कोटा. शहर के साथ जिले में लगातार पक्षियों की मौत की सूचना आ रही है. कोटा जिले में अब तक 280 पक्षियों की मौत हो गई है. जिनमें 37 पक्षी शनिवार को मृत मिले हैं, जिनमें कौवे, मोर, चिड़िया और कबूतर शामिल हैं. इसके साथ ही पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. चंपालाल मीणा का कहना है कि जिस भी एरिया में पक्षी मृत मिलते हैं. उसके 1 किलोमीटर के दायरे के भीतर वह जितने भी डोमेस्टिक बर्ड या पोल्ट्री फॉर्म है, उनमें से नमूने लिए हैं. इसके साथ ही शहर की कई अलग अलग पोल्ट्री फॉर्म में से भी नमूने लिए हैं. सैंपल जांच के लिए भिजवाए हैं, ताकि जो डोमेस्टिक बर्ड्स हैं. उनमें बर्ड फ्लू कि जो आशंका है उसकी पुष्टि हो सके.
पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने अभेड़ा व उम्मेदगंज सहित अन्य वेटलैंड एरिया से भी पक्षियों के सिकल ड्रॉपिंग सैंपल लिए हैं. अब इन सब को भोपाल लैब में भेजा गया है. ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. चंपालाल मीणा का कहना है कि आज जो कोटा जिले में पक्षी मिले हैं. उनमें कोटा शहर के अलावा कैथून और बपावर इलाके के गांवों से मिले हैं. इसके पहले भी कोटा शहर के अलावा रामगंजमंडी और बपावर में पक्षी मृत मिले थे. इनके लिए कोटा जिले में सात रैपिड रिस्पांस टीम पशुपालन विभाग ने बनाई है. जिनमें एक जिला स्तर की और 6 ब्लॉक स्तर की है. ऐसे में जिस भी ब्लॉक में पक्षियों की मौत की सूचना मिलती है, टीम मौके पर जाती है और मृत पक्षियों को डिस्पोजल करने के काम में जुट जाती है.
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अधिकांश पक्षियों की मौत सुबह के समय...
पशुपालन विभाग के चिकित्सकों का कहना है कि बर्ड फ्लू या अन्य जो भी बीमारी से पक्षियों की मौत हो रही है. उनकी मौत सुबह के समय ज्यादा होती है. क्योंकि रात को पक्षी पेड़ों पर जाकर बैठ जाते हैं और सुबह के समय पढ़ने वाली भीषण ठंड से इस बीमारी का मर्ज बढ़ जाने से उनकी मौत हो जाती है.