड़ियां हैं. जिसमें से 12 संचालित है, जबकि 5 गाड़ियों की हालत खस्ता है. एक हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है, 2 बोट भी उपलब्ध है. जिनके इंजन बाढ़ के दौरान खराब हो जाने से बोट का संचालन नहीं हो पा रहा है. दोनों इंजनों को ठीक करवाने के लिए गोवा भिजवाया जाएगा. इनकी अनुमानित लागत 80 से 90 हजार रुपए बताई जा रही है. जिसके लिए कोटेशन निकाले जाने हैं.