कोटा. आपको बता दें कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन से रेल यातायात बुरी तरह प्रभावित हो गया है. कई ट्रेनें रद्द की जा चुकी है औरकई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तित किया गया है. ऐसी स्थिति में रेलवे प्लेटफॉर्म सुने नजर आ रहे हैं. यात्रियों की संख्या में कमी के चलते स्टेशन से जुड़े कई लोगों की रोजी-रोटी पर संकट के बादल मंडराने लगे है.
रेलवे स्टेशन पर सवारियों का सामान ढोने वाले कुली ,ऑटो चालक टैक्सी चालक औऱप्लेटफार्म पर खाने पीने और अन्य सामान बेचने वाले लोग इनमें शामिल है. यह लोग सुबह घर से रोजी रोटी कमाने निकलते हैं और स्टेशन के बाहर आकर बैठ जाते है,लेकिन दिनभर बैठने के बाद भी सांवरिया नहीं मिलने से खाली जेब के साथ शाम को वापस अपने घरों पर लौट जाते हैं. सामान्य दिनों में जहां यह 5-6 सौ रुपये रोज के कमा कर घर जाते थे,गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान100 रुपये रोज कमाना भी मुश्किल हो रहा है.
स्टेशन के बाहर कुली फ्री बैठे हुए नजर आ रहे हैं ,तो ऑटो स्टैंड पर सैकड़ों ऑटो की भीड़ नजर आ रही है,जिनमे ऑटो चालक टकटकी लगाकर सवारियों की आस में स्टेशन की ओर देखते नजर आ रहे है.यही हाल टेक्सी चालको का भी है.