कोटा. आज के जमाने में भ्रष्टाचार, मिलीभगत, गलत कार्य और उनका संरक्षण ही रावण का रूप है. अपने पद का अहंकार होना भी एक तरह से रावण का ही रूप होता है, क्योंकि अहंकार के चलते ही दूसरे लोग और आम जनता को नुकसान होता है. रावण बुराई का प्रतीक भी है, जिनसे जनता को तकलीफ होती है. जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी या नेता का दायित्व है कि बुराई को खत्म कर सुधार करें. मैं जनप्रतिनिधि हूं और मुझे लगता है कि बहुत सारी ऐसी बुराइयां हैं, जिसके लिए जिम्मेदार अधिकारी या नेता हैं. जिनको अधिकार होते हुए भी बुराई को समाप्त नहीं कर रहे हैं. ये कहना है विधायक भरत सिंह का...
जिले के सांगोद से कांग्रेस के विधायक और पूर्व मंत्री भरत सिंह हर मुद्दे पर मुखर होकर (Bharat Singh is known for His Outspokenness) अपनी राय रखते हैं. अपनी सरकार के कई मंत्रियों को भी वह निशाने पर ले चुके हैं. भरत सिंह प्रदर्शन करने का भी अनूठा तरीका अपनाते हैं. उनके हर प्रदर्शन में वह रावण को मुख्यधारा में दर्शाते हैं. इन्हीं रावण के पुतलों को जलाकर वे अपनी मांग को उठाते हैं. भरत सिंह का मानना है कि पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का पुतला दहन करना भगवान राम से हुए युद्ध से जुड़ा है. भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी. इसके बाद वह वनवास से वापस लौटे थे.
वहीं, रावण के पुतले को बुराई का प्रतीक माना जाता है. उसके दहन को बुराइयों पर अच्छाई की जीत का भी एक नजरिया है. इसलिए मेरे प्रदर्शन के दौरान रावण के साथ विरोध प्रकट करना बुराई को नीचे दिखाने की प्रक्रिया है. हालांकि, रावण के पुतले के जरिए ही विधायक भरत सिंह (Bharat Singh Targets Corrupt Officers and Leaders) अपने विरोधियों पर भी हमला बोलते हैं.
5 साल पहले प्रदर्शन में शामिल किए पुतले को रखा है कार्यालय में : विधायक भरत सिंह का कहना है कि उनके कार्यालय की बैठक में रखा रावण का पुतला करीब 5 साल पुराना है. उन्होंने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में जिला परिषद में एलईडी लाइट खरीद में एक गड़बड़झाला हुआ था. इस संबंध में उन्होंने विरोध-प्रदर्शन तत्कालीन जिला परिषद के सीईओ के खिलाफ किया था. इस मामले में एसीबी की जांच अभी चल रही है. इस पुतले को जलाने की जगह कार्यालय में रख लिया है, ताकि यहां आने वाले लोग यह पुतला देख सकें और उस पर लिखे हुए स्लोगन को पढ़ सकें. मेरा मानना है कि इस पर लिखा हुआ पढ़कर उस पर चिंतन भी करें.
पढ़ें : खनन मंत्री पर विधायक भरत सिंह का हमला, कहा- मिनरल फंड के 300 करोड़ रुपए बारां जिले में लगा रहे...
घर के बाहर भी लटकाया है उल्टे रावण का पोस्टर : विधायक भरत सिंह का घर गुमानपुरा स्थित भीम निवास है, जहां पर भी उन्होंने एक बड़ा पोस्टर लगाया हुआ है. जिसमें उल्टा रावण बनाया हुआ है. इस पर खान की झोपड़ियां गांव के संबंध में मुद्दा उठाया हुआ है, जिसमें 'प्रशासन उल्टे काम को सूल्टा कब करेगा...खान की झोपड़ियों को कोटा जिले में कब मिलाए जाएगा' की मांग को उठाया गया है. विधायक भरत सिंह ने अपने कई प्रदर्शनों में अपनी ही सरकार के मंत्री प्रमोद जैन भाया और सुखराम विश्नोई को भी निशाने पर लिया है. ऐसे में इनके खिलाफ भी रावण के पुतले लेकर प्रदर्शन किए गए हैं. भ्रष्टाचार और किसानों के खिलाफ बनाए गए कानूनों को वापस लेने के लिए भी दिसंबर 2020 में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन भरत सिंह ने किया था, जिसमें रावण के पुतले को हू-ब-हू तैयार कर जलाया गया था.
यह लिखा है पुतले पर- यदि चुप है तो मिलीभगत के साथ भ्रष्टाचार है : विधायक भरत सिंह के कार्यालय में रखा पुतला करीब 4 फीट ऊंचा है. हू-ब-हू रावण का ही यह पुतला है, जिसके 10 सिर भी हैं. यानी जिस तरह से रावण (Bharat Singh Speaks Frankly on Issues) होता है, ठीक वैसा ही यह बना हुआ है. इस पर लिखा है कि 'जानते हुए गलती करना गलत है...उस गलती को छुपाना ज्यादा गलत है...गलती की जानकारी उच्च अधिकारी को होने पर चुप रहना मिलीभगत है...विभाग का मुखिया यदि चुप है तो मिलीभगत के साथ भ्रष्टाचार भी है...पद का अहंकार ही जनता को कष्ट देता है.'
सरकार के खिलाफ नहीं, समाज हित की बात करता हूं : विधायक भरत सिंह से जब पूछा गया कि आप अपनी ही सरकार की खिलाफत करते हैं, तब उनका कहना है कि पुरानी कहावत है कि कोई भी शासक होता है, उसे निंदा करने वाले को नजदीक रखना चाहिए. क्योंकि आपका मित्र ही होगा जो आपके हित में जो बुराइयां हैं, उन्हें खत्म करने की बात कहेगा. मेरा विश्वास कांग्रेस पार्टी में है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हमारे नेता हैं. मेरा भी दायित्व बनता है कि जो समाज में गलत हो रहा है, उनके बारे में जानकारी दें. वे उच्च पद पर बैठे हुए हैं, उनकी कई मजबूरियां हैं. सबको साथ लेकर चलने की जिम्मेदारी भी है. मैं उस जिम्मेदारी से मुक्त हूं, मुझे मेरी समझ के अनुसार जो भी गलत लगता है, उसे लेकर बोलता हूं. मैं अपनी सरकार के खिलाफ नहीं बोलता हूं, समाज हित की बात रखता हूं.
पीएम मोदी को लेकर भी लगाया पोस्टर : भरतर सिंह कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने की बात कही थी. अब 2022 तक का समय आ गया है, लेकिन किसानों की आय (Congress MLA Bharat Singh on PM Modi) दोगुनी नहीं हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अलग-अलग ड्रेस पर नजर आते हैं. हाल ही में वो एनसीसी की ड्रेस में नजर आए थे. मैंने भी यह देखा और इस फोटो के साथ ही मैंने अपने कार्यालय में आने वाले लोगों को जानकारी मिल सके, ऐसी एक टिप्पणी करते हुए पोस्टर लगवाया है. इस पर एक स्लोगन भी लिखा है, जिसमें गंगा की सफाई की बात लिखी हुई है.