कोटा. हाड़ौती में लगातार हुई बारिश और नदियों में उफान आने के चलते (Heavy Rain in Hadoti Division) बाढ़ जैसे हालात हैं. नदी किनारे के खेतों और गांवों में काफी तबाही हुई है. इसके अलावा किसानों को भी भारी मात्रा में नुकसान हुआ है. पूरे हाड़ौती संभाग की बात की जाए तो 1175703 हेक्टेयर में खरीफ की बुवाई हुई है, जिसमें करीब 195186 हेक्टेयर की फसल खराबा प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है.
कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. राम अवतार शर्मा का कहना है कि कई गांवों में कृषि विभाग के निरीक्षक नहीं जा पाए हैं. ऐसे में सटीक आकलन नहीं लग पाया है. हालांकि, प्रारंभिक आकलन से आंकड़े बढ़ेंगे और यह दो लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा (Two Lakh Hectares Crop Damaged) पहुंच सकते हैं. सर्वाधिक नुकसान सोयाबीन, उड़द और मक्का की फसल में हुआ है. यह नुकसान करीब 5 से लेकर 55 फीसदी तक है, जबकि तिल की फसल में भी 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है. इसके अलावा, बाजरा, ज्वार, मूंगफली, मूंग और चावल व अन्य फसल में भी नुकसान होना सामने आ रहा है.
झालावाड़ जिले में सर्वाधिक तबाही : हाड़ौती संभाग की बात की जाए तो सर्वाधिक खराबा झालावाड़ जिले में हुआ है. वहां पर 334819 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, जबकि 84958 हेक्टेयर फसल खराब हो गई. इसके बाद कोटा जिले में 256678 हेक्टेयर में में सोयाबीन, उड़द और मक्का सहित अन्य फसलों को बोया गया था, जबकि नुकसान 56029 हेक्टेयर में पहुंचा है. बूंदी जिले में 245396 हेक्टेयर बुवाई हुई थी, जबकि नुकसान 34756 हेक्टेयर में नुकसान पहुंचा है. इसी तरह से बारां जिले में 338810 हेक्टेयर में बुवाई हुई थी, जबकि नुकसान बारां जिले में सबसे कम हुआ है. वहां 19446 हेक्टेयर फसल खराब हुई है.
किसानों को हुआ करोड़ों का नुकसान : फसलों के खराबी के मसले पर पीपल्दा के विधायक रामनारायण मीणा का कहना है कि करीब 100 फीसदी फसलें खराब हो गई हैं. क्योंकि खेतों में जो पानी भरा है, यह पानी जब उतर जाएगा, उसके बाद में यह फसलें भी सूख जाएंगी. यह तो कृषि विभाग के अधिकारी भी जानते हैं. साथ ही इसके चलते किसानों को (Major Loss of Farmers) करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. उनका बीज और फसल उगाने किसानों की लागत लगी थी, वह सब बर्बाद चली गई है. दूसरी तरफ से खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया का कहना है कि सर्वे के बाद ही सबकुछ सामने आ पाएगा कि कितने लोग बेघर हुए हैं, कितनी फसलों को नुकसान हुआ है और कितना पशुधन का नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस सर्वे के निर्देश भी दे दिए हैं. फसलों के खराबी के लिए गिरदावरी करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
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इन इलाकों में हुआ नुकसान :
- झालावाड़ जिले में नुकसान मनोहरथाना, रायपुर, खानपुर, पिड़ावा, अकलेरा, बकानी, सुनेल, पचपहाड़, गंगधार, डग, झालरापाटन व असनावर इलाके में नुकसान हुआ है.
- कोटा जिले के लाडपुरा, सांगोद, रामगंजमंडी, इटावा, कनवास, दीगोद इलाके में नुकसान हुआ है.
- बूंदी जिले में तालेड़ा, केशोरायपाटन, नैनवा, इंदरगढ़ व बूंदी में नुकसान हुआ है.
- बारां जिले में बारां, मांगरोल, अंता, अटरू, किशनगंज, छीपाबड़ौद का इलाका प्रभावित है.
फसलों के अनुसार कितना खराबा और एरिया :
फसल | नुकसान एरिया (हेक्टेयर) | प्रतिशत में |
सोयाबीन | 131620 | 5 से 55 |
मक्का | 30420 | 10 से 55 |
उड़द | 25368 | 10 से 55 |
तिल | 556 | 5 से 50 |
बाजरा | 150 | 10 से 15 |
ज्वार | 70 | 5 से 10 |
मुंगफली | 55 | 1 से 5 |
मूंग | 45.2 | 15 से 20 |
चावल व अन्य | 6898 | 10 से 55 |
जिले के अनुसार फसलों का खराबा :
जिला | बुवाई एरिया | खराबा (हेक्टेयर) |
झालावाड़ | 334819 | 84958 |
कोटा | 256678 | 56029 |
बूंदी | 245396 | 34754 |
बारां | 338810 | 19443 |
कुल | 1175703 | 195183 |