कोटा. जिले की सांगोद सीट से कांग्रेस विधायक भरत सिंह और गहलोत सरकार में मंत्री प्रमोद जैन भाया के बीच की सियासी तनातनी जगजाहिर है. भरतसिंह लगातार अपने बयानों और पत्रों के जरिए प्रमोद जैन पर निशाना साधते रहते हैं. लेकिन राजनीतिक तनातनी अब गाली तक पहुंच गई है. विधायक भरत सिंह ने (Bharat Singh abused minister Pramod Jain) सीएम गहलोत को मंगलवार को लिखे एक पत्र में मंत्री भाया को गाली की तरह बता दिया. उन्होंने यह पत्र आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर लिखा है. जिसमें पर्यावरण संरक्षण के लिए आग्रह किया है. विधायक के इस पत्र में अपनी सरकार के मंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं को तेज कर दिया है.
विधायक भरत सिंह ने इस पत्र में जिक्र करते हुए लिखा है कि (Bharat Singh wrote a letter to Gehlot) पूरे देश में भारत माता और धरती मां के जयकारे गूंज रहे हैं. प्रश्न यह है कि भारत व धरती माता हम किसको कहते हैं. सेना के जवान देश की सीमा की रक्षा करके अपने प्राण न्योछावर कर देते हैं. देश के पर्वत, पहाड़, नदी, नाले, जीव प्राणी और 131 करोड़ मनुष्य ही भारत और धरती माता है. इस भारत माता की रक्षा करना ही धरती माता की रक्षा करना है. उन्होंने पत्र में आगे लिखा है कि लेकिन मानव की हवस आज जंगल, जमीन, नदी, नाले और पर्वत पहाड़ों को खोदकर नष्ट कर रही है. एक प्रकार से भारत माता पर ही सीधा हमला है. भरतपुर के संत विजयदास ने पर्वतों को नष्ट होने से रोकने पर ध्यान दिलवाने के लिए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. हमें धरती माता को बचाने के लिए इस घटना से सबक लेना होगा.
उन्होंने आरोप लगाते हुए लिखा कि सोरसन में गोडावण प्रजनन क्षेत्र में प्रदेश के खनिज मंत्री ने तीन खनन लीज प्राप्त कर धरती माता को वहां सदा के लिए नष्ट करने की योजना बना ली है. भरत सिंह ने सवाल करते हुए हा कि क्या खनिज मंत्री को अपनी पूर्ति के लिए धरती मां को तहस-नहस करने के लिए खुला छोड़ दिया जाए?. देश की सीमा की रक्षा के साथ ही हमें हमारे नदी, नाले, पर्वत, पहाड़, जंगल, चरागाह वह समूचे पर्यावरण की रक्षा पर अगले 25 वर्ष गंभीरता से ध्यान देना होगा. यही भारत मां की सेवा पूजा होगी. इस पत्र में (Sangod MLA abused in the letter ) विधायक भरत सिंह ने मंत्री की तुलना गाली से की है.
इससे पहले भी लगा चुके हैं तीखे आरोपः विधायक भरत सिंह इससे पहले भी मंत्री प्रमोद जैन भाया के खिलाफ तीखे बयान देते हुए कई आरोप लगा चुके हैं. वे मंत्री भाया को भ्रष्ट से लेकर खनन माफिया तक बता चुके हैं. इस संबंध में सैंकड़ों पत्र भी सीएम गहलोत को लिख चुके हैं. लेकिन इस बार सियासी बयानबाजी के बीच मर्यादाओं को लांघती नजर आई है. किसी मंत्री के खिलाफ इस तरह के शब्दों के इस्तेमाल को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को गर्म कर दिया है.