कोटा. सिंचाई विभाग की करोड़ों रुपए की 10 बीघा जमीन पर अवैध रूप से भू माफिया ने कॉलोनी काट दी. इसकी कानो कान खबर सिंचाई विभाग को नहीं हुई. जब मत्स्य पालन विभाग ने सिंचाई विभाग को इसकी सूचना दी, उसके बाद भी सिंचाई विभाग के अधिकारियों के कानों में जूं नहीं रेंगी. उन्होंने मौके पर आकर अतिक्रमण की कार्रवाई को रुकवाना भी मुनासिब नहीं समझा. आखिरकार मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने ही पहल करते हुए नगर विकास न्यास को इस संबंध में कार्रवाई के लिए लिखा. जिसके बाद मंगलवार को मौके से भू माफियाओं की एक जेसीबी और ट्रैक्टर को जब्त किया गया. ट्रैक्टर और जेसीबी चालक को हिरासत में लिया गया है.
मत्स्य पालन विभाग के सहायक निदेशक कार्यालय के नजदीक सूरसागर तालाब की जमीन है जो कि सिंचाई विभाग के नाम रिकॉर्ड में दर्ज है. इस जमीन पर ही अवैध रूप से कॉलोनी काटने का काम भू माफिया जोर शोर से कर रहे थे. इन भू माफियाओं ने यहां पर प्लानिंग भी काट दी. साथ ही कुछ लोगों ने नींव डालने का काम भी शुरू कर रखा था. इस मामले में 6 महीने पहले ही है एफआईआर उद्योग नगर थाने में दर्ज करवाई थी.
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जब इस जमीन के रिकॉर्ड को देखा गया तो जमीन सिंचाई विभाग की निकली. लेकिन सिंचाई विभाग ने सूचना के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की और जो एफआईआर मत्स्य पालन विभाग ने दर्ज करवाई थी उस पर एफआर लग गई. इसके बाद से लगातार भू माफियाओं के हौसले बुलंद हो गए और वो लगातार अतिक्रमण करते रहे. मंगलवार को भी यहां लोग जेसीबी मंगाकर सड़क बनाने के काम में जुटे हुए थे. तभी मत्स्य विभाग ने इसकी सूचना नगर विकास न्यास को दी. जिसके बाद अतिक्रमण निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा और कार्रवाई की. सिंचाई विभाग को भी इसकी सूचना दी तब जाकर सिंचाई विभाग मौके पर पहुंचा. हालांकि अभी भी सिंचाई विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि यह जमीन किसकी है उन्हें जानकारी नहीं है.
यूआईटी ने लगा दिया अपना बोर्ड
अतिक्रमण रोकने पहुंचे यूआईटी के तहसीलदार राम कल्याण यादवेंद्र, कैलाश मीणा और सीआई आशीष भार्गव ने इस प्लानिंग में प्रवेश के लिए जो रास्ता बनाया जा रहा था, उसको जेसीबी से खुदवा दिया है. साथ ही यूआईटी का बोर्ड वहां पर लगवा दिया है. जिसमें बिना यूआईटी की अनुमोदन के भूखंड नहीं खरीदने के लिए लोगों को आगाह किया है. वहीं मौके पर पहुंचे सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता शिवचरण मीणा ने कहा कि उनके पास अभी अतिरिक्त चार्ज आया है. ऐसे में वे इसको लिखवा लेंगे जमीन किसकी है.
लाखों रुपए में बेच रहे हैं प्लॉट
यूआईटी के तहसीलदार रामकल्याण यादवेंद्र का कहना है कि करोड़ों रुपए भूमाफिया इस सरकारी जमीन पर प्लानिंग काटकर कमा रहे हैं. वह अवैध रूप से लोगों को बरगला कर लाखों रुपए में प्लॉट बेच देते हैं. साथ ही पूरे सूरसागर तालाब पर ही अवैध रूप से बस्तियां बस गई हैं. ऐसे में जब यूआईटी यहां पर कार्रवाई करने पहुंची तो आसपास के जिन लोगों ने पहले मकान बनाए हुए हैं. उनमें भी खलबली मच गई और मौके पर भीड़ एकत्रित हो गई.