कोटा. देश में लॉकडाउन के बाद से ही सैलून और ब्यूटी पार्लर का काम बंद है. जरूरी दुकानें तो सरकार ने खोल दी हैं और रियायत का क्रम जारी है. लेकिन अभी भी सैलून और ब्यूटी पार्लर संचालकों के लिए राहत की खबर नहीं आई है. एक छोटे दुकानदार से लेकर बड़ा सैलून संचालक और ब्यूटी पार्लर मालिकों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है. अब तो लोग अपने घरवालों से ही कटिंग करवा रहे हैं.
इस स्थिति में हेयर कटिंग करने वाले लोगों का कहना है कि दिहाड़ी मजदूर की तरह हमारा काम है. हम घर पर बैठे हुए हैं, 2 महीने हो गए हमारी इनकम का कोई सोर्स नहीं है. पूरी तरह से बेरोजगार ही बैठे हैं. जबकि हमारी दुकानों का भी किराया जा रहा है और बड़े सैलून संचालकों का कहना है कि उन्हें मैन पॉवर को सैलरी तो देनी नहीं पड़ रही है, लेकिन उनकी इनकम नहीं होने के चलते लाखों का नुकसान हो रहा है.
18 हजार लोगों को जिले में मिल रहा रोजगार...
हाड़ौती ब्यूटी संघ की अध्यक्ष मीनू जैन का कहना है कि कोटा में करीब 2 हजार ब्यूटी पार्लर की छोटी से बड़ी दुकानें हैं. इनके अलावा कुछ ब्यूटीशियन ऑनलाइन और होम सर्विस का काम भी काम करती हैं. ऐसे में करीब 3 हजार महिलाएं इस व्यवसाय से रोजगार प्राप्त कर रही हैं. वहीं हेयर कटिंग और सैलून की भी 6 से 8 हजार दुकानें कोटा में हैं. इनके जरिए करीब 12 से 15 हजार लोग व्यवसाय कर रहे हैं. ऐसे में ये सभी लोग बेरोजगार हो गए हैं और घरों पर बैठे हैं. पहले तो अच्छा कमा लेते थे, अब कुछ इन्हें नहीं मिल रहा है.
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हजारों रुपए का कॉस्मेटिक हुआ खराब...
ब्यूटी पार्लर संचालक का कहना है कि उनकी दुकानों में ताले लगे हुए हैं. अधिकांश बड़े ब्यूटी पार्लर लॉकडाउन के बाद से ही बंद हैं. ऐसे में वहां पर रखा हुआ कॉस्मेटिक खराब हो गया है. उन्हें इसके चलते हजारों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ रहा है. कुछ ब्यूटी पार्लर संचालकों ने तो दुकान खोलकर कॉस्मेटिक को फ्रिज में भी रख दिया, लेकिन तो भी उनकी एक्सपायरी डेट निकल जाएगी. इसके चलते वह बाद में भी उनका उपयोग नहीं कर पाएंगे.
लोन की किस्त जा रही है...
कई बड़े सैलून संचालकों के सामने समस्या है कि उनकी लोन की किस्त जा रही है. अब 2 महीने से किसी तरह का कोई धंधा नहीं चला है. ऐसे में लोन की किस्त भी वे नहीं चुका पा रहे हैं. सैलून संचालित करने वाले जय पारीक का कहना है कि सरकार से आग्रह है कि हम लोग मैन पॉवर पर ही निर्भर हैं और मैन पावर को भी सैलरी पूरी देनी पड़ती है. क्योंकि वह भी अपने परिवारों को चला रहे हैं. ऐसे में सरकार को सैलून और ब्यूटी पार्लर संचालकों के बारे में भी सोचना चाहिए.
लाखों रुपए किराया दे रहे...
घोड़े वाला बाबा चौराहा स्थित एक सैलून संचालक का कहना है कि उन्होंने इंद्र विहार में भी एक सैलून संचालित किया हुआ है, जो कोचिंग एरिया में है. दोनों किराए दुकानों का किराया एक लाख 20 हजार रुपए जा रहा है. दोनों दुकानों पर करीब अट्ठारह का स्टॉफ कार्यरत थे. ऐसे में स्टॉफ बाहरी है, कोटा का नहीं है. बाहर के व्यक्ति हैं, तो उन्हें भी सैलरी दी जा रही है. साथ ही खाने-पीने की समस्या है. ऐसे में वह भी व्यवस्था कर रहा हूं. उन्होंने जाने की कोशिश की थी, लेकिन परमिशन नहीं मिली. अब सीधा-सीधा 4 से 5 लाख के नीचे आ गया हूं. क्योंकि महीने की एक लाख रुपए कमाई हो रही थी वह भी बंद है.
छोटे दुकानों संचालकों की भूखे मरने की नौबत...
छावनी एरिया में कटिंग की दुकान संचालित करने वाले विक्की सेन का कहना है कि उनकी दुकान से रोज एक हजार रुपए की आमदनी हो जाती थी, जिससे पूरे परिवार के चार पांच सदस्य निर्भर हैं. लेकिन अब बीते 50 दिनों से दुकान बंद है तो बचाव के जरिए ही घर चल रहा है. लेकिन यह कब तक चलेगा, सरकार अभी भी दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दे रही है. हमारे सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है.
बच्चों की फीस से लेकर घर का खर्च चलता था अब बंद...
उर्वशी ब्यूटी पार्लर संचालित करने वाली राधा का कहना है कि वह 15 से 20 हजार रुपए महीना इस से कमा लेती थीं. कुछ लड़कियों को वह ब्यूटी पार्लर की ट्रेनिंग देती थीं, लेकिन सब काम बंद है. अब घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है. घर में यह राशि मदद के रूप में ही उपयोग में आती थी. बच्चों की फीस से लेकर घर का खर्च सब में यह राशि शामिल थी. अब स्थिति बिगड़ती जा रही है.
कोचिंग एरिया में ज्यादा दिक्कत...
कोटा में करीब डेढ़ से दो लाख बच्चे कोचिंग करने आते थे, लॉकडाउन के बाद दे यहां से पलायन कर गए हैं. अब दोबारा बच्चे नहीं आए हैं. ऐसे में एरिया में संचालित होने वाले ब्यूटी पार्लर और सैलून के सामने तो बड़ी दिक्कत आ गई है. इनमें लैंड मार्क सिटी, राजीव गांधी नगर, महावीर नगर, तलवंडी, इन्द्र विहार, इलेक्ट्रॉनिक, कॉम्प्लेक्स, विज्ञान नगर और दादाबाड़ी शामिल है. यहां तो अगले एक और दो माह भी बच्चे नहीं आएंगे. ऐसे में इनकी तो दुकाने भी नहीं चल पाएंगी.