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कोटा: चैत्र नवरात्र पर मंदिरों और घरों में हुई घट स्थापना, CORONA वायरस खत्म करने के लिए मां से की प्रार्थना

बुधवार से चैत्र नवरात्र शुरू हो गए है. वहीं बुधवार को शहर के सभी मंदिरों में घट स्थापना की गई. इस दौरान सिर्फ मंदिर के पुजारियों ने ही मंदिर में रहकर घट स्थापना की गई. इस दौरान मंदिरों में भक्तों के आने पर रोक लगा दी गई है.

कोरोना वायरस की खबर, Ashapura Mataji Temple
चैत्र नवरात्र शुरू मंदिरों और घरों में हुई घट स्थापना
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Published : Mar 25, 2020, 3:19 PM IST

कोटा. शहर में बुधवार से चैत्र नवरात्रा शुरू हो गए हैं. वहीं, कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश मे लॉकडाउन किया हुआ है. ऐसे में लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं शहर के विभिन्न मंदिरों में घट स्थापना की गई. यहां पर दर्शन आरती करने पहुंचे मंदिर के पुजारियों ने ही मंदिर में रहकर घट स्थापना की और सुबह शाम आरती की जा रही है.

चैत्र नवरात्र शुरू मंदिरों और घरों में हुई घट स्थापना

कोरोना वायरस को लेकर जहां पूरे देश में लॉक डाउन किया हुआ है. तो वहीं बुधवार को नवरात्र प्रारंभ होने से लोगों ने घरों में ही घट स्थापना की. वहीं मंदिरों में भी नवरात्रि को लेकर के विशेष पूजा अर्चना की जा रही है. जिसमें मंदिर में पुजारियों ने पूजा अर्चना कर घटस्थापना की. लॉक डाउन के चलते लोगों का आना-जाना पूर्णतया बंद है. ऐसे में मंदिरों में भी दर्शनार्थियों को रोका गया है.

कोटा शहर में है 700 साल पुराना आशापुरा माताजी मंदिर

कोटा के किशोरपुरा स्थित आशापुरा माताजी मंदिर में बुधवार से नवरात्र प्रारंभ होने के साथ ही घटस्थापना की गई है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि ये बूंदी स्टेट के दरबार ने मंदिर का निर्माण करीब 700 साल पहले कराया था जब से आज तक राजपूत समाज में हाड़ा वंश की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती हैं.

मंदिरों में नौ दिनों तक होने वाले अनुष्ठान निषेध

9 दिनों तक कई अनुष्ठान यहां पर किए जाते थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते सब चीजें निषेध कर दी गई है. सिर्फ माताजी के दरबार में अखंड ज्योत के साथ ही ज्वारे और पंडितों की ओर से ही पूजा-अर्चना की जा रही है. दर्शनार्थियों का पूर्णतया निषेध किया गया है.

पढ़ें- जरूरतमंदों भोजन बांटने के साथ कर रहे कोरोना को लेकर जागरूक

मंदिर के पुजारियों ने बताया कि नवरात्रों में होने वाले सभी आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है. सिर्फ माता जी की मंगला आरती, शयन आरती और संध्या आरती ही हम कर रहें हैं. इसके अलावा इक्के दुक्के ही दर्शन आरती यहां पर दर्शन करने आते हैं, लेकिन मंदिर को पूर्णतया दर्शनार्थियों से नीचे किया हुआ है. पुजारियों का कहना है कि मंदिर समिति के लोग भी यहां नहीं आ रहे हैं उनके आदेशानुसार ही माता जी की पूजा अर्चना की जा रही है.

चैत्र नवरात्रि में जहां मंदिरों में लोगों का जमावड़ा लगा रहता था कोरोनावायरस ने इनको घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया लोग घरों में ही घटस्थापना कर रहे हैं और मंदिरों में जाने की बजाय घरों में ही पूजा अर्चना करने में लगे हुए हैं. इसके अलावा देवी देवताओं से कोरोना वायरस को जल्द ही समाप्त करने के लिए भी प्रार्थना कर रहे हैं.

कोटा. शहर में बुधवार से चैत्र नवरात्रा शुरू हो गए हैं. वहीं, कोरोना वायरस को लेकर पूरे देश मे लॉकडाउन किया हुआ है. ऐसे में लोग घरों से नहीं निकल रहे हैं. वहीं शहर के विभिन्न मंदिरों में घट स्थापना की गई. यहां पर दर्शन आरती करने पहुंचे मंदिर के पुजारियों ने ही मंदिर में रहकर घट स्थापना की और सुबह शाम आरती की जा रही है.

चैत्र नवरात्र शुरू मंदिरों और घरों में हुई घट स्थापना

कोरोना वायरस को लेकर जहां पूरे देश में लॉक डाउन किया हुआ है. तो वहीं बुधवार को नवरात्र प्रारंभ होने से लोगों ने घरों में ही घट स्थापना की. वहीं मंदिरों में भी नवरात्रि को लेकर के विशेष पूजा अर्चना की जा रही है. जिसमें मंदिर में पुजारियों ने पूजा अर्चना कर घटस्थापना की. लॉक डाउन के चलते लोगों का आना-जाना पूर्णतया बंद है. ऐसे में मंदिरों में भी दर्शनार्थियों को रोका गया है.

कोटा शहर में है 700 साल पुराना आशापुरा माताजी मंदिर

कोटा के किशोरपुरा स्थित आशापुरा माताजी मंदिर में बुधवार से नवरात्र प्रारंभ होने के साथ ही घटस्थापना की गई है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि ये बूंदी स्टेट के दरबार ने मंदिर का निर्माण करीब 700 साल पहले कराया था जब से आज तक राजपूत समाज में हाड़ा वंश की कुलदेवी के रूप में पूजी जाती हैं.

मंदिरों में नौ दिनों तक होने वाले अनुष्ठान निषेध

9 दिनों तक कई अनुष्ठान यहां पर किए जाते थे, लेकिन कोरोना वायरस के चलते सब चीजें निषेध कर दी गई है. सिर्फ माताजी के दरबार में अखंड ज्योत के साथ ही ज्वारे और पंडितों की ओर से ही पूजा-अर्चना की जा रही है. दर्शनार्थियों का पूर्णतया निषेध किया गया है.

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मंदिर के पुजारियों ने बताया कि नवरात्रों में होने वाले सभी आयोजनों को निरस्त कर दिया गया है. सिर्फ माता जी की मंगला आरती, शयन आरती और संध्या आरती ही हम कर रहें हैं. इसके अलावा इक्के दुक्के ही दर्शन आरती यहां पर दर्शन करने आते हैं, लेकिन मंदिर को पूर्णतया दर्शनार्थियों से नीचे किया हुआ है. पुजारियों का कहना है कि मंदिर समिति के लोग भी यहां नहीं आ रहे हैं उनके आदेशानुसार ही माता जी की पूजा अर्चना की जा रही है.

चैत्र नवरात्रि में जहां मंदिरों में लोगों का जमावड़ा लगा रहता था कोरोनावायरस ने इनको घरों में कैद रहने को मजबूर कर दिया लोग घरों में ही घटस्थापना कर रहे हैं और मंदिरों में जाने की बजाय घरों में ही पूजा अर्चना करने में लगे हुए हैं. इसके अलावा देवी देवताओं से कोरोना वायरस को जल्द ही समाप्त करने के लिए भी प्रार्थना कर रहे हैं.

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