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तो क्या फिर सक्रिय हो गई है शिक्षा नगरी में बीटी गैंग! पुलिस की बढ़ी टेंशन - kota police

कोचिंग नगरी कोटा में आतंक फैलाने वाली बिहार टाइगर्स गैंग का एक बार फिर नाम चर्चा में आया है. इस बार गैंग के सरगना अंकित बच्चा को जान से मारने की नियत से घूम रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिनके पास से एक देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी बीते 1 साल से रंजिश अंकित बच्चा से है, इसके चलते हुए उसे जान से मारना चाहते हैं.

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तो क्या फिर सक्रिय हो गई है शिक्षा नगरी में बीटी गैंग...
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Published : Mar 13, 2021, 1:41 PM IST

कोटा. कोचिंग नगरी कोटा में आतंक फैलाने वाली बिहार टाइगर्स गैंग का एक बार फिर नाम चर्चा में आया है. इस बार गैंग के सरगना अंकित बच्चा को जान से मारने की नियत से घूम रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिनके पास से एक देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी बीते 1 साल से रंजिश अंकित बच्चा से है, इसके चलते हुए उसे जान से मारना चाहते हैं.

तो क्या फिर सक्रिय हो गई है शिक्षा नगरी में बीटी गैंग...

इन आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो पुलिस भी सकते में आ गई क्योंकि, बीते पौने 2 साल से बिहार टाइगर्स गैंग कोई मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में बीटी गैंग दोबारा तो सक्रिय नहीं हो गई है या अंदर खाने तो अपने अवैध वसूली का नेटवर्क नहीं चला रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कुन्हाड़ी थाना इलाके के बजरंगपुरा निवासी जितेंद्र उर्फ जेपी टांक और इस्माइल चौक नयापुरा निवासी आशीष उर्फ पप्पू वाल्मीकि है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को चंबल नदी की छोटी पुलिया के नजदीक से गिरफ्तार किया है, जिनके पास लोडेड देशी कट्टा मिला था.

पढ़ें: 10वीं की छात्रा ने रची खुद के अपहरण की झूठी कहानी, पिता से थी नाराज

2008 में आएगी आई थी अस्तित्व में...

बिहार टाइगर्स यानी बीटी गैंग पटना से कोटा पढ़ने आए अभिषेक ने 2008 में बनाई थी. बिहार से कोचिंग के लिए कोटा आने वाले छात्रों की मदद करने के लिए करीब आठ वर्ष पूर्व पटना के अभिषेक ने बिहार टाइगर फोर्स बनाई थी. शुरुआत में छात्रों को एडमिशन दिलाने, किफायती हॉस्टल दिलाने, उनके पढ़ने में मदद करने और जरूरत पर पैसे का इंतजाम का काम किया जाता था, लेकिन बाद में छात्रों की मदद की आड़ में अवैध उगाही शुरू कर दी. बिहार टाइगर टीम की कमान राहुल के हाथ में 2011 के आसपास लगे कि उसने नाम भी इसका भी बीटी गैंग रख दिया. बाद में बिहारी छात्रों को चंदा देने लगे इसके बाद मंजेश इसके मुखिया बन गए बाद में मुकुल के हाथ में कमान आने पर टकराव शुरू हो गया और दो गुटों में बंट गई. इसी के चलते एक छात्र सत्य प्रकाश की मौत भी आपसी रंजिश के चलते 2016 में हुई थी.

तलवंडी के एक घर में घुसकर की थी मारपीट...

बीटी गैंग शिक्षा नगरी कोटा में लगातार आतंक बनाए हुए थी. इसका नया सरगना भी अंकित बच्चा बन गया था. साल 2019 में 15 को भी तलवंडी इलाके के एक युवक का पीछा करते हुए गैंग के लोग एक मकान में प्रवेश कर गए, जिसमें गैंग के मुखिया अंकित बच्चा समेत करीब 20 से 25 लोग थे, जो कि हाथों में हथियारों से लैस थे. इनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और उसे गिरफ्तार भी किया था. इस मामले में एक अन्य साथी प्रीतम गोस्वामी भी शामिल था.

कोटा. कोचिंग नगरी कोटा में आतंक फैलाने वाली बिहार टाइगर्स गैंग का एक बार फिर नाम चर्चा में आया है. इस बार गैंग के सरगना अंकित बच्चा को जान से मारने की नियत से घूम रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिनके पास से एक देशी कट्टा और दो जिंदा कारतूस बरामद किए हैं. पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी बीते 1 साल से रंजिश अंकित बच्चा से है, इसके चलते हुए उसे जान से मारना चाहते हैं.

तो क्या फिर सक्रिय हो गई है शिक्षा नगरी में बीटी गैंग...

इन आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो पुलिस भी सकते में आ गई क्योंकि, बीते पौने 2 साल से बिहार टाइगर्स गैंग कोई मामला सामने नहीं आया है. ऐसे में बीटी गैंग दोबारा तो सक्रिय नहीं हो गई है या अंदर खाने तो अपने अवैध वसूली का नेटवर्क नहीं चला रही है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में कुन्हाड़ी थाना इलाके के बजरंगपुरा निवासी जितेंद्र उर्फ जेपी टांक और इस्माइल चौक नयापुरा निवासी आशीष उर्फ पप्पू वाल्मीकि है. पुलिस ने दोनों आरोपियों को चंबल नदी की छोटी पुलिया के नजदीक से गिरफ्तार किया है, जिनके पास लोडेड देशी कट्टा मिला था.

पढ़ें: 10वीं की छात्रा ने रची खुद के अपहरण की झूठी कहानी, पिता से थी नाराज

2008 में आएगी आई थी अस्तित्व में...

बिहार टाइगर्स यानी बीटी गैंग पटना से कोटा पढ़ने आए अभिषेक ने 2008 में बनाई थी. बिहार से कोचिंग के लिए कोटा आने वाले छात्रों की मदद करने के लिए करीब आठ वर्ष पूर्व पटना के अभिषेक ने बिहार टाइगर फोर्स बनाई थी. शुरुआत में छात्रों को एडमिशन दिलाने, किफायती हॉस्टल दिलाने, उनके पढ़ने में मदद करने और जरूरत पर पैसे का इंतजाम का काम किया जाता था, लेकिन बाद में छात्रों की मदद की आड़ में अवैध उगाही शुरू कर दी. बिहार टाइगर टीम की कमान राहुल के हाथ में 2011 के आसपास लगे कि उसने नाम भी इसका भी बीटी गैंग रख दिया. बाद में बिहारी छात्रों को चंदा देने लगे इसके बाद मंजेश इसके मुखिया बन गए बाद में मुकुल के हाथ में कमान आने पर टकराव शुरू हो गया और दो गुटों में बंट गई. इसी के चलते एक छात्र सत्य प्रकाश की मौत भी आपसी रंजिश के चलते 2016 में हुई थी.

तलवंडी के एक घर में घुसकर की थी मारपीट...

बीटी गैंग शिक्षा नगरी कोटा में लगातार आतंक बनाए हुए थी. इसका नया सरगना भी अंकित बच्चा बन गया था. साल 2019 में 15 को भी तलवंडी इलाके के एक युवक का पीछा करते हुए गैंग के लोग एक मकान में प्रवेश कर गए, जिसमें गैंग के मुखिया अंकित बच्चा समेत करीब 20 से 25 लोग थे, जो कि हाथों में हथियारों से लैस थे. इनके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और उसे गिरफ्तार भी किया था. इस मामले में एक अन्य साथी प्रीतम गोस्वामी भी शामिल था.

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