कोटा. प्रदेश भर की जेलों में बंद 1,200 की दिनों को रिहा करने के आदेश राजस्थान सरकार ने दिए हैं. इनमें से कोटा सेंट्रल जेल के 86 बंदियों को छोड़ा जाएगा. इनमें से आज सेंट्रल जेल में विगत लंबे समय से अपने गुनाहों की सजा भुगत रहे 21 कैदियों को जेल प्रशासन ने सरकार से प्राप्त निर्देशों पर समय से पहले ही रिहा कर दिया. ये सभी 86 कैदी कोटा सेंट्रल जेल की सलाखों के पीछे 10 से 15 सालों से कैद थे, जो अब नए सिरे से अपनी जिंदगी को शुरू करने के लिए तैयार हैं.
वहीं, सरकार की इस पहल से मिली खुशी इनके चेहरे से साफ झलक रही थी. इनमें शामिल ये सभी कैदी हत्या, मारपीट, लूट जैसे संगीन मामलों के आरोपी है। जेल में इनका आचरण बेहद अच्छा और सराहनीय था. इन सबके भीतर अपने गुनाहों को लेकर पश्चतावा भी था. जेल के भीतर की दुनिया ने इनके विचारों को बदल कर रख दिया था और इनके इसी आचरण के चलते कैदियों को समय से पहले रिहा करने का फैसला लिया, जो लगभग सजा पूरी कर चुके है या सिर्फ जुर्माना ना भर पाने की वजह से जेल में रहना जिनकीं मजबूरी था. इस दौरान संभागीय आयुक्त केसी मीणा भी मौजूद रहे. उन्होंने सभी कैदियों को भगवत गीता सौंपी है.
![86 prisoners will be released from kota jail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/rj-kta-04b-jail-04-30march-pkg-7201654_30032021221144_3003f_1617122504_970.jpg)
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संभागीय आयुक्त केसी मीणा ने कहा कि कैदियों के सामने दो तरह की बातें आई थी. एक तो वह जिस भावेश में आकर उन्होंने घटना की थी. उसके बाद उन्हें इस तरह से सजा पूरी करने के बाद वह रिहा हुए हैं. जेल में जो भी जेल रिफॉर्म की एक्टिविटी हो रही है. उनसे उन्होंने कुछ न कुछ सीखा है और इन्हें अपनी सजा काटने के बाद पश्चाताप भी पहले की गई घटना का है. आगे यह सभी लोग अपनी जिंदगी को अच्छे से जिएंगे. इस अवसर पर जेल के कैदियों की आर्केस्ट्रा आशाएं बैंड ने भी संगीत की ध्वनियों से उनका सम्मान किया. इस दौरान जेल अधीक्षक सुमन मालीवाल सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे.