कोटा. कैथून कस्बे में अतिक्रमण के मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हो गई थी. कांग्रेस के बोर्ड का भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने विरोध किया था. इस मामले में भाजपा पार्षदों पर नगर पालिका में तोड़फोड़ और कार्मिकों से मारपीट के भी आरोप लगे थे. मामला लंबे समय से तूल पकड़े हुए हैं और इस मामले में तीन मुकदमे भी दर्ज हुए थे. मामले में कैथून नगरपालिका के दो अभियंताओं को राजनीति करना महंगा पड़ गया है. यह लोग भाजपा पार्षदों की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस के धरने में शामिल हुए थे. साथ ही, गिरफ्तारी की मांग भी कर रहे थे. इनकी शिकायत पर स्वायत शासन विभाग ने दोनों को निलंबित कर दिया है. साथ ही निलंबन काल में भी उनका मुख्यालय जयपुर रखा गया है.
मामले के अनुसार, भाजपा ने कैथून नगरपालिका पर अतिक्रमण में भेदभाव का आरोप लगाया था, उसके बाद विवाद हुआ. इस मामले में हिंदू संगठनों और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने भाजपा पार्षदों पर कार्रवाई के विरोध में कैथून कस्बे को बंद भी रखा था. वहीं, भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग को लेकर कैथून नगर पालिका अध्यक्ष आईना महक और अन्य कांग्रेसी नेता लगातार पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन और धरना प्रदर्शन कर रहे थे. इस प्रदर्शन में शामिल होने वाले दो अधिकारियों की शिकायत भी प्रशासन विभाग से हुई थी.
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जिसके बाद ही कार्रवाई करते हुए डीएलबी ने अधिशासी अभियंता मुकेश नागर और कनिष्ठ अभियंता संदीप गहलोत को पहले नोटिस जारी किए गए थे. लेकिन, नोटिस का जवाब मिलने के पहले ही रविवार के दिन इन दोनों पर ही कार्रवाई कर दी गई और दोनों को निलंबित कर दिया है. यह दोनों भाजपा नेताओं के खिलाफ कांग्रेस के धरने प्रदर्शन में शामिल हो गए थे. हालांकि, इसके बाद भी यह विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस जहां पर आईजी ऑफिस कोटा में पहुंचकर धरना प्रदर्शन करेगी. वहीं, भाजपा रामगंजमंडी में भी नगरपालिका के तुम को लेकर विरोध प्रदर्शन होगा.