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ग्रामीण एसपी ने किया था शहर के पुलिसकर्मियों का सम्मान, शहर SP ने जारी कर दिया ये आदेश

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Published : Apr 15, 2021, 1:53 PM IST

ग्रामीण एसपी ने कुछ दिनों पहले शहर के चार पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया था. जिन्होंने अलग-अलग दिनों में नहर और चंबल नदी में 6 लोगों को अपनी जान पर खेलकर निकाला था. इस सम्मान समारोह के बाद ही विवाद कोटा शहर और ग्रामीण पुलिस में छिड़ गया है. शहर एसपी को कोटा शहर के पुलिसकर्मियों का सम्मान ग्रामीण एसपी के द्वारा कर देने के बाद भी नागवार गुजरी है. इसके बाद उन्होंने एक आदेश निकाल दिया कि कोई भी कोटा शहर का पुलिसकर्मी बिना उच्चाधिकारियों के अनुमति के सम्मानित नहीं होगा.

kota city sp has issued order
शहर SP ने जारी कर दिया ये आदेश

कोटा. राजस्थान में कोटा ग्रामीण एसपी ने कुछ दिनों पहले शहर के चार पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया था. जिन्होंने अलग-अलग दिनों में नहर और चंबल नदी में 6 लोगों को अपनी जान पर खेलकर निकाला था. इस सम्मान समारोह के बाद ही विवाद कोटा शहर और ग्रामीण पुलिस में छिड़ गया है. शहर एसपी को कोटा शहर के पुलिसकर्मियों का सम्मान ग्रामीण एसपी के द्वारा कर देने के बाद भी नागवार गुजरी है. इसके बाद उन्होंने एक आदेश निकाल दिया कि कोई भी कोटा शहर का पुलिसकर्मी बिना उच्चाधिकारियों के अनुमति के सम्मानित नहीं होगा.

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आदेश की कॉपी...

जानकारी के अनुसार कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में पांच वर्षीय बालक खेलते समय 60 फिट गहरी नहर में जा गिरा. जिसके बाद वहां पास में काम रही बच्चे की मां अपने बच्चे को बचाने के लिए नहर में कूद गई. इन्हें कुन्हाडी के पुलिस कांस्टेबल किशनगोपाल और चेतराम अपनी जान की परवाह किए बिना सुरक्षित बाहर निकाल लिया. इसी तरह सूरजपोल गेट के पास गुमानपुरा नहर में एक महिला के गिरने पर कांस्टेबल रविकुमार ने 40 फिट गहरी नहर में छलांग लगा सकुशल बचा लिया.

वहीं, आर्थिक तंगी से परेशान होकर चम्बल पुलिया से नीचे नदी में कूदने वाले युवक को कांस्टेबल राधेश्याम सांखला और चेतराम चौधरी ने निकाला. साथ ही एक अन्य युवक को भी जो चंबल नदी में गिरा था, उसको भी हैड कांस्टेबल राधेश्याम सांखला ने निकाला. इन लोगों का सम्मान 8 अप्रैल को कोटा ग्रामीण शरद चौधरी ने अपने कार्यालय में बुलाकर किया था. साथ ही कुछ सामाजिक संस्थाओं ने भी थाने पर जाकर पुलिसकार्मिकों का अभिवादन किया था. जिस पर कोटा शहर एसपी विशाल पाठक एक आदेश जारी कर दिया है कि बिना उच्च अधिकारियों की अनुमति के कोई भी पुलिसकर्मी सामाजिक संस्थाओं और किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर सम्मानित नहीं होगा.

पढ़ें : चुनाव प्रचार का अंतिम दिन : 30 स्टार प्रचारक, लेकिन अहम जिम्मेदारी सरकार के 6 मंत्रियों को...क्या बचा पाएंगे साख ?

यहां तक कि कोटा शहर एसपी विकास पाठक ने एक आदेश जारी किया है. उसमें राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम 1971 के नियम 26 का उल्लेख किया है. जिसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी बिना नियुक्ति अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के ना तो सम्मान में दिया गया अभिनंदन पत्र और न प्रमाण पत्र स्वीकार करेगा. वहीं, स्वयं के सत्कार या अन्य सरकारी कर्मचारी के सत्कार में आयोजित सभा समारोह में उपस्थित होगा. साथ ही उन्होंने इसे विभाग की गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है.

कोटा. राजस्थान में कोटा ग्रामीण एसपी ने कुछ दिनों पहले शहर के चार पुलिसकर्मियों को सम्मानित किया था. जिन्होंने अलग-अलग दिनों में नहर और चंबल नदी में 6 लोगों को अपनी जान पर खेलकर निकाला था. इस सम्मान समारोह के बाद ही विवाद कोटा शहर और ग्रामीण पुलिस में छिड़ गया है. शहर एसपी को कोटा शहर के पुलिसकर्मियों का सम्मान ग्रामीण एसपी के द्वारा कर देने के बाद भी नागवार गुजरी है. इसके बाद उन्होंने एक आदेश निकाल दिया कि कोई भी कोटा शहर का पुलिसकर्मी बिना उच्चाधिकारियों के अनुमति के सम्मानित नहीं होगा.

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आदेश की कॉपी...

जानकारी के अनुसार कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में पांच वर्षीय बालक खेलते समय 60 फिट गहरी नहर में जा गिरा. जिसके बाद वहां पास में काम रही बच्चे की मां अपने बच्चे को बचाने के लिए नहर में कूद गई. इन्हें कुन्हाडी के पुलिस कांस्टेबल किशनगोपाल और चेतराम अपनी जान की परवाह किए बिना सुरक्षित बाहर निकाल लिया. इसी तरह सूरजपोल गेट के पास गुमानपुरा नहर में एक महिला के गिरने पर कांस्टेबल रविकुमार ने 40 फिट गहरी नहर में छलांग लगा सकुशल बचा लिया.

वहीं, आर्थिक तंगी से परेशान होकर चम्बल पुलिया से नीचे नदी में कूदने वाले युवक को कांस्टेबल राधेश्याम सांखला और चेतराम चौधरी ने निकाला. साथ ही एक अन्य युवक को भी जो चंबल नदी में गिरा था, उसको भी हैड कांस्टेबल राधेश्याम सांखला ने निकाला. इन लोगों का सम्मान 8 अप्रैल को कोटा ग्रामीण शरद चौधरी ने अपने कार्यालय में बुलाकर किया था. साथ ही कुछ सामाजिक संस्थाओं ने भी थाने पर जाकर पुलिसकार्मिकों का अभिवादन किया था. जिस पर कोटा शहर एसपी विशाल पाठक एक आदेश जारी कर दिया है कि बिना उच्च अधिकारियों की अनुमति के कोई भी पुलिसकर्मी सामाजिक संस्थाओं और किसी भी सरकारी कार्यालय में जाकर सम्मानित नहीं होगा.

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यहां तक कि कोटा शहर एसपी विकास पाठक ने एक आदेश जारी किया है. उसमें राजस्थान सिविल सेवा आचरण नियम 1971 के नियम 26 का उल्लेख किया है. जिसके तहत कोई भी सरकारी कर्मचारी बिना नियुक्ति अधिकारी की पूर्व स्वीकृति के ना तो सम्मान में दिया गया अभिनंदन पत्र और न प्रमाण पत्र स्वीकार करेगा. वहीं, स्वयं के सत्कार या अन्य सरकारी कर्मचारी के सत्कार में आयोजित सभा समारोह में उपस्थित होगा. साथ ही उन्होंने इसे विभाग की गरिमा बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया है.

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