ETV Bharat / city

कोटाः बारिश की भेंट चढ़ी 11 लाख बीघा की फसल, सोयाबीन और उड़द में 90 फीसदी तक खराबी आई - कोटा में फसल खराब

हाड़ौती में हुई भारी बारिश ने किसानों की कमर पर चोट की है. भारी बारिश से कोटा संभाग में करीब 11 लाख बीघा की फसल खराब हुई है. सबसे ज्यादा खराबा सोयाबीन और उड़द की फसल में हुआ है.

कोटा में भारी बारिश, heavy rain in kota
बारिश की भेंट चढ़ी 11 लाख बीघा की फसल
author img

By

Published : Aug 5, 2021, 10:44 PM IST

कोटा. हड़ौती में भारी बारिश के कारण पहले जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. वहीं, अब किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है. भारी बारिश के कारण कोटा संभाग की करीब 11 लाख बीघा की फसल खराब हो गई है. बारिश का पानी खेतों में भरा रहा और उसकी निकासी नहीं हो पाई. ऐसे में खेतों में जल प्लावन की स्थिति हो गई और किसानों की फसल लंबे समय तक पानी भरा रहने के चलते खराब हुई है.

पढ़ेंः अतिवृष्टि से प्रदेश में 3 लाख 69 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित, कोटा, बारां, बूंदी और सवाई माधोपुर फसलों को ज्यादा नुकसान

हाड़ौती में सर्वाधिक खराबा सोयाबीन और उड़द की फसल में हुआ है. यह खराबा कहीं-कहीं पर 90 फ़ीसदी तक है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेतों में पानी भरा रहने से 20 से लेकर 75 फ़ीसदी तक फसलें खराब हुई हैं. यह आंकड़े प्राथमिक हैं. अगले 2 दिन में बारिश की क्या स्थिति रहती है. उसके अनुसार ही फसल खराबी का पूरा पता चल पाएगा.

बारिश की भेंट चढ़ी 11 लाख बीघा की फसल

कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा का कहना है कि बीते 4 दिन से संभाग के कई एरिया में 350 से 400 मिलीमीटर बारिश हुई है. इसके चलते बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा जिले में फसलों में खराबा आया है.

कोटा में 4 लाख बीघा में फसल खराब

कोटा संभाग में सबसे ज्यादा खराबा कोटा जिले में हुआ है. कोटा जिले में इटावा, दीगोद, सांगोद, लाडपुरा में सबसे ज्यादा फसल खराबे की सूचना है. करीब चार लाख से ज्यादा बीघा जमीन में सोयाबीन और उड़द को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद बूंदी जिले में भी करीब 391000 बीघा जमीन में खराबा सामने आया है. इसमें केशोरायपाटन, तालेड़ा और इंद्रगढ़ तहसील में खराबा हुआ है. इसके अलावा बारां जिले में किशनगंज, छबड़ा, छीपाबड़ौद, अटरू और मांगरोल में सर्वाधिक खराबे की सूचना है. जिसमें की तीन लाख से ज्यादा बीघा में बोई गई फसल को नुकसान पहुंचा है. झालावाड़ जिले में सबसे कम 1572 बीघा में ही फसल खराब हुई है.

6 लाख से ज्यादा बीघा की सोयाबीन में खराबा

कृषि विभाग के अधिकारियों ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसके अनुसार सबसे ज्यादा हाड़ौती में सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है, जो कि 6 लाख बीघा से भी ज्यादा है. इसमें करीब 20 से 80 फीसदी तक नुकसान का आकलन किया गया है. इसके बाद उड़द की फसल में भी खराबा सामने आया है, जो कि 3 लाख से ज्यादा बीघा में 20 से 90 फ़ीसदी तक है.

पढ़ेंः राजस्थान : पंचायती राज चुनाव की घोषणा से कैबिनेट विस्तार पर संशय के बादल

मक्का की फसल में भी करीब 70 हजार बीघा से ज्यादा में 15 से 70 फीसदी नुकसान है. इसके साथ ही तिल, ज्वार, बाजरा, मूंग, ग्वार व मूंगफली की फसलों में नुकसान हुआ है. साथ ही चावल की फसल में किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.

किसान टोल फ्री नंबर पर दर्ज करवाएं खराबे की सूचना

कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा ने बताया कि जिन किसानों ने बीमा करवा रखा है और वे नुकसान के लिए आवेदन टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे में करवाएं. इसके लिए सभी कृषि पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया है. इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से भी कृषि अधिकारियों को 7 दिवस के अंदर जानकारी दें, ताकि मौके का निरीक्षण करवाकर उचित मुआवजा किसानों को बीमा के जरिए दिलाया जा सके.

कोटा. हड़ौती में भारी बारिश के कारण पहले जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. वहीं, अब किसानों की मेहनत बर्बाद हो रही है. भारी बारिश के कारण कोटा संभाग की करीब 11 लाख बीघा की फसल खराब हो गई है. बारिश का पानी खेतों में भरा रहा और उसकी निकासी नहीं हो पाई. ऐसे में खेतों में जल प्लावन की स्थिति हो गई और किसानों की फसल लंबे समय तक पानी भरा रहने के चलते खराब हुई है.

पढ़ेंः अतिवृष्टि से प्रदेश में 3 लाख 69 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित, कोटा, बारां, बूंदी और सवाई माधोपुर फसलों को ज्यादा नुकसान

हाड़ौती में सर्वाधिक खराबा सोयाबीन और उड़द की फसल में हुआ है. यह खराबा कहीं-कहीं पर 90 फ़ीसदी तक है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि खेतों में पानी भरा रहने से 20 से लेकर 75 फ़ीसदी तक फसलें खराब हुई हैं. यह आंकड़े प्राथमिक हैं. अगले 2 दिन में बारिश की क्या स्थिति रहती है. उसके अनुसार ही फसल खराबी का पूरा पता चल पाएगा.

बारिश की भेंट चढ़ी 11 लाख बीघा की फसल

कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा का कहना है कि बीते 4 दिन से संभाग के कई एरिया में 350 से 400 मिलीमीटर बारिश हुई है. इसके चलते बारां, बूंदी, झालावाड़ और कोटा जिले में फसलों में खराबा आया है.

कोटा में 4 लाख बीघा में फसल खराब

कोटा संभाग में सबसे ज्यादा खराबा कोटा जिले में हुआ है. कोटा जिले में इटावा, दीगोद, सांगोद, लाडपुरा में सबसे ज्यादा फसल खराबे की सूचना है. करीब चार लाख से ज्यादा बीघा जमीन में सोयाबीन और उड़द को नुकसान पहुंचा है. इसके बाद बूंदी जिले में भी करीब 391000 बीघा जमीन में खराबा सामने आया है. इसमें केशोरायपाटन, तालेड़ा और इंद्रगढ़ तहसील में खराबा हुआ है. इसके अलावा बारां जिले में किशनगंज, छबड़ा, छीपाबड़ौद, अटरू और मांगरोल में सर्वाधिक खराबे की सूचना है. जिसमें की तीन लाख से ज्यादा बीघा में बोई गई फसल को नुकसान पहुंचा है. झालावाड़ जिले में सबसे कम 1572 बीघा में ही फसल खराब हुई है.

6 लाख से ज्यादा बीघा की सोयाबीन में खराबा

कृषि विभाग के अधिकारियों ने जो रिपोर्ट तैयार की है उसके अनुसार सबसे ज्यादा हाड़ौती में सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है, जो कि 6 लाख बीघा से भी ज्यादा है. इसमें करीब 20 से 80 फीसदी तक नुकसान का आकलन किया गया है. इसके बाद उड़द की फसल में भी खराबा सामने आया है, जो कि 3 लाख से ज्यादा बीघा में 20 से 90 फ़ीसदी तक है.

पढ़ेंः राजस्थान : पंचायती राज चुनाव की घोषणा से कैबिनेट विस्तार पर संशय के बादल

मक्का की फसल में भी करीब 70 हजार बीघा से ज्यादा में 15 से 70 फीसदी नुकसान है. इसके साथ ही तिल, ज्वार, बाजरा, मूंग, ग्वार व मूंगफली की फसलों में नुकसान हुआ है. साथ ही चावल की फसल में किसी भी तरह के नुकसान की कोई सूचना नहीं है.

किसान टोल फ्री नंबर पर दर्ज करवाएं खराबे की सूचना

कोटा संभाग के संयुक्त निदेशक रामावतार शर्मा ने बताया कि जिन किसानों ने बीमा करवा रखा है और वे नुकसान के लिए आवेदन टोल फ्री नंबर पर 72 घंटे में करवाएं. इसके लिए सभी कृषि पर्यवेक्षकों को निर्देशित किया गया है. इसके अलावा व्यक्तिगत रूप से भी कृषि अधिकारियों को 7 दिवस के अंदर जानकारी दें, ताकि मौके का निरीक्षण करवाकर उचित मुआवजा किसानों को बीमा के जरिए दिलाया जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.