कोटा. देश की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा (Engineering Entrance Exam) जेईई मेन 2021 (JEE Main 2021) हाल ही में समाप्त हुई है. आयोजन के अंतिम दिन सीबीआई (CBI) ने प्रवेश परीक्षा के आयोजन में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर दिल्ली, महाराष्ट्र और झारखंड में कई स्थानों पर छापे मारे गए.
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छापे की इस कार्रवाई ने एक ओर जहां जेईई मेन प्रवेश परीक्षा (JEE Main Entrance Exam) की प्रतिष्ठा पर सवालिया निशान खड़े किए, तो दूसरी और कई परीक्षा में भाग लेने वाले कई विद्यार्थियों को परेशान कर दिया है.
ईटीवी भारत ने एजुकेशन एक्सपर्ट, कोटा कोचिंग की फैकल्टी और स्टूडेंट से बात की. जिसमें उन्होंने कहा कि सीबीआई के इन छापों ने मायूस कर दिया है. कोचिंग शिक्षक, जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में अनियमितताओं के कारण प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के साथ होने वाले अन्याय को लेकर चिंतित भी हैं और थोड़े मायूस भी है.
एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट यूजी (NEET UG) के आयोजन एवं परिणामों को लेकर तो प्रतिवर्ष सवाल खड़े होते हैं. वहां अनियमितताओं के मामले सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते हैं. ये मामले मुन्ना भाई एमबीबीएस की तर्ज पर पर फर्जी विद्यार्थियों के परीक्षा देने से लेकर एग्जामिनेशन पेपर के क्षेत्रीय भाषा में गलत ट्रांसलेशन को लेकर होते हैं, लेकिन अनियमितता को लेकर जेईई मेन प्रवेश परीक्षा में सीबीआई छापे की कार्रवाई का शायद यह पहला मामला है.
अब तक परीक्षा आयोजन के दौरान विभिन्न स्थानों पर सीबीआई के छापे मारने की कार्रवाई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (National Testing Agency) नई दिल्ली और जेईई मेन के इतिहास में पहली बार की गई है.
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केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई, नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और शिक्षा मंत्री भारत सरकार को शीघ्र ही इस बारे में न्याय संगत कार्रवाई को लेकर स्पष्टीकरण जारी करने की आवश्यकता है. ताकि विद्यार्थियों और अभिभावकों में इस परीक्षा को लेकर विश्वास कायम रहे.
देव शर्मा का कहना हैं कि सीबीआई की कार्रवाई के बाद जेईई मेन 2021 के परीक्षा परिणाम में देरी को लेकर आशंका है. वहीं, इसमें लोग आशा कर रहे है कि दोषी विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम रोक अन्य का परीक्षा परिणाम जारी हो. जेईई एडवांस्ड की तैयारी करने वाले कई विद्यार्थी और अभिभावक इस बात को लेकर भी आशंकित हैं कि कहीं उपरोक्त कार्रवाई के कारण जेईई एडवांस्ड प्रवेश परीक्षा तो प्रभावित नहीं होगी.
सरकार, पेरेंट्स और पासआउट स्टूडेंट भी कटघरे में
कोटा कोचिंग की फैकल्टी और मुंबई आईआईटी के पासआउट ओम शर्मा का कहना है कि बच्चा दसवीं से ही आईआईटियन बनने के लिए तैयारी शुरू कर देता है, साल भर की मेहनत के बाद उसे पता चलता है कि कुछ स्टूडेंट्स इस तरह से अनफेयर तरीका अपना रहे हैं. वह डिमोटिवेटेड हो जाता है. यह प्रश्न लाखों मेहनत करने वाले टीचर, पैरंट्स और स्टूडेंट से जुड़ा है. इसमें सरकार और परीक्षा एजेंसी पर प्रश्न चिन्ह लगा है, पेरेंट्स जो इस तरह की पैसा देकर सीट ले रहे है और तीसरा वह स्टूडेंट जो उनकी जगह पेपर दे रहे हैं, ये तीनों कटघरे में है. इसमें पेरेंट्स भी जुड़े हुए हैं, क्योंकि बच्चा इतनी बड़ी राशि लेकर इस तरह के अनुसार काम में नहीं जुड़ सकता है. जो पासआउट स्टूडेंट्स इसमें हेल्प करते हैं, वह किसी दूसरे स्टूडेंट की जगह पर पेपर देकर पैसा कमाने की सोच रखते हुए नॉलेज को का उपयोग कर रहे है, ताकि ऐसा स्टूडेंट जो बिल्कुल भी एलिजिबल नहीं है, उसको क्वालीफाई करा देते हैं. यह बहुत ही ज्यादा डिप्रेसिंग है.
जिनकी अचानक से परसेंटाइल बढ़ी उनकी हो जांच
बिहार समस्तीपुर के साकेत कुमार का कहना है कि कुछ लोग स्कैम चलाते हैं, जबकि हम 15 घंटे मेहनत कर रहे हैं, इससे हमें ही ज्यादा फर्क पड़ता है. क्योंकि एडवांस में ढाई लाख बच्चे सेलेक्ट होने हैं. इस स्कैम के जरिए अनडिजर्विंग लोग भी क्वालीफाई हो जाते हैं. जिन बच्चों का अचानक से प्रतिशत बढ़ गया है, उनको जांच के दायरे में लेकर कार्रवाई होनी चाहिए. साथ ही उनका परिणाम भी रोकना चाहिए या फिर उन्हें इंटरव्यू के बाद ही आगे भेजना चाहिए. ताकि अगर उन्होंने गलत किया है तो यह इंटरव्यू तो साबित हो जाएगा.
एक नहीं सभी शिफ्टों की हो जांच
राजस्थान जयपुर के अर्पित टांक का कहना है कि मुझे डाउट है कि एक ही शिफ्ट में इस तरह की जांच की गई है, जबकि ऑल इंडिया एग्जाम में इतना बड़ा स्कैम हो सकता है. बहुत शर्म की बात है. इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. प्राइवेट कॉलेज और एनटीए में क्या फर्क रह जाएगा. इतनी सिक्योरिटी होने के बाद भी काम हो रहा है, लाखों रुपए लेकर स्कैम हो रहा है.
जेईई मेन का चार्ट अलग-अलग चरणों में कराने से कोई फायदा नहीं हो रहा है. ऐसे में नीट की तरह एक ही एग्जाम हो जाना चाहिए. इतनी सिक्योरिटी, फोटो स्कैन, आई स्कैन और आधार कार्ड के बाद भी इस तरह से जांच हो रहा है.
पढ़ने वाले बच्चों के साथ हो रहा है धोखा
बिहार के वैशाली जिले के निवासी शिवम कुमार का कहना है कि यह उन बच्चों के साथ धोखा हुआ है, जो दिन रात मेहनत करते हैं, लेकिन ऐसे कई बच्चे हैं जो पैसे के जरिए आगे आ रहे हैं. मुंबई के रहने वाले शिवम मिश्रा का कहना है कि हम अपनी मेहनत को सफल करने और जेईई मेन से एडवांस को क्रैक करने के लिए दिन-रात एक कर के पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन जब इस तरह का कुछ होता है तो ऐसा लगता है जैसे धोखा हुआ है.
अन डिजर्विंग बच्चों को मिल रहा है अच्छे संस्थानों में प्रवेश
उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी हिमांशु कुमार का कहना है कि वह अपने पूरे परिवार को छोड़कर कोटा में इस तरह से 2 साल से पढ़ाई कर रहे हैं, लेकिन जो पैसे वाले लोग हैं. वह पैसा देकर अच्छी रैंक ले रहे हैं और अच्छे कॉलेजों में एडमिशन कर रहे हैं. यह हम लोगों का नुकसान कर रहे हैं, जो दिन रात एक कर पढ़ रहे हैं.
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इसी तरह से झारखंड के जमशेदपुर निवासी आशुतोष शिंदे का कहना है कि यह हमें अच्छा नहीं लग रहा है. इस तरह की बात सुनकर जो लोग अन डिजविंग थे, उन्हें अच्छी रैंक मिल रही है. मध्यप्रदेश के भोपाल निवासी विनायक सिंह का कहना है कि मेरे हिसाब से तो सबके साथ गलत हुआ है. इतने सारे लोग ड्रॉप लेकर पढ़ाई कर रहे हैं कि वह जेईईमेन को क्रैक कर ले. हम इस तरह से 1 साल अपना बर्बाद करके पढ़ाई करते है. यह सब के साथ गलत है.