कोटा. सीएफसीएल (चंबल फर्टिलाइजर्स) कार्मिकों के वैक्सीनेशन पर कांग्रेस विधायक ने सवाल उठाते हुए कोटा के प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया को पत्र लिखकर शिकायत की है. विधायक के अनुसार गांव वालों को 18-44 आयुवर्ग टीकाकरण से महरूम रखा जा रहा है जबकि कंपनी के कार्मिकों के लिए स्पेशल स्लॉट खोले जा रहे हैं.
पढ़ें- सीएफसीएल कर्मिकों को अनुचित तरीके से लगाए जा रहे कोरोना वैक्सीन : विधायक भरत सिंह
पत्र में विधायक भरत सिंह ने जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र झालानी की शिकायत की थी, जिसके तुरंत बाद राज्य सरकार ने डॉ. झालानी पर कार्रवाई करते हुए उन्हें आरसीएचओ पद से हटा दिया है. साथ ही समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चेचट में उनको नियुक्ति दी है. जबकि ईएसआई डिस्पेंसरी में कार्यरत डॉ. रमेश कुमार कारवाल को जिले का आरसीएचओ बना दिया है.
बता दें, गड़ेपान में कोरोना वैक्सीनेशन का एक शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें सीएफसीएल प्लांट के कार्मिकों और मजदूरों को ही वैक्सीन लगी थी. इस दौरान इलाके के ग्रामीण भी वहां पर वैक्सीन लगवाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन प्लांट के लोगों ने उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया और वहां से भगा दिया.
मामले की सूचना जब विधायक भरत सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने इस मामले में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के समक्ष नाराजगी भी जताई थी. इसके बाद उन्होंने पूरे मामले को लेकर कोटा जिले के प्रभारी मंत्री लालचंद कटारिया को पत्र लिखा था.
CMHO पर नहीं हुई कार्रवाई
वहीं, पीपल्दा विधायक के आपत्ति के बाद भी सीएमएचओ पर कार्रवाई नहीं हुई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भूपेंद्र सिंह तंवर पर रिश्वत मांगने का आरोप लगा है. सीएमएचओ के अधीन काम करने वाले नेशनल हेल्थ मिशन के जिला लेखा प्रबंधक महेंद्र कुमार मालीवाल 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ ट्रैप हुआ है. इस मामले में पीपल्दा विधायक रामनारायण मीणा ने कार्रवाई की मांग की थी.