कोटा. सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने कोविड-महामारी के कारण आगामी भविष्य में संभावित विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए 10वीं व 12वीं बोर्ड की परीक्षा प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन किया है. बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट पर आज एक नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके बारे में कोटा के एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2021-22 को विषम परिस्थितियों का सामना करने की दृष्टि से दो भागों में बांट दिया गया है.
पढ़ें: केंद्र पर्याप्त वैक्सीन दे तो 2 महीने में पूरे राजस्थान को वैक्सीन लगा देंगे: रघु शर्मा
शैक्षणिक वर्ष का प्रथम भाग सत्र शुरू से लेकर नवंबर व दिसंबर तक का होगा. इसमें अंत में परीक्षाएं भी आयोजित कर ली जाएगी. इनके परिणाम का अंतिम परिणाम बनाने में अनुपातिक उपयोग होगा. इसके बाद बीते सत्र का द्वितीय सत्र शुरू होगा. इसकी परीक्षाएं मार्च-अप्रैल में होगी. प्रथम व द्वितीय सत्र के परीक्षा-परिणामों के आधार पर ही अंतिम परीक्षा परिणाम तैयार किए जाएंगे. देव शर्मा ने बताया कि प्रथम एवं द्वितीय दोनों सत्रों में शैक्षणिक वर्ष के सिलेबस का 50 फीसदी भाग ही पूछा जाएगा.
सीबीएसई ने विद्यार्थियों की लॉजिकल व एनालिटिकल कैपेबिलिटी के सटीक असेसमेंट के लिए शैक्षणिक सत्र के दो भागों में होने वाली परीक्षाओं को अलग-अलग प्रारूपों में आयोजित करेगा. देव शर्मा ने बताया कि नवंबर दिसंबर में आयोजित की जाने वाली प्रथम सत्र की परीक्षाएं मल्टीपल चॉइस क्वेश्चंस-एमसीक्यू आधारित होगी. जबकि प्रश्न पत्र ऑब्जेक्टिव टाइप होंगे. यह परीक्षा ओएमआर शीट पर आयोजित होगी. इस परीक्षा के प्रश्न पत्र सीबीएसई ही तैयार करेगी. यह परीक्षाएं सीबीएसई के पदस्थापित एक्सटर्नल ऑब्जर्वर्स की उपस्थिति में आयोजित की जाएंगी.
देव शर्मा ने बताया कि प्रथम सत्र की परीक्षाओं का परीक्षा काल 90 मिनट का होगा. मार्च-अप्रैल में आयोजित की जाने वाली द्वितीय सत्र की परीक्षाएं सबजक्टिव मोड पर होंगी. इन परीक्षाओं में विद्यार्थियों से शॉर्ट आंसर व लॉग आंसर टाइप प्रश्न पूछे जाएंगे. इनका परीक्षाकाल 2 घंटे का होगा.